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Thursday 17 June 2021 06:16:13 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय श्रम एवं रोज़गार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष गंगवार ने कहा है कि भारत सरकार बेहतर अवसरों के लिए स्थायी, दीर्घकालिक प्रतिबद्धता के माध्यम से महिलाओं और कमजोर वर्ग के लोगों, युवाओं के लिए रोज़गार परिणामों में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षा और रोज़गार के बीच सेतु को बेहतर बनाने और युवाओं को काम के भविष्य के लिए तैयार करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, जिसके अंतर्गत कौशल विकास, रोज़गार सृजन और उद्यमिता कार्यक्रमों के माध्यम से अनेक नीतियां और योजनाएं प्रारंभ की गई हैं। आज यहां श्रम और रोज़गार मंत्रालय और यूनिसेफ के बीच आशय के वक्तव्य पर हस्ताक्षर किए गए। उन्होंने कहा कि हम यूनिसेफ और संबद्ध नेटवर्क सदस्यों की शक्ति का लाभ उठाते हुए आशा करते हैं कि देश के भविष्य में योगदान और देश के भविष्य को स्वरूप देने केलिए हमारी युवा पीढ़ी को काफी विकल्प मिल सकेंगे।
श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय और यूनिसेफ के बीच साझेदारी के विचार की सराहना करते हुए संतोष गंगवार ने कहा कि यह सहयोग नीति निर्माताओं सहित युवाओं और हितधारकों के बीच प्रत्यक्ष संवाद एवं फीडबैक व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए एक प्रारंभिक बिंदु है। उन्होंने बताया कि भारत की 2011 की जनगणना के अनुसार यहां हर पांचवां व्यक्ति युवा (15-24 साल) है, 2015 में लॉंच की गई नेशनल करियर सर्विस युवाओं के रोज़गार और करियर की जरूरतों को पूरा करती है, इसमें रोज़गार से जुड़ी कई तरह की सेवाएं जैसे करियर काउंसलिंग, वोकेशनल गाइडेंस, स्किल डेवलपमेंट कोर्सेज की जानकारी, अप्रेंटिसशिप, इंटर्नशिप आदि दी गई हैं। उन्होंने बताया कि एनसीएस ने कोविड-19 और इसके परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था के लॉकडाउन के कारण श्रम बाजार में चुनौतियों को कम करने के लिए कई पहल की हैं। उन्होंने बताया कि रोज़गार चाहने वालों और नियोक्ताओं के बीच की खाई को पाटने के लिए ऑनलाइन जॉब मेला आयोजित किया जा रहा है, जहां जॉब पोस्टिंग से लेकर उम्मीदवार के चयन तक का पूरा चक्र पोर्टल पर पूरा किया जा सकता है।
श्रम एवं रोज़गार राज्यमंत्री ने बताया कि ऐसी नौकरियों के लिए नौकरी चाहने वालों तक सीधी पहुंच देने के लिए एनसीएस पोर्टल पर वर्क फ्रॉम होम जॉब्स और ऑनलाइन ट्रेनिंग से काम के लिए एक विशेष लिंक बनाया गया है, एनसीएस पर ये सभी सुविधाएं नि:शुल्क उपलब्ध हैं। संतोष गंगवार ने आशा व्यक्त की कि अगले तीन वर्ष में यूनिसेफ और श्रम एवं रोजगार मंत्रालय दोनों ही सहयोग और भारतीय युवाओं के सशक्तिकरण के क्षेत्रों में बड़ी उपलब्धि हासिल करेंगे, ताकि भविष्य का सामना आत्मविश्वास के साथ किया जा सके। इस अवसर पर सचिव श्रम एवं रोज़गार अपूर्व चंद्रा, विशेष सचिव श्रम एवं रोज़गार एवं डीजीई अनुराधा प्रसाद, यूनिसेफ की कंट्री प्रतिनिधि डॉ यास्मीन अली हक और मंत्रालय तथा यूनिसेफ इंडिया के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बच्चों के लिए परिणाम देने के अपने मिशन से प्रेरित होकर यूनिसेफ अपने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के साझीदारों के साथ भारत में साझेदारी के रूपमें युवाह, जेनरेशन अनलिमिटेड स्थापित करने के उद्देश्य से आया है। जेनयू एक वैश्विक बहु-हितधारक प्लेटफार्म है। इसका उद्देश्य युवाओं को उत्पादक कार्य और सक्रिय नागरिकता में संक्रमण के लिए तैयार करना है।
भारत में 2030 तक युवाह का उद्देश्य 100 मिलियन युवाओं के लिए आकांक्षी आर्थिक अवसरों के लिए रास्ते बनाना, 200 मिलियन युवाओं को कौशल सुविधा प्रदान करना और चेंजमेकर के रूपमें 300 मिलियन युवाओं के साथ साझेदारी करना और उनके नेतृत्व विकास के लिए स्थान बनाना है। आशय वक्तव्य का उद्देश्य सहयोग के लिए एक प्लेटफार्म प्रदान करना है। इस तरह के अन्य मामले सहयोग के क्षेत्रों में शामिल हैं-आकांक्षापूर्ण आर्थिक अवसरों के साथ संबंध बनाना यानी युवा लोगों को रोज़गार के अवसरों से जोड़ना, इसके लिए स्केल और पहुंच को अधिकतम करने के लिए नवाचारी समाधान और टेक्नोलॉजी प्लेटफार्मों को लगाया जाएगा। भागीदारों का गठबंधन बनाकर राष्ट्रीय करियर सेवा को मजबूत बनाना, रोज़गार चाहने वालों और नियोक्ताओं के बीच एनसीएस को बढ़ावा देना, रोज़गार कार्यालयों के लिए मूल्य संवर्धन की खोज जैसे अनेक कार्यक्रम इसमें शामिल हैं।