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Wednesday 14 July 2021 01:44:33 PM
हैदराबाद। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने उर्दू भाषा की समृद्धि का उल्लेख किया और कहा कि उर्दू पूरे विश्व में बोली जानेवाली सबसे खूबसूरत भाषाओं में से एक है। उन्होंने मातृभाषा के महत्व को रेखांकित करते हुए लोगों से हमेशा अपनी मातृभाषा में बोलने का आग्रह किया। उपराष्ट्रपति ने इस बात का उल्लेख किया कि विशेष रूपसे हैदराबाद और संपूर्ण दक्कन उर्दू के प्राचीन केंद्र रहे हैं। वेंकैया नायडू ने वरिष्ठ पत्रकार जेएस इफ्तिखार की पुस्तक ‘ऊर्दू पोएट्स एंड राइटर्स-जेम्स ऑफ डेक्कन’ प्राप्त की। उन्होंने तेलंगाना राज्य भाषा और संस्कृति विभाग के निदेशक ममीदी हरिकृष्णा से पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव पर पुस्तक सत्यकाशी भार्गवा की ‘मानवोत्तम राम’ एवं मल्लिकार्जून की ‘नल्लागोंडा कथालू’ पुस्तक प्राप्त की।
पुस्तक जेम्स ऑफ डेक्कन गद्य और कविता का एक संकलन है, जो दक्कन क्षेत्र के 51 उत्कृष्ट कवियों और लेखकों के जीवन व उनके कार्यों को समेटे हुए है। यह पुस्तक हैदराबाद के संस्थापक मुहम्मद कुली कुतुब शाह के समय से लेकर मौजूदा समय तक दक्कन की समृद्ध साहित्यिक और सांस्कृतिक परंपराओं का पता लगाती है। पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव पर पुस्तक प्रकाशित करने केलिए तेलंगाना सरकार की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने सभी राज्य सरकारों से स्थानीय और क्षेत्रीय शख्सियतों पर ऐसे प्रकाशन निकालने का आग्रह किया, जिससे युवा पीढ़ी को उनके बारे में जागरुक किया जा सके। वेंकैया नायडू ने भगवान श्रीराम के गुणों को एक आदर्श मानव के रूपमें चित्रित करने के प्रयासों के लिए 'मानवोत्तम राम' के लेखक की सराहना की।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भगवान श्रीराम के मूल्य और गुण हमेशा के लिए प्रासंगिक हैं। उपराष्ट्रपति ने पुस्तक नल्लागोंडा कथालू प्राप्त करते हुए ग्रामीण लोककथाओं एवं स्थानीय कहानियों को भावी पीढ़ियों के लिए संरक्षित करने को लेकर लिखने और लोकप्रिय बनाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने बच्चों के साहित्य को प्रकाशित करने में इसी तरह की पहल का आह्वान किया, जिनका मूल हमारे दैनिक जीवन में निहित है। उपराष्ट्रपति ने इन पुस्तकों को सामने लाने के प्रयासों को लेकर लेखकों की प्रशंसा की और उन्हें शुभकामनाएं भी दीं।