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Monday 9 August 2021 12:55:33 PM
नई दिल्ली। भारत में न्याय हासिल करना महज एक आकांक्षापूर्ण लक्ष्य नहीं है, इसे व्यावहारिक वास्तविकता बनाने केलिए हमें सरकार के विभिन्न अंगों के साथ मिलजुलकर काम करने की आवश्यकता है। भारत के मुख्य न्यायाधीश और राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकरण (नालसा) के मुख्य संरक्षक एनवी रमण ने नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में यह बात कही। मुख्य न्यायाधीश ने नालसा के विजन एवं मिशन ब्यौरे और कानूनी सेवा मोबाइल एप्लीकेशन को जारी करते हुए कहा कि यदि हम कानून के शासन से चलने वाले समाज के रूपमें बने रहना चाहते हैं तो हमारे लिए अत्यधिक विशेषाधिकार प्राप्त और सबसे कमजोर तबके के बीच न्याय की पहुंच के अंतर को पाटना सबसे ज्यादा जरूरी है। उन्होंने कहा कि सभी लोगों खासकर वंचितों के बीच सांविधानिक अधिकारों और मुफ्त कानूनी सहायता की जानकारी के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार जरूरी है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश ने नालसा की भूमिका और उसकी पहल की सराहना करते हुए कहा कि डाक नेटवर्क की मौजूदा सेवाओं का प्रभावी ढंग से उपयोग नि:शुल्क कानूनी सहायता सेवाओं की उपलब्धता के बारे में जागरुकता फैलाने और पात्र वर्ग, खासतौर पर देश के ग्रामीण एवं दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों तक कानूनी सेवाओं की पहुंच बढ़ाने केलिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि डाकघर और डाकिये शहर व गांव के बीच डिजिटल डिवाइड को कम करने में भी सहायक होंगे। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि डाकघर और पोस्टमैन की सेवाएं उन लोगों के बीच की खाई को पाट देंगी, जो भौगोलिक बाधाओं के कारण न्याय तक पहुंच से वंचित हैं, ये ग्रामीण और शहरी आबादी के बीच के विभाजन को कम करेंगी। नालसा के कार्यकारी अध्यक्ष और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश यूयू ललित ने कानूनी सेवा संस्थानों के कर्तव्यों के बारे में विस्तार से बताया और इस बात पर जोर दिया कि अगर हमें देश के दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंचना है तो यह डाकघरों के माध्यम से ही होना चाहिए। कार्यक्रम में डिस्प्ले पोस्टर भी जारी किए गए, जिन्हें नि:शुल्क कानूनी मदद और सहायता की उपलब्धता के बारे में सूचना प्रसारित करने केलिए देशभर के डाकघरों में लगाया जाएगा।
विजन एवं मिशन ब्यौरा नालसा के उस दृष्टिकोण को समाहित करता है, जो एक समावेशी कानूनी प्रणाली को बढ़ावा देने और हाशिए पर रहने वालों तथा वंचितों केलिए निष्पक्ष एवं सार्थक न्याय सुनिश्चित करने वाला है। यह समाज में हाशिए पर रहने वालों और छोड़ दिए गए समूहों को कानूनी रूपसे सशक्त बनाने के नालसा के मिशन को कानूनी रूपसे उपलब्ध लाभों और पात्र लाभार्थियों को प्रभावी कानूनी प्रतिनिधित्व, कानूनी जानकारी एवं जागरुकता प्रदान कर बढ़ावा देता है। एंड्रॉइड फोन केलिए कानूनी सेवा मोबाइल एप्लीकेशन में कानूनी मदद खोजना, कानूनी सलाह और अन्य शिकायतों की मांग जैसी सुविधाएं शामिल हैं। एप्लीकेशन ट्रैकिंग सुविधा और स्पष्टीकरण मांगने जैसी कुछ अतिरिक्त सुविधाएं हैं, जो कानूनी मदद का लाभ पाने वालों तथा कानूनी सेवा प्राधिकरणों दोनों केलिए उपलब्ध हैं। ऐप के जरिए लाभार्थी संस्थान पूर्व मध्यस्थता और पीड़ित मुआवजे केलिए भी आवेदन कर सकते हैं। ऐप को जल्द ही आईओएस और क्षेत्रीय भाषाओं में लांच किया जाएगा। कार्यक्रम में देशभर से न्यायिक पदाधिकारी शामिल हुए।