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Monday 26 July 2021 12:29:16 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 'पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन' योजना के तहत आवेदन और सहायता हासिल करने के लिए पात्र बच्चों की पहचान करने तथा उन्हें लाभ प्राप्त करने केलिए आवेदनों के प्रसंस्करण की सुविधा प्रदान करने की खातिर वेबपोर्टल pmcaresforchildren.in शुरु किया है। पोर्टल को आवश्यक जानकारी और मॉड्यूल के साथ नियमित रूपसे अद्यतन किया जाएगा। बच्चों के पंजीकरण और लाभार्थियों की पहचान पर मॉड्यूल को कार्यात्मक बनाया गया है। कोविड-19 महामारी के कारण माता-पिता दोनों या एकमात्र अभिभावक या कानूनी अभिभावक या गोद लेने वाले माता-पिता को खोने वाले बच्चों की मदद करने केलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन' योजना की घोषणा की थी, जिसका उद्देश्य स्थिर रूपसे उन बच्चों की व्यापक देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करना है, जिन्होंने अपने माता-पिता को कोविड की वजह से खो दिया है।
पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन योजना स्वास्थ्य बीमा के माध्यम से उनके कल्याण की व्यवस्था करता है, उन्हें शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाता है और 23 साल की उम्र पहुंचने पर उन्हें 10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता के साथ एक आत्मनिर्भर अस्तित्व केलिए सक्षम करता है। गत 15 जुलाई को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के महिला एवं बाल विकास विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के एसीएस, प्रधान सचिव एवं सचिवों केलिए पोर्टल पर एक प्रस्तुति दी गई। जिलाधिकारियों, जिला बाल संरक्षण इकाइयों और बाल कल्याण अधिकारियों के लॉगइन आईडी और पासवर्ड को भी महिला एवं बाल विकास विभाग एवं सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के साथ साझा किया गया। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासकों से 22 जुलाई की तारीख वाले एक पत्र में कहा था कि वे अपने राज्यों के जिलाधिकारियों को निर्देश दें कि वे पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन योजना के तहत सहायता हासिल करने केलिए पात्र बच्चों की पहचान करें तथा pmcaresforchildren.in पोर्टल पर पात्र बच्चों का विवरण डालें, ताकि उन्हें तुरंत सहायता मिल सके।
जिलाधिकारियों को बच्चों के पंजीकरण के लिए कदम उठाने की भी सलाह दी गई है, इन कदमों की अनुलग्नक में जानकारी दी गई है। यह कार्य अगले 15 दिन में पूरा करने की जरूरत है। इस उद्देश्य केलिए एक समर्पित हेल्प डेस्क स्थापित की गई है, जिसपर टेलीफोन 011-23388074 पर या ईमेल pmcares-child.wcd@nic.in पर संपर्क किया जा सकता है। मंत्रालय ने राज्यों के मुख्य सचिवों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासकों से व्यक्तिगत रूपसे पोर्टल में डेटा प्रविष्टि की प्रगति की निगरानी करने का अनुरोध किया है। पीएम केयर्स फोर चिल्ड्रन योजना के तहत सहायता के लिए पात्र बच्चों की पहचान करने अंतर्गत 11 मार्च 2020 से महामारी के अंततक कोविड 19 महामारी की वजह से माता-पिता दोनों या जीवित माता-पिता या कानूनी अभिभावक या दत्तक माता-पिता खोने वाले सभी बच्चे इस योजना के तहत लाभ के हकदार होंगे। प्रक्रिया है कि जिला मजिस्ट्रेट पुलिस, डीसीपीयू, चाइल्डलाइन और नागरिक समाज संगठनों की सहायता से इन बच्चों की पहचान केलिए अभियान चलाएंगे। ग्राम पंचायतों, आंगनवाड़ी और आशा नेटवर्क को ऐसे बच्चों की रिपोर्ट देने के लिए कहा जा सकता है।
आम जनता को इस बारे में सूचित करने और उन्हें सीडब्ल्यूसी के समक्ष ऐसे बच्चों को पेश करने या चाइल्डलाइन (1098) या डीसीपीयू के माध्यम से उनके बारे में रिपोर्ट के लिए प्रोत्साहित करने के लिए स्थानीय भाषा में पहचान अभियान के बारे में पर्याप्त प्रचार किया जा सकता है। जिन बच्चों ने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया है और जिन्हें योजना के तहत सहायता की आवश्यकता है, उन्हें चाइल्डलाइन (1098), जिला बाल संरक्षण इकाई या किसी अन्य एजेंसी या व्यक्ति द्वारा सीडब्ल्यूसी के समक्ष बच्चे की जानकारी मिलने के 24 घंटे के अंदर, जिसमें यात्रा समय शामिल नहीं है, पेश किया जा सकता है। योजना के तहत सहायता प्राप्त करने केलिए आवेदन पत्र, बच्चे के द्वारा, देखभाल करने वाले के द्वारा या फिर सीडब्ल्यूसी के सामने बच्चे को पेश करने वाली किसी अन्य एजेंसी के द्वारा भरा जा सकता है। सीडब्ल्यूसी डीसीपीयू की मदद से उस बच्चे के बारे में तथ्यों को इकट्ठा करेगा, जिसने माता-पिता दोनों को खो दिया है, इसमें मृतक माता-पिता, घर का पता, स्कूल, कॉन्टैक्ट की जानकारी, क्रेडेंशियल और परिवार के दूर के सदस्यों, रिश्तेदारों या निकट संबंधियों की वार्षिक आय का विवरण शामिल है। सीडब्ल्यूसी माता-पिता की मृत्यु के कारण को उनके मृत्यु प्रमाणपत्र या फील्ड पूछताछ के माध्यम से सत्यापित करेगा। सीडब्ल्यूसी द्वारा पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन पोर्टल पर इसे डीएम के विचारार्थ प्रस्तुत करते समय अपलोड किया जा सकता है।
सीडब्ल्यूसी व अन्य एजेंसियों की पेश की गई रिपोर्ट व बच्चों का विवरण पोर्टल पर अपलोड किया जा सकता है। प्रत्येक मामले के तथ्यों का पता लगाने के बाद सीडब्ल्यूसी बच्चे के संबंध में डीएम को अपनी सिफारिशें दे सकती है, यदि सीडब्ल्यूसी किसी विशेष बच्चे की सिफारिश नहीं करता है तो डीएम को विचार करने के लिए दिए गए स्थान में कारणों को दर्ज किया जाना चाहिए। आवेदनों को विचार करते समय 'फर्स्ट इन फर्स्ट आउट' के सिद्धांत का पालन किया जा सकता है। डीएम सीडब्ल्यूसी की सिफारिशों को स्वीकार कर सकते हैं या सीडब्ल्यूसी या डीसीपीयू के माध्यम से समीक्षा की मांग कर सकते हैं। सीडब्ल्यूसी द्वारा सिफारिश पाने वाले या सिफारिश न पाने प्रत्येक बच्चे के बारे में डीएम अपनी तरफ से मूल्यांकन कर सकते हैं। डीएम बाल संरक्षण स्टाफ, पुलिस, चाइल्डलाइन या इस उद्देश्य केलिए उपयुक्त समझी जाने वाली किसी अन्य एजेंसी की सहायता ले सकते हैं। डीएम स्वयं संतुष्ट होने के बाद योजना केलिए पोर्टल पर बच्चे की पात्रता की पुष्टि कर सकते हैं। योजना के तहत बच्चे की पात्रता के संबंध में डीएम का निर्णय अंतिम होगा।