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Friday 2 July 2021 05:29:42 PM
श्रीनगर। पीएमओ राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा है कि जम्मू और कश्मीर के केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा प्राप्त करने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार के अनेक दूरगामी सुधारों के भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और ग्रुप सी व डी के पद हेतु साक्षात्कार के समापन समेत 800 से अधिक केंद्रीय कानून राज्य में लागू कर चुकी है। श्रीनगर में प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के ‘सुशासन कार्यप्रणाली के अनुकरण’ विषय पर सेमी वर्चुअल क्षेत्रीय सम्मेलन में 10 राज्यों के 750 अधिकारियों ने हिस्सा लिया। सम्मेलन में डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार पारदर्शिता और सभी के लिए न्याय पर दृढ़ संकल्पित है और पिछले सात साल में हुए सुधारों से जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख समेत पूरे देश को लाभ हुआ है। डॉ जितेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर में काफी समय से लंबित कैडर समीक्षा, सीएटी बैंच की स्थापना, आरटीआई अधिनियम के विस्तार, केंद्रीकृत लोकशिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली और प्रत्येक जिला मुख्यालय पर नैशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी के माध्यम से सामान्य पात्रता परीक्षा जैसी जम्मू-कश्मीर सरकार की कई शासन संबंधी पहलों का जिक्र किया।
डॉ जितेंद्र सिंह ने मिशन कर्मयोगी के माध्यम से सरकार के परिवर्तनकारी बदलावों के बारे में बताया, जिसमें एनसीजीजी और प्रबंध, लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान जम्मू-कश्मीर सरकार मिलकर 2000 सिविल सेवकों की क्षमता निर्माण करेंगे। उन्होंने शिकायत निवारण और प्रोबेशन अवधि पूरी होने पर सहायक सचिव के रूपमें आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति में हुए सुधारों के बारे में भी बताया। उन्होंने भारत के अल्प विकसित जिलों में शासन की गुणवत्ता में सुधार में आकांक्षी जिला कार्यक्रम की सफलता का हवाला दिया। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रशासन को पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए। उन्होंने कोविड के कुशल प्रबंधन केलिए जम्मू-कश्मीर सरकार की तारीफ की और कोविड-19 महामारी में सामुदायिक प्रबंधन के लिए जम्मू-कश्मीर की आवाम को बधाई दी। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस क्षेत्रीय कॉंफ्रेंस का उद्देश्य अधिकारियों को बेहतरीन शासन कार्यप्रणाली से परिचित कराना है। उन्होंने कहा कि भारत ने न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन के प्रतिमान को अपनाया जिसकी पूरी दुनिया में चर्चा और प्रशंसा हो रही है और दुनियाभर से सिविल सेवक इसका प्रशिक्षण लेने भारत आ रहे हैं।
पीएमओ राज्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय सम्मेलन की प्रासंगिकता इस विचार से उत्पन्न हुई कि सरकार को विज्ञान भवन से बाहर निकलकर विभिन्न राज्यों के प्रशासकों तक पहुंचना चाहिए। डॉ जितेंद्र सिंह ने जम्मू में हुए 3 सम्मेलनों की निरंतरता सहित सभी विषमताओं के खिलाफ श्रीनगर में 2 दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन केलिए डीएआरपीजी के अधिकारियों की प्रशंसा की। यह क्षेत्रीय सम्मेलन प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक के एक हफ्ते बाद जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को बढ़ावा देने और विकास को गति प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है। सम्मेलन के प्रस्ताव 'बेहतर निजाम ए-हुकुमत' को अपनाने में बहुत महत्वपूर्ण योगदान है, जो जम्मू-कश्मीर के लोगों और क्षेत्रों के लिए न्याय को सुनिश्चित करेगा। इस अवसर पर डॉ जितेंद्र सिंह ने डीएआरपीजी-जम्मू और कश्मीर सरकार के विभिन्न सहयोगों की घोषणा की। राष्ट्रीय सुशासन सूचकांक की तर्ज पर जिलास्तर पर सुशासन सूचकांक का विकास करना। एनसीजीजी और आईएमपीएआरडी के सहयोग से 2000 सिविल सेवकों की क्षमता निर्माण करना। जम्मू-कश्मीर में हर साल शासन पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।
डॉ जितेंद्र सिंह ने डीएआरपीजी की ई-मैगजीन मिनिमम गवर्नमेंट मैक्सिमम गवर्नेंस जारी की, जिसमें प्रशासनिक नवाचार पर लेख हैं। राज्यमंत्री 2000 सिविल सेवकों की क्षमता निर्माण के लिए एनसीजीजी और आईएमपीएआरडी के बीच समझौता ज्ञापन के आदान-प्रदान के भी साक्षी बने। क्षेत्रीय सम्मेलन को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, डीएआरपीजी सचिव संजय सिंह, जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता और डीएआरपीजी के अतिरिक्त सचिव वी श्रीनिवास ने भी संबोधित किया। सम्मेलन में 7 तकनीकी सत्र हुए, इनमें केंद्र, राज्य और जिलास्तर पर प्रशासनिक नवाचारों, स्वच्छ भारत मिशन में नवाचारों, आकांक्षी जिला कार्यक्रम, वार्षिक क्रेडिट प्लान पर फोकस किया गया। जम्मू-कश्मीर में हुए कार्य को प्रदर्शित करने के लिए क्षेत्रीय कॉन्फ्रेंस में जम्मू-कश्मीर में प्रशासनिक नवाचार पर विशेष सत्र आयोजित किया गया।