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Monday 9 August 2021 05:28:22 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत वित्तीय लाभ की 9वीं किस्त जारी करते हुए किसान लाभार्थियों से बातचीत भी की। करीब 19,500 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि 9.75 करोड़ से अधिक लाभार्थी किसान परिवारों को अंतरित की गई। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर किसानों से बुआई के मौसम के बारे में चर्चा की और यह उम्मीद जताई कि इस धनराशि से उनको खूब मदद मिलेगी। उन्होंने एक लाख करोड़ रुपये की निधि वाली किसान इंफ्रास्ट्रक्चर फंड योजना के एक साल पूरे होने का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने शहद मिशन (मिशन हनी-बी) और नेफेड की दुकानों में जम्मू-कश्मीर के केसर बनाए जाने जैसी पहलों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि शहद मिशन की वजह से 700 करोड़ रुपये के शहद का निर्यात हुआ है, जिससे किसानों को अतिरिक्त आय प्राप्त हुई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस का उल्लेख करते हुए कहा कि यह गर्व का अवसर होने के साथ नए संकल्प लेने का भी एक अवसर है, हमें इस अवसर का उपयोग यह तय करने केलिए करना होगा कि हम आनेवाले 25 वर्ष में भारत को कहां देखना चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2047 में जब देश अपनी आजादी के 100 वर्ष पूरे करेगा, भारत की स्थिति को निर्धारित करने में हमारी कृषि और हमारे किसानों की बड़ी भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि यह समय भारत की कृषि को नई चुनौतियों का सामना करने और नए अवसरों का लाभ उठाने के लिए दिशा देने का है। उन्होंने बदलते समय की जरूरतों के अनुरूप भारतीय कृषि में बदलाव लाने का आह्वान किया। उन्होंने कोरोना महामारी में रिकॉर्ड उत्पादन केलिए किसानों की सराहना की और सरकार के उपायों को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने बीजों, उर्वरकों की निर्बाध आपूर्ति और बाजारों तक पहुंच सुनिश्चित की, यूरिया इस पूरी अवधि में उपलब्ध रहा और जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में डीएपी की कीमतें कई गुना बढ़ गईं तो सरकार ने तुरंत उसके लिए 12000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की, ताकि किसानों को उसका बोझ महसूस न हो।
प्रधानमंत्री ने कहा कि चाहे खरीफ या रबी का सीजन रहा हो सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से अबतक की सबसे बड़ी खरीद की है, करीब एक लाख 70 हजार करोड़ रुपये सीधे चावल का उत्पादन करने वाले किसानों के खाते में पहुंचे हैं और करीब 85,000 करोड़ रुपये सीधे गेहूं का उत्पादन करने वाले किसानों के खाते में गए हैं। प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि जब कुछ साल पहले देश में दालों की कमी हुई थी तो उन्होंने किसानों से दलहन का उत्पादन बढ़ाने का आग्रह किया था, इसके परिणामस्वरूप पिछले 6 वर्ष में देश में दालों के उत्पादन में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री ने खाद्य तेल में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने केलिए एक दृढ़संकल्प के रूपमें ‘राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-ऑयल पाम यानी एनएमईओ-ओपी’ पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज जब देश ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ को स्मरण कर रहा है, इस ऐतिहासिक दिन पर यह दृढ़संकल्प हमें नई ऊर्जा से भर देता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-ऑयल पाम मिशन के जरिए खाद्य तेल से जुड़ी समग्र व्यवस्था में 11,000 करोड़ रुपये से भी अधिक का निवेश किया जाएगा, सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि किसानों को बेहतरीन बीजों से लेकर प्रौद्योगिकी तक सभी सुविधाएं मिलें।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने कृषि निर्यात के मामले में दुनिया के शीर्ष 10 देशों में स्वयं को शुमार कर लिया है, कोरोना संकटकाल में देश ने कृषि निर्यात में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि जब एक बड़े कृषि निर्यातक देश के रूपमें भारत की पहचान बन गई है तो खाद्य तेल की जरूरतों केलिए आयात पर निर्भर रहना सही नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की कृषि नीतियों में छोटे किसानों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है, इसी भावना के साथ पिछले कुछ वर्ष से इन छोटे किसानों को सुविधा और सुरक्षा प्रदान करने केलिए अत्यंत गंभीरतापूर्वक प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि के तहत अबतक किसानों को 1 लाख 60 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं, इनमें से 1 लाख करोड़ रुपये महामारी के दौरान छोटे किसानों को अंतरित किए गए हैं, कोरोनाकाल में 2 करोड़ से भी अधिक किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए, जिनमें से अधिकांश छोटे किसानों को दिए गए। उन्होंने कहा कि फूड पार्क, किसान रेल और इंफ्रास्ट्रक्चर फंड जैसी पहलों से छोटे किसानों को काफी मदद मिलेगी, बीते साल इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत 6 हजार से भी ज्यादा परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये कदम बाजार तक छोटे किसानों की पहुंच के साथ-साथ एफपीओ के माध्यम से सौदेबाजी करने की उनकी क्षमता को भी काफी बढ़ा देते हैं।