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Thursday 22 July 2021 01:24:03 PM
भुवनेश्वर। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी डीआरडीओ ने ओडिशा तट के करीब एकीकृत परीक्षण रेंज से सतह से हवा में मार करने वाली नई पीढ़ी की आकाश मिसाइल (आकाश-एनजी) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। परीक्षण में मल्टीफंक्शन रडार, कमांड, कंट्रोल एंड कम्युनिकेशन सिस्टम और तैनाती विन्यास में भाग लेने वाले लांचर जैसी सभी हथियार प्रणालियां थीं। मिसाइल प्रणाली को रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला हैदराबाद ने कई और डीआरडीओ प्रयोगशालाओं के सहयोग से विकसित किया है। इस प्रक्षेपण को भारतीय वायुसेना के नुमाइंदों ने देखा। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आकाश मिसाइल के सफल परीक्षण में सहयोग केलिए डीआरडीओ, बीडीएल, बीईएल, भारतीय वायुसेना और उद्योगजगत को बधाई दी।
उड़ान डेटा को हासिल करने केलिए आईटीआर ने इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम, रडार और टेलीमेट्री जैसे कई रेंज स्टेशनों को तैनात किया। इन प्रणालियों से कैप्चर किए गए संपूर्ण उड़ान डेटा से संपूर्ण हथियार प्रणाली के दोषरहित प्रदर्शन की पुष्टि की गई है। परीक्षण के दौरान मिसाइल ने तेज और फुर्तीले हवाई खतरों को बेअसर करने केलिए आवश्यक उच्चस्तरीय गतिशीलता का प्रदर्शन किया। आकाश-एनजी हथियार प्रणाली एकबार तैनाती के बाद हवाई सुरक्षा क्षमता में शानदार इज़ाफ़ा करने वाली साबित होगी। उत्पादन एजेंसियों भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड ने भी परीक्षणों में भाग लिया। रक्षा विभाग के सचिव अनुसंधान एवं विकास विभाग और डीआरडीओ अध्यक्ष ने परीक्षण में शामिल टीम के प्रयासों की सराहना की और कहा कि यह मिसाइल भारतीय वायुसेना को और मजबूती प्रदान करेगी।