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'स्पोर्ट्स मोड' में है भारत

'खेलों में महिलाएं' विषय पर वेबिनार

'दीर्घकालिक खेल रणनीति की है जरूरत'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 31 July 2021 01:10:27 PM

webinar on 'women in sports'

नई दिल्ली। दुनियाभर में टोक्यो ओलम्पिक की धूम के चलते देश पहले से ही 'स्पोर्ट्स मोड' में है, ऐसे में पत्र सूचना कार्यालय और क्षेत्रीय प्रसार कार्यालय चंडीगढ़ ने 'खेलों में महिलाएं' विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी, ओलंपियन एवं भारतीय पुरुष हॉकी टीम के पूर्व कप्तान डॉ एमपी गणेश और भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान अंजुम चोपड़ा अतिथि वक्ता थे। दोनों वक्ता अपने-अपने खेल में पद्मश्री और अर्जुन पुरस्कार विजेता हैं। पीआईबी चंडीगढ़ में अपर महानिदेशक देवप्रीत सिंह ने उन महिला खिलाड़ियों की शानदार उपलब्धियों की सराहना की, जिन्होंने रास्ते में आनेवाली विभिन्न बाधाओं को पार करके देश को गौरवांवित किया है। डॉ मुलेरा पूवैया गणेश भारतीय टीम के कोच भी रहे और उन्हें वर्ष 1973 में अर्जुन पुरस्कार और वर्ष 2020 में पद्मश्री सम्मान से अलंकृत किया गया था।
अंजुम चोपड़ा एक क्रिकेट विश्लेषक और भारत में टेलीविजन पर पहली महिला स्पोर्ट्स विशेषज्ञ हैं। अंजुम चोपड़ा को उनकी उपलब्धियों के लिए वर्ष 2007 में अर्जुन पुरस्कार और वर्ष 2014 में पद्मश्री सम्मान से अलंकृत किया गया था। दर्शकों के प्रश्न का उत्तर देते हुए अंजुम चोपड़ा ने कहा कि हर किसी को प्रोत्साहन की आवश्यकता होती है, चाहे वह पुरुष हो या महिला खिलाड़ी, हालांकि एक पुरुष और एक महिला के लिए दोनों की दुनिया अलग-अलग होती है, खेल आमतौर पर पुरुषों से जुड़े होते हैं, लेकिन यह हमारी पीढ़ी ही है, जो इस धारणा को बदल देगी। यह पूछे जाने पर कि कौन सी भूमिका यानी एक शीर्ष क्रिकेटर, एक अभिनेत्री या एक कमेंटेटर ने उन्हें सबसे ज्यादा खुशी दी है? उन्होंने उत्तर में कहा कि भारतीय टीम की ब्लेज़र हासिल करना और पहनना ही मेरी सबसे बड़ी खुशी थी। हॉकी के बारे में दिलचस्प चर्चा में डॉ एमपी गणेश ने कहा कि भारत को अपना खेल खुद खेलने की जरूरत है, खिलाड़ियों केलिए निरंतर दीर्घकालिक खेल रणनीति बनाने के लिए भारत के पास अपने राष्ट्रीय कोच होने चाहिएं।
डॉ एमपी गणेश ने कहा कि भारत में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि विशिष्ट कठिनाई का समाधान निकालने केलिए ही विदेशी प्रशिक्षकों को केवल छोटी अवधि केलिए बुलाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में खेलों को अनिवार्य विषय बनाया जाना चाहिए, क्योंकि इससे भारत को अधिक से अधिक प्रतिभाओं का पोषण करने में मदद मिलेगी। प्रशासन में खिलाड़ियों की भागीदारी के बारे में एक प्रश्न पर डॉ एमपी गणेश ने कहा कि खेलों में पारंगत नागरिक प्रशासकों को खेल प्रशासन का दायित्व सौंपा जाना चाहिए और वह भी लम्बी अवधि के लिए। पत्र सूचना कार्यालय चंडीगढ़ के सहायक निदेशक हिमांशु पाठक ने वेबिनार सत्र का संचालन किया। वेबिनार में विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों, भारतीय खेल प्राधिकरण के क्षेत्रीय केंद्रों के प्रशिक्षकों एवं प्रशिक्षु एथलीटों, क्षेत्र के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों ने भाग लिया।

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