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Wednesday 30 June 2021 03:54:21 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर के विजय राघवन ने आत्मनिर्भर कृषि ऐप लॉंच करते हुए कहा है कि भारत सरकार ने स्थानीय स्तरपर मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने, बाज़ार और आपूर्ति श्रृंखला को सहयोग करने, महामारी के दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले दो प्रमुख वर्ग किसान और प्रवासी श्रमिकों को सशक्त बनाने की एक मजबूत प्रणाली के लिए निर्बाध रूपसे काम किया है। उन्होंने कहा कि किसान मित्र पहल से आत्मनिर्भर कृषि ऐप के जरिए किसानों के पास आईएमडी, इसरो, आईसीएआर और सीजीडब्ल्यूए जैसे शोध संगठनों की साक्ष्य आधारित जानकारी प्राप्त हो सकेगी। यह जानकारी किसानों को फसल पैटर्न, छोटे किसानों की जोत के मशीनीकरण या पराली जलाने संबंधी निर्णय की स्थिति में सुनिश्चित करेगी कि पानी एवं पर्यावरण के स्थायित्व की महत्ता व संसाधनों के विवेकपूर्ण इस्तेमाल को ध्यान में रखकर लिए जाएं।
प्रोफेसर के विजय राघवन ने कहा कि ऐप किसानों को आसान भाषा में जानकारी के साथ फैसले लेने की प्रक्रिया के दौरान समावेशिता को भी बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि ऐप में भारत सरकार के विभिन्न विभागों की संग्रह की गई जानकारियों का भंडार है, जो किसानों केलिए बहुत प्रासंगिक हो सकती है, लेकिन ये जानकारियां ऐसे विभिन्न प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं, जो किसानों के हित केलिए तो है, लेकिन ये उनको आसानी समझ में नहीं आती है, अब इस कमी को दूर करने का काम राष्ट्रीय डिजिटल प्लेटफॉर्म का घटक किसान मित्र कर रहा है, इसके तहत वह विभिन्न मंत्रालयों विभागों जैसे-भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, राष्ट्रीय जल सूचना विज्ञान केंद्र के डेटा को आत्मनिर्भर कृषि ऐप पर एकत्र कर रहा है, जो किसानों के लिए उपलब्ध होगा। वैज्ञानिक सलाहकार ने कहा कि ऐप कृषि संबंधित बारीक से बारीक जानकारी उपलब्ध कराने और मौसम व अलर्ट सुविधा देने के लिए बनाया गया है, इसके जरिए किसानों को मिट्टी के प्रकार, मिट्टी की सेहत, नमी, मौसम और पानी उपलब्धता से संबंधित आंकड़ों को एकत्र किया गया है और कृषि जोत स्तरपर प्रत्येक किसान केलिए फसल चयन, उर्वरक आवश्यकताओं और पानी की जरूरत संबंधित जानकारियों का विश्लेषण भी ऐप पर है।
आत्मनिर्भर कृषि ऐप की परिकल्पना 5 चरणों में की गई इनमें-आंकड़ों का एकत्रीकरण, केंद्रीकृत दृष्टिकोण का निर्माण, स्थानीय विशेषज्ञता समर्थित संवाद और दृष्टिकोण को विकसित करना, मशीन लर्निंग इनफेरेनसेंस का लाभ उठाना और निरंतर सुधार शामिल है। ऐप की मुख्य विशेषताएं है कि भाषा को सरल बनाकर आंकड़ों को किसानों के लिए आसान बनाना है, ऐप 12 भाषा में उपलब्ध है। ऐप के एंड्रॉइड और विंडोज संस्करण गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध हैं और किसान, स्टार्टअप, केवीके, एसएचजी या एनजीओ इसका निःशुल्क इस्तेमाल कर सकेंगे। देश के दूर-दराज के इलाकों में कनेक्टिविटी के मुद्दों को ध्यान में रखते हुए ऐप को न्यूनतम बैंडविड्थ पर काम करने केलिए डिजाइन किया गया है। जरूरी आंकड़े खेत की भौगोलिक स्थिति पर निर्भर हैं। किसी स्थान से संबंधित आंकड़े उस क्षेत्र के पिनकोड दर्ज करके एकत्र किया जा सकेगा।
इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) के एमडी और सीईओ डॉ यूएस अवस्थी ने ऐप की प्रशंसा करते हुए कहा कि आत्मनिर्भर कृषि ऐप भारत सरकार की एक बेहतरीन पहल है, जो किसानों को डिजिटल रूपमें उपयोगी और सही जानकारी प्रदान करता है। इंडियन सेंटर फॉर सोशल ट्रांसफॉर्मेशन के फाउंडर ट्रस्टी राजा सीवान ने कहा कि भारतीय सीएसटी देश में डिजिटल परिवर्तन में अपनी भूमिका निभाने और सीएसआईआर 4 पैरडाइम इंस्टीट्यूट बेंगलुरु में राष्ट्रीय डिजिटल रिपॉजिटरी के माध्यम से उत्कृष्ट संस्कृति का प्रसार करने केलिए खुश है। किसान मित्र ऐप को इंडियन सेंटर फॉर सोशल ट्रांसफॉर्मेशन बेंगलुरु में पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट ने विकसित किया है। भारत में कृषि विज्ञान केंद्रों के लिए इस ऐप के क्या मायने हैं, इसपर आईसीएआर के उप महानिदेशक डॉ एके सिंह ने कहा कि आत्मनिर्भर कृषि ऐप मिट्टी की सेहत, जल स्तर और मौसम पर आंकड़े एकत्र करके केवीके को जरूरी जानकारी प्रदान करेगा, जिसके जरिए मौजूदा जमीनी वास्तविकताओं के अनुसार विशेष रूपसे किसानों के साथ कृषि विज्ञान केंद्र बातचीत कर सकेंगे।
कृषि विज्ञान केंद्र किसानों के साथ बातचीत करते हुए मौजूदा फसल प्रणालियों और कृषि संबंधी परंपराओं पर मौजूद उपलब्ध जानकारी को एकीकृत कर सकते हैं। टेक महिंद्रा मेकर्स लैब टीम ने आत्मनिर्भर कृषि ऐप को डिजाइन और विकसित किया है। टेक महिंद्रा के ग्लोबल हेड-मेकर्स लैब निखिल मल्होत्रा ने कहा कि एग्रीटेक टेक महिंद्रा के लिए एक महत्वपूर्ण फोकस क्षेत्र है और डिजिटल परिवर्तन में अग्रणी होने के रूपमें हम कृषि की उत्पादकता में सुधार केलिए डिजिटल टूल्स और प्रौद्योगिकियों के प्रभावी इस्तेमाल पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। निखिल मल्होत्रा ने कहा कि कृषि भारत में सबसे ज्यादा रोज़गार देने वाला क्षेत्र है, हमारे एनएक्सटी एनओडब्ल्यू चार्टर के अनुरूप हम भारत के किसानों को सशक्त बनाने के लिए इस क्षेत्र में अनुसंधान और इन्नोवेशन कर रहे हैं, जिसके जरिए आसान और सूचनात्मक ऐप लाए हैं और इसके जरिए भारत की डिजिटल विकास की पटकथा में भाग ले रहा है।