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Thursday 24 June 2021 01:57:47 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 25 जून को अपने पैतृक गांव परौंख जाएंगे। वे दिल्ली में सफदरजंग रेलवे स्टेशन से एक विशेष ट्रेन से कानपुर की यात्रा पर निकलेंगे। ट्रेन कानपुर देहात के दो स्थानों झिंझक और रूरा पर रुकेगी, जहां राष्ट्रपति अपने स्कूल के दिनों और अपनी समाजसेवा के शुरुआती दिनों के परिचितों के साथ संवाद करेंगे। ये दोनों स्थान राष्ट्रपति के जन्मस्थान कानपुर देहात के गांव परौंख के नजदीक हैं, जहां 27 जून को उनके सम्मान में दो कार्यक्रम होने हैं। राष्ट्रपति अपनी पुरानी स्मृतियों की यात्रा करेंगे, जिसमें उनके बचपन से लेकर देश के शीर्ष संवैधानिक पद तक पहुंचने तक का सात दशक का जीवनकाल कवर होगा।
ऐसा पहलीबार है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपना राष्ट्रपति पद संभालने के बाद पहलीबार अपने जन्मस्थान का भ्रमण करेंगे, हालांकि उन्होंने पहले भी यहां की यात्रा की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन कोरोना महामारी के चलते यह योजना अमल में नहीं आ सकी। सफर के साधन के रूपमें ट्रेन के विकल्प को चुनना कई राष्ट्रपतियों की परम्परा की तर्ज पर है, जो देश के विभिन्न भागों के लोगों से जुड़ने के लिए ट्रेन से सफर पर निकला करते थे। इस प्रकार कोई राष्ट्रपति 15 साल के अंतराल के बाद ट्रेन की यात्रा पर निकलेंगे। वर्ष 2006 में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम भारतीय सैन्य अकादमी के कैडेट्स की पासिंग आउट परेड में शामिल होने केलिए विशेष ट्रेन से दिल्ली से देहरादून के लिए रवाना हुए थे। रिकॉर्ड बताते हैं कि देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने कई बार ट्रेन का सफर किया था।
राष्ट्रपति के रूपमें कार्यभार संभालने के तुरंत बाद डॉ राजेंद्र प्रसाद ने बिहार की यात्रा के दौरान अपने जन्मस्थान सिवान जिले में जिरादेई का भ्रमण किया था। वह विशेष ट्रेन से छपरा से जिरादेई पहुंचे थे, जहां उन्होंने तीन दिन बिताए थे। उन्होंने ट्रेन से पूरे देश की यात्रा की थी। डॉ राजेंद्र प्रसाद के बाद राष्ट्रपति बनने वालों ने भी देश के लोगों के साथ जुड़ने के लिए ट्रेन के सफर को प्राथमिकता दी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 28 जून को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की दो दिवसीय यात्रा के लिए कानपुर सेंट्रल स्टेशन से ट्रेन से रवाना होंगे और 29 जून को वह एक विशेष विमान से नई दिल्ली लौट आएंगे।