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Saturday 31 July 2021 06:29:08 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में आईपीएस प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित किया और उनसे संवाद भी किया। इस अवसर पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, सचिव गृह और अकादमी के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। प्रधानमंत्री और भारतीय पुलिस सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों के बीच अत्यंत उत्साहपूर्ण माहौल में संवाद हुआ। प्रधानमंत्री ने नई पीढ़ी के पुलिस अधिकारियों की आकांक्षाओं एवं सपनों पर चर्चा की तो उनसे यह भी अपेक्षा कीकि वे सदैव समाज और जनसामान्य के प्रति मित्रवत रहें एवं वर्दी का सम्मान बढ़ाएं। प्रधानमंत्री ने इस प्रतिष्ठित सेवा के आधिकारिक पहलुओं उम्मीदों जिम्मेदारियों पर प्रश्न किए और उनके प्रशिक्षणकाल के अनुभवों के बारे में जाना साथ ही उनसे यह भी प्रश्न किया कि वे बताएं कि पुलिस सेवा में और क्या सुधार हो सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आईपीएस प्रशिक्षुओं के बीच संवाद से एक मुख्य बात यह सामने आई कि ज्यादातर आईपीएस प्रशिक्षुओं की शैक्षणिक पृष्ठभूमि आईटी सेक्टर है यानी ज्यादातर डॉक्टर इंजीनियर अपनी मूल सेवा छोड़कर आईएएस और आईपीएस की तरफ भाग रहे हैं और उनकी सफलता का एक मुख्य आधार यह है कि परीक्षा और साक्षात्कार में डॉक्टर इंजीनियर से पूछे गए सवाल के सही उत्तर देने पर उन्हें पूरे अंक मिलते हैं और इतिहास भूगोल समाजशास्त्र राजनीतिक शास्त्र जैसे विषयों के प्रतिभागियों के उत्तर पर पूरे अंक नहीं मिल पाते हैं, इसलिए इन सेवाओं में इनकी संख्या कम है, जबकि आईटी सेक्टर के लोग बड़ी संख्या में आ रहे हैं। इनकी प्रशासनिक क्षमताओं के विश्लेषण में यह पाया गया है कि इतिहास भूगोल समाजशास्त्र जैसे विषयों के प्रतिभागी स्थानीय प्रशासन और जनसंपर्क के क्षेत्र में आईटी सेक्टर के लोगों से ज्यादा सफल हैं। बहरहाल आईआईटी रुड़की के हरियाणा के अनुज पालीवाल से जिन्हें केरल कैडर आवंटित किया गया है, प्रधानमंत्री ने उनकी प्राथमिकताओं पर संवाद किया। इस अधिकारी ने प्रधानमंत्री को अपराधों की जांच में अपनी जैव-प्रौद्योगिकी पृष्ठभूमि की उपयोगिता के साथ-साथ सिविल सेवा परीक्षा में अपने वैकल्पिक विषय ‘समाजशास्त्र’ की उपयोगिता के बारे में बताया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अनुज पालीवाल को संगीत का शौक है जो पुलिस सेवा की उदासीन दुनिया में भले ही अजीब लगे, लेकिन यह शौक उनके लिए काफी मददगार साबित होगा एवं उन्हें एक बेहतर अधिकारी बनाएगा। रोहन जगदीश से संवाद हुआ, जो कानून स्नातक है, जिसने सिविल सेवा परीक्षा में राजनीति विज्ञान एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विषयों का चयन किया था एक बेहतरीन तैराक भी है। रोहन जगदीश से संवाद करते हुए प्रधानमंत्री ने पुलिस सेवा में उनसे फिटनेस के महत्व पर भी चर्चा की। प्रधानमंत्री ने समय बीतने के साथ प्रशिक्षण में आए बदलावों को लेकर चर्चा की। उन्होंने रोहन से एक वह समय जब उनके पिता कर्नाटक में राज्य सेवा में अधिकारी थे और एक वह समय जब वो स्वयं बतौर आईपीएस अधिकारी बनकर कर्नाटक जा रहे हैं के दौरान आए बदलावों को लेकर बातचीत की। गौरव रामप्रवेश राय महाराष्ट्र से सिविल इंजीनियर हैं, जिन्हें छत्तीसगढ़ कैडर मिला है, से संवाद करते हुए प्रधानमंत्री ने उनके पसंदीदा खेल शतरंज पर बातचीत कीकि किस प्रकार शतरंज सफल रणनीति तैयार करने में मददगार सिद्ध हो सकता