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Thursday 25 April 2013 12:59:25 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री मनीष तिवारी ने लोक सभा में बताया कि प्रसार भारती के बहिरंग प्रसारण वैन, इलेक्ट्रॉनिक फील्ड प्रोडक्शन वैन, कैमकार्डर, डिजिटल सैटेलाइट न्यूज़ गेदरिंग यूनिट जैसी दूरदर्शन तकनीकी सुविधाएं/उपकरण आंतरिक आवश्यकताएं पूरी करने के बाद मांग पर बाहरी प्रसारकों को किराए पर दिए जाते हैं। दूरदर्शन के भूमि/भवन/टॉवर भी निजी प्रसारकों के अनुरोध पर उन्हें किराए पर दिए जाते हैं। प्रसार भारती लाइसेंस शुल्क के आधार पर अपनी भूमि (खुली/आवृत्त स्थल) और टॉवर एपर्चर निजी एफएम प्रसारकों और इग्नू के साथ साझा करता है। आकाशवाणी (एआईआर) भी कुछ स्थानों पर अपने स्टूडियो केंद्र इग्नू के साथ किराया आधार पर साझा कर रहा है।
विभिन्न मंत्रालयों के सामाजिक संदेश उनकी आवश्यकता के अनुसार प्रसारित किए जाते हैं और आकाशवाणी एवं दूरदर्शन प्रसार भारती बोर्ड से अनुमोदित आकाशवाणी, दूरदर्शन के वाणिज्यिक दर कार्ड के अनुसार उसके लिए भुगतान प्राप्त करते हैं। आकाशवाणी और दूरदर्शन अपने कार्यक्रमों की गुणवत्ता की निरंतर रूप से समीक्षा करते हैं और अपने प्रसारण की विषयवस्तु और तकनीकी गुणवत्ता को और सुधारने का प्रयत्न करते हैं। आकाशवाणी का पूरे देश भर में श्रोता अनुसंधान एककों का एक बड़ा नेटवर्क है, जो आवधिक रूप से श्रोता सर्वेक्षण करता है और पूरे देश भर के लक्षित श्रोताओं की आवश्यकताओं, रुचि और आकांक्षाओं के अनुसार कार्यक्रमों की योजना बनाने, अभिकल्प करने और उनमें संशोधन करने के लिए योजनाकारों एवं निर्माताओं को नियमित आधार पर फीडबैक प्रदान करता है।
सूचना राज्य मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि विभिन्न साफ्टवेयर घरानों, निर्माताओं से गुणवत्तायुक्त साफ्टवेयर प्राप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं और विभिन्न विषयों पर डीडी नेशनल पर प्रसारण हेतु अच्छी फीचर फिल्मों आउटसोर्स की जाती हैं। बेहतर प्रतिभाओं को शामिल करके आंतरिक कार्यक्रमों की समग्र गुणवत्ता बढ़ाई गई है। दूरदर्शन कार्यक्रम प्राप्त करने के लिए अभिनव तरीके भी अपना रहा है, जैसे राजस्व साझा आधार पर दूसरे निजी चैनलों के साथ एक साथ प्रसारण अथवा एक ही दिन किया जाने वाल प्रसारण आदि शामिल है।