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Monday 28 June 2021 01:11:48 PM
अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से अहमदाबाद में जेन गार्डेन और काइजेन एकेडमी का उद्घाटन किया। जेन गार्डेन और काइजेन एकेडमी के समर्पण को भारत-जापान संबंधों की सहजता और आधुनिकता का प्रतीक बताते हुए प्रधानमंत्री ने हाइगो प्रांत के नेताओं को विशेष रूपसे गवर्नर तोशिज़ोडो और हाइगो इंटरनेशनल एसोसिएशन को जेन गार्डन और काइज़ेन एकेडमी की स्थापना में उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने भारत-जापान संबंधों में नई ऊर्जा लाने केलिए इंडो-जापान फ्रेंडशिप एसोसिएशन ऑफ गुजरात की सराहना की। 'ज़ेन' और भारतीय 'ध्यान' के बीच समानताओं की ओर संकेत करते हुए प्रधानमंत्री ने दोनों संस्कृतियों में बाहरी प्रगति और विकास के साथ-साथ आंतरिक शांति पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीयों को इस ज़ेन गार्डन में उसी शांति, संतुलन और सादगी की झलक मिलेगी, जिसका उन्होंने युगों से योग में अनुभव किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भगवान बुद्ध ने विश्व को यह ध्यान और यह ज्ञान दिया, इसी प्रकार काइजेन के बाहरी और आंतरिक दोनों अर्थों पर प्रकाश डाला जो न केवल सुधार पर बल जोर देते हैं, बल्कि निरंतर सुधार पर जोर देते हैं। प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि मुख्यमंत्री के रूपमें उन्होंने गुजरात प्रशासन में काइज़ेन को लागू किया था, इसे 2004 में गुजरात में प्रशासनिक प्रशिक्षण में लागू किया गया था और 2005 में शीर्ष अधिकारियों केलिए एक विशेष प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया था। उन्होंने कहा कि निरंतर सुधार प्रक्रियाओं के परिमार्जन में दिखता था, जिसका शासन संचालन पर सकारात्मक प्रभाव हुआ है। राष्ट्रीय प्रगति में शासन के महत्व को जारी रखते हुए उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री बनने के बाद वह गुजरात के काइज़ेन से जुड़े अनुभव को पीएमओ और केंद्र सरकार के विभागों में लेकर आए। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे प्रक्रियाएं सरल हुई हैं और कार्यालय स्थान इष्टतम हुआ है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के कई विभागों, संस्थानों और योजनाओं में काइजेन का इस्तेमाल किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने जापान के साथ अपने व्यक्तिगत जुड़ाव और जापानी लोगों के स्नेह, उनकी कार्य संस्कृति, कौशल और अनुशासन को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि गुजरात में मिनी जापान बनाकर उन्होंने जापान के लोगों की यात्रा केलिए गर्मजोशी की आकांक्षा को पूरा किया है। प्रधानमंत्री ने वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन में जापान की उत्साहपूर्ण भागीदारी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जापान की ऑटोमोबाइल, बैंकिंग से लेकर निर्माण और फार्मा क्षेत्र तक की 135 से ज्यादा कंपनियों ने गुजरात को अपना आधार बनाया है। उन्होंने कहा कि सुजुकी मोटर्स, होंडा मोटरसाइकिल, मित्सुबिशी, टोयोटा, हिताची जैसी कंपनियां गुजरात में मैन्युफैक्चरिंग में लगी हैं, वे स्थानीय युवाओं के कौशल विकास में योगदान कर रही हैं, गुजरात में मैन्युफैक्चरिंग के लिए तीन जापान-भारत संस्थान तकनीकी विश्वविद्यालयों और आईआईटी के साथ सहयोग करके सैकड़ों युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दे रहे हैं। इसके अलावा जेट्रो का अहमदाबाद बिजनेस सपोर्ट सेंटर एकसाथ पांच कंपनियों को प्लग एंड प्ले वर्क-स्पेस सुविधा प्रदान कर रहा है, इससे कई जापानी कंपनियों को लाभ हो रहा है।
नरेंद्र मोदी को यह एहसास हुआ कि जापानी लोग गोल्फ से प्यार करते हैं तो गुजरात में गोल्फ सुविधाओं में सुधार केलिए विशेष प्रयास किए। प्रधानमंत्री ने बताया कि उस समय गुजरात में गोल्फ कोर्स बहुत आम नहीं थे, आज गुजरात में कई गोल्फ कोर्स हैं, इसी तरह गुजरात में जापानी रेस्तरां और जापानी भाषा का प्रसार हो रहा है। नरेंद्र मोदी ने जापान की स्कूल प्रणाली पर आधारित गुजरात में स्कूलों का मॉडल बनाने की इच्छा भी जताई। उन्होंने जापान की स्कूल प्रणाली में आधुनिकता और नैतिक मूल्यों के मिश्रण को रेखांकित किया। उन्होंने टोक्यो के ताइमेई एलिमेंट्री स्कूल में अपनी यात्रा को याद किया। उन्होंने कहा कि जापान के साथ हमें सदियों पुराने सांस्कृतिक संबंधों का विश्वास है और भविष्य केलिए एक समान दृष्टिकोण भी है। उन्होंने जापान के साथ विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को मजबूत बनाने का संकेत दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय में जापान प्लस व्यवस्था के बारे में भी जानकारी दी।
जापानी नेतृत्व के साथ अपने व्यक्तिगत समीकरण का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिज़ो आबे की गुजरात यात्रा को याद किया, जिसने भारत-जापान संबंधों को नई गति दी थी। प्रधानमंत्री ने जापान के वर्तमान प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा के साथ अपने साझा विश्वास के बारे में भी बताया और कहा कि कोरोना महामारी के दौर में भारत-जापान की मित्रता वैश्विक स्थिरता और समृद्धि केलिए और ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान चुनौतियों की मांग है कि हमारी मित्रता और साझेदारी और अधिक प्रगाढ़ हो। नरेंद्र मोदी ने भारत में काइज़ेन और जापानी कार्य संस्कृति को और अधिक विस्तार का आह्वान किया। उन्होंने भारत- जापान के बीच व्यापारिक संपर्क पर अधिक ध्यान देने को कहा। नरेंद्र मोदी ने जापान और जापान के लोगों को टोक्यो ओलंपिक के लिए शुभकामनाएं दीं।