है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित होने के कारण क्षेत्र में कई गंभीर चुनौतियां हैं, इनके समाधान के लिए जनजातीय क्षेत्र में कानून-व्यवस्था के साथ विकास और सामाजिक भागीदारी पर भी जोर दिया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने गौरव रामप्रवेश राय से आशा व्यक्त करते हुए कहा कि उनके जैसे युवा अधिकारी युवाओं को हिंसा के रास्ते से बाहर निकालने में अहम योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि हम माओवादी हिंसा को नियंत्रित करने में सफल रहे हैं और जनजातीय क्षेत्रों में विकास एवं विश्वास के नए सेतु स्थापित किए जा रहे हैं। हरियाणा की रहने वाली रंजीता शर्मा से प्रधानमंत्री का संवाद हुआ, जिन्हें राजस्थान कैडर मिला है। प्रधानमंत्री ने प्रशिक्षण के दौरान रंजीता के सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षु अधिकारी के रूपमें चयनित होने पर उनकी सराहना की। उन्होंने कहा कि सेवा के दौरान जनसंचार विषय की उनकी पढ़ाई काफी उपयोगी सिद्ध होगी। प्रधानमंत्री ने इस बात को रेखांकित किया कि हरियाणा और राजस्थान में अपनी बेटियों की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न सकारात्मक प्रयास किए गए हैं। उन्होंने इस महिला अधिकारी को सलाह दी कि वह प्रत्येक सप्ताह एक घंटा अपने कार्यक्षेत्र की स्कूली बालिकाओं से बात करें और उन्हें प्रेरणा दें कि उन्हें कैसे सफलता हासिल करनी चाहिए। केरल के नितिनराज पी को गृह राज्य कैडर मिला है। प्रधानमंत्री ने उनकी फोटोग्राफी और शिक्षण के प्रति रुचि का भी उपयोग करने की सलाह दी, जो उन्हें और दक्ष बनाएगी।
नरेंद्र मोदी ने पंजाब की एक दंत चिकित्सक नवजोत सिमी से संवाद किया, जिन्हें बिहार कैडर आवंटित किया गया है। उन्होंने कहा कि सैन्यबलों में महिला अधिकारियों की उपस्थिति सेवा में सकारात्मक बदलाव लाएगी। प्रधानमंत्री ने गुरु का उद्धरण देते हुए कहा कि वह अधिकारी को करुणा और संवेदनशीलता के साथ बिना किसी डर के अपना कर्तव्य पालन करने की सलाह देता है। उन्होंने कहा कि बेटियों को सेवा में अधिक संख्या में शामिल करने से यह सेवा और मजबूत होगी। आंध्र प्रदेश के कोम्मी प्रताप शिवकिशोर, जो आईआईटी खड़गपुर से एमटेक है और जिसे होम कैडर मिला है, प्रधानमंत्री ने बातचीत की। प्रधानमंत्री ने वित्तीय धोखाधड़ी पर उनके विचार जाने। प्रधानमंत्री ने सूचना प्रौद्योगिकी की समावेशी क्षमता पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने दुनिया में बढ़ते साइबर अपराध से निपटने के लिए उनसे इस दिशा में अपना तालमेल बनाए रखने को कहा। प्रधानमंत्री ने युवा अधिकारियों से डिजिटल जागरुकता में सुधार लाने के लिए अपने सुझाव भेजने को भी कहा। नरेंद्र मोदी ने मालदीव के एक प्रशिक्षु अधिकारी मोहम्मद नाजिम से भी वार्तालाप किया। प्रधानमंत्री ने मालदीव के प्रकृति प्रेमी लोगों की सराहना की। उन्होंने कहा कि मालदीव सिर्फ पड़ोसी ही नहीं बल्कि भारत का एक अच्छा मित्र भी है, भारत वहां एक पुलिस अकादमी स्थापित करने में सहायता कर रहा है। प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बीच सामाजिक और व्यावसायिक संबंधों की भी चर्चा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि आने वाला 15 अगस्त स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ का शुभारंभ करेगा। उन्होंने कहा कि पिछले 75 वर्ष में एक बेहतर पुलिस सेवा के निर्माण के प्रयास किए गए हैं, हाल के वर्षों में पुलिस प्रशिक्षण से संबंधित बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। प्रधानमंत्री ने प्रशिक्षु अधिकारियों से स्वतंत्रता संग्राम