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Tuesday 3 August 2021 12:36:06 PM
नई दिल्ली। संसद में अंतर्देशीय पोत विधेयक-2021 पारित कर दिया गया है, जिसका उद्देश्य 100 साल से अधिक पुराने अंतर्देशीय पोत अधिनियम-1917 (1917 का 1) को प्रतिस्थापित करना, अंतर्देशीय जल परिवहन के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत करना, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को साकार करना, विधायी ढांचे को उपयोगकर्ताओं के अनुकूल बनाना और व्यापार करने की आसान प्रक्रिया को बढ़ावा देना है। केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस विधेयक को राज्यसभा में पेश किया था, जिसे राष्ट्रपति की स्वीकृति केलिए भेजा गया है। सर्बानंद सोनोवाल ने इस अवसर पर कहा कि यह पहल औपनिवेशिक कानूनों को निरस्त करके उन्हें समुद्री क्षेत्र की आधुनिक एवं समकालीन जरूरतों को पूरा करने वाले और उनके विकास से जुड़े कानूनों से प्रतिस्थापित करने की दिशा में पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अपनाए गए सक्रिय दृष्टिकोण का एक हिस्सा है।
पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने यह भी कहा कि नियमों और विनियमों का एक समान कार्यान्वयन अंतर्देशीय जहाजों द्वारा अंतर्देशीय जलमार्गों का उपयोग करते हुए निर्बाध, सुरक्षित और किफायती व्यापार एवं परिवहन को सुनिश्चित करेगा। उन्होंने बताया कि अंतर्देशीय जल परिवहन की क्षमता का दोहन करने और इसे कार्गो एवं यात्रियों की आवाजाही केलिए भीड़भाड़ वाली सड़क और रेल नेटवर्क के समांतर परिवहन के एक पूरक और पर्यावरण के अनुकूल साधन के रूपमें बढ़ावा देने केलिए सरकार ने कई पहल की हैं और 111 जलमार्गों को राष्ट्रीय जलमार्ग के तौरपर घोषित किया है। अंतर्देशीय पोत अधिनियम 1917 की परिकल्पना सीमित कार्यांवयन और उद्देश्यों वाले एक शुद्ध समेकित कानून के रूपमें की गई थी, जिसमें कई संशोधन किए गए और पिछले महत्वपूर्ण संशोधन 1977 और 2007 में किए गए थे।
अंतर्देशीय पोत अधिनियम में राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र के भीतर यांत्रिक रूपसे चालित जहाजों के प्रतिबंधात्मक आवाजाही, अनुमोदन की आवश्यकता, सीमित कार्यांवयन और प्रमाणपत्र की वैधता, असमान मानकों एवं विनियमों से जुड़े प्रावधान शामिल थे, जिनके राज्य दर राज्य अलग-अलग होने के कारण विभिन्न राज्यों के बीच निर्बाध नौचालन और इस क्षेत्र के विकास में बाधाएं और अड़चनें आईं। पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री ने कहा कि एक ऐसी नई कानूनी व्यवस्था की जरूरत थी, जोकि भविष्य के तकनीकी विकास के अनुकूल और अनुरूप हो, व्यापार और परिवहन की वर्तमान एवं भविष्य की संभावनाओं और अंतर्देशीय जहाजों द्वारा सुरक्षित नौचालन को सुविधाजनक बनाने में सक्षम हो। नया अधिनियम अंतर्देशीय जहाजों के सामंजस्यपूर्ण एवं प्रभावी विनियमन और विभिन्न राज्यों के बीच उनके निर्बाध और सुरक्षित परिचालन की सुविधा प्रदान करेगा। इसके लाभों में है-अंतर्देशीय जलमार्गों का उपयोग करते हुए निर्बाध, सुरक्षित और किफायती व्यापार एवं परिवहन सुनिश्चित करने के लिए नियमों और विनियमों का एक समान कार्यांवयन।
यांत्रिक रूपसे चालित जहाजों के वर्गीकरण और वर्गीकरण के मानकों का निर्धारण, जहाजों के पंजीकरण से जुड़े मानक और प्रक्रियाएं, केंद्र सरकार द्वारा विशेष श्रेणी के जहाजों की पहचान एवं उनके वर्गीकरण से जुड़े मानकआदि और राज्य सरकारों के निर्धारित मानकों के अनुपालन से जुड़े प्रावधानों का कार्यांवयन, संबंधित राज्य सरकारों के स्थापित प्राधिकरणों की स्थिति को संरक्षित करना, इस प्रकार प्रस्तावित कानून के प्रावधानों के प्रभावी कार्यांवयन को सुनिश्चित करना, डिजिटल इंडिया अभियान की भावना को आत्मसात करते हुए एक केंद्रीय डेटाबेस या पंजीकरण के लिए ई-पोर्टल/ क्रू डेटाबेस का प्रावधान, नौचालन की सुरक्षा, जीवन एवं कार्गो की सुरक्षा, पर्यावरणीय प्रदूषण की रोकथाम, व्यापार की स्वस्थ प्रथाओं की व्यवस्था करने, कल्याण कोष का गठन, प्रशासनिक तंत्र की पारदर्शिता एवं जवाबदेही, सक्षम एवं कुशल श्रमशक्ति के प्रशिक्षण और विकास को सुनिश्चित करने केलिए उच्च मानकों का निर्धारण करना, इसमें पोत निर्माण और उसके उपयोग से जुड़े भावी विकास एवं तकनीकी प्रगति को शामिल किया गया है।
अंतर्देशीय पोत विधेयक-2021 के लाभों में है-विशेष श्रेणी के जहाजों के रूपमें पहचाने जाने वाले वर्तमान और भविष्य के तकनीकी रूपसे उन्नत जहाजों को विनियमित करना, कबाड़ एवं रद्दी से संबंधित प्रावधान, राज्य सरकार द्वारा मलबे के अभिग्राही (रिसीवर) की नियुक्ति, दायित्व के सिद्धांतों और दायित्व की सीमा से संबंधित प्रावधान, सुरक्षित व्यापार एवं व्यापारिक प्रथाओं को सुनिश्चित करने केलिए बीमा की अवधारणा को विकसित और विस्तारित करना, हताहतों और जांच से संबंधित उन्नत प्रावधान, सेवा प्रदाताओं और सेवाओं के उपयोगकर्ताओं केलिए आसान अनुपालन की व्यवस्था, यह राज्य सरकारों को विनियमन से अछूते गैर-यांत्रिक रूपसे चालित जहाजों से संबंधित क्षेत्र को विनियमित करने का एक मंच प्रदान करता है।