की भावना का स्मरण रखने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि 1930 से 1947 के बीच की अवधि में देश की युवा पीढ़ी एक महान लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एकजुट होकर आगे बढ़ी थी। उन्होंने कहा कि आज के युवाओं से भी यही भावना अपेक्षित है। प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि उन्होंने ‘स्वराज्य’ के लिए लड़ाई लड़ी, आपको 'सुराज्य' के लिए आगे बढ़ना होगा। प्रधानमंत्री ने प्रशिक्षुओं से कहा कि वे उस समय के महत्व को याद रखें जब वे अपने करियर में प्रवेश कर रहे हैं जब भारत हर स्तर पर परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, चूंकि सेवा में उनके पहले 25 वर्ष देश के जीवन में महत्वपूर्ण 25 वर्ष होने जा रहे हैं, जब भारतीय गणतंत्र स्वतंत्रता के 75 वर्ष से अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी की ओर अग्रसर होगा। प्रधानमंत्री ने तकनीकी व्यवधान के इस समय में पुलिस को तैयार रखने की आवश्यकता पर बल दिया।
नरेंद्र मोदी ने नई पीढ़ी की होनहार युवा महिला अधिकारियों का आभार व्यक्त किया और कहा कि पुलिस बल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के प्रयास किए गए हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि बेटियां पुलिस सेवा में दक्षता, जवाबदेही के उच्चतम मानकों का संचार करेंगी और उनमें विनम्रता, सहजता और संवेदनशीलता के तत्व भी शामिल होंगे। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि राज्य 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में आयुक्त प्रणाली शुरू करने पर काम कर रहे हैं, 16 राज्यों के कई शहरों में यह व्यवस्था पहले ही शुरू की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि पुलिस को प्रभावी और भविष्यवादी बनाने के लिए सामूहिक और संवेदनशील तरीके से काम करना महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने तकनीकी हस्तक्षेपों के इस वक्त में पुलिस को एकदम तैयार रखने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि अब चुनौती नई तरह के अपराधों को और भी नवीन तरीकों से रोकने की है। उन्होंने साइबर सुरक्षा के लिए नए प्रयोग, अनुसंधान और तरीके अपनाने की जरूरत पर जोर दिया। नरेंद्र मोदी ने प्रशिक्षुओं से कहा कि लोग उनसे एक खास तरह के आचरण की अपेक्षा करते हैं, वे न सिर्फ कार्यालय या मुख्यालय में बल्कि उससे भी परे अपनी सेवा की गरिमा के प्रति हमेशा सचेत रहें।
प्रधानमंत्री ने प्रशिक्षु अधिकारियों को याद दिलाया कि वे 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' के ध्वजवाहक हैं, इसलिए उन्हें हमेशा 'राष्ट्र पहले, हमेशा पहले' के मंत्र को अपने ज़ेहन में रखना चाहिए और ये उनकी सभी गतिविधियों में झलकना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि अपने क्षेत्रों में रहते हुए आपके फैसलों में देश हित और राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि अकादमी में प्रशिक्षण ले रहे पड़ोसी देशों के पुलिस अधिकारी देशों की निकटता और गहरे संबंध को रेखांकित करते हैं। उन्होंने कहा कि चाहे वह भूटान हो, नेपाल हो, मालदीव हो या मॉरीशस, हम सिर्फ पड़ोसी नहीं हैं, बल्कि हमारी सोच और सामाजिक ताने-बाने में भी काफी समानताएं हैं। उन्होंने कहा कि जरूरत के समय हम दोस्त हैं और जब भी कोई विपदा या कठिनाई होती है तो हम एक दूसरे के लिए सबसे पहले जवाब देने वाले होते हैं, यह कोरोनाकाल में भी स्पष्ट हुआ है। प्रधानमंत्री ने महामारी के दौरान सेवा देते हुए अपनी जान गंवाने वाले पुलिस बल के सदस्यों को श्रद्धांजलि दी।