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'एथलीटों से पदक जीतने नहीं सर्वश्रेष्ठ की अपेक्षा'

प्रधानमंत्री ने टोक्‍यो-2020 के पैरालंपिक एथलीटों से की कॉंफ्रेंसिंग

'भारत टोक्‍यो-2020 पैरालंपिक खेलों में रचेगा एक नया इतिहास'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 17 August 2021 04:38:24 PM

narendra modi interacting with the indian para-athlete contingent for tokyo 2020 paralympic games

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए टोक्‍यो-2020 के पैरालंपिक खेलों के भारतीय पैरा एथलीट दल तथा पैरा-एथलीटों के परिजनों, अभिभावकों और कोचों के साथ बातचीत की। प्रधानमंत्री ने पैरा एथलीटों के आत्‍मबल और उनकी इच्‍छाशक्ति की सराहना की। उन्‍होंने पैरालंपिक खेलों में हिस्सा लेने जा रहे अबतक के सबसे बड़े दल केलिए एथलीटों की कड़ी मेहनत को श्रेय दिया। उन्‍होंने कहा कि पैरा एथलीटों के साथ बातचीत के बाद उन्‍हें उम्‍मीद है कि भारत टोक्‍यो-2020 पैरालंपिक खेलों में एक नया इतिहास रचेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का नया भारत पदकों केलिए एथलीटों पर दबाव नहीं डालता, बल्कि उनसे उनका सर्वश्रेष्‍ठ देने की उम्‍मीद करता है। हाल के ओलंपिक्‍स का उल्‍लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एथलीट अपने प्रयासों में जीतें या हारें, देश हमेशा उनके साथ खड़ा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मैदान में शारीरिक शक्ति के साथ-साथ मानसिक शक्ति के महत्व पर भी चर्चा की। उन्होंने पैरा एथलीटों की उनकी परिस्थितियों से उबरने और उनके बावजूद आगे बढ़ने केलिए प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे गांव और दूरदराज के इलाके प्रतिभा से भरे हुए हैं और पैरा एथलीटों का दल इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। उन्होंने कहा कि हमें अपने युवाओं के बारे में सोचना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि उन्हें सभी संसाधन एवं सुविधाएं मिलें। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन क्षेत्रों में कई युवा खिलाड़ी हैं, जिनमें पदक जीतने की क्षमता है। उन्होंने बताया कि स्थानीय प्रतिभाओं की पहचान करने केलिए देशभर में 360 खेलो इंडिया केंद्र स्थापित किए गए हैं, जल्द ही यह संख्या बढ़ाकर 1,000 कर दी जाएगी, खिलाड़ियों को उपकरण, मैदान और अन्य संसाधन तथा बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश खुले दिल से अपने खिलाड़ियों की मदद कर रहा है, टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) के जरिए देश ने जरूरी सुविधाएं दीं और लक्ष्य निर्धारित किए हैं।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि अगर देश को खेलों में शीर्ष तक पहुंचना है तो हमें उस पुराने डर को मन से निकालना होगा, जो पुरानी पीढ़ी के मन में बैठ गया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी बच्चे का अगर खेल में ज्यादा मन लगता तो घर वालों को चिंता हो जाती थी कि वह आगे क्या करेगा? क्योंकि एक-दो खेलों को छोड़कर खेल हमारे लिए सफलता या करियर का पैमाना ही नहीं रह गए थे, इस मानसिकता, असुरक्षा की भावना को तोड़ना हमारे लिए बहुत जरूरी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें भारत में खेल संस्कृति को विकसित करने के लिए अपने तरीकों और प्रणाली में सुधार करते रहना होगा। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय खेलों को बढ़ावा देने के साथ-साथ पारंपरिक खेलों को नई पहचान मिल रही है। उन्होंने मणिपुर की राजधानी इम्फाल में खेल विश्वविद्यालय की स्थापना, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में खेलों की स्थिति और खेलो इंडिया आंदोलन का महत्वपूर्ण कदमों के तौरपर उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पैरा एथलीटों से कहा कि चाहे वे किसी भी खेल का प्रतिनिधित्व करते हों, वे एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को मजबूत करते हैं। नरेंद्र मोदी ने कहा कि आप जिस भी राज्य क्षेत्र से ताल्लुक रखते हों, जो भी भाषा बोलते हों, उन सबसे ऊपर आज आप 'टीम इंडिया' हैं, यह भावना समाज के हर क्षेत्र में होनी चाहिए, हर स्तर पर दिखनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले दिव्यांगजनों को सुविधाएं देना कल्याणकारी समझा जाता था, लेकिन आज देश इसे अपना दायित्व मानकर काम कर रहा है, इसलिए देश की संसद ने दिव्यांगजनों को व्यापक सुरक्षा प्रदान करने केलिए 'दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम' कानून बनाया है। उन्होंने कहा कि सुगम्य भारत अभियान इस नई सोच का सबसे बड़ा उदाहरण है, सैकड़ों सरकारी भवनों, रेलवे स्टेशनों, ट्रेन के डिब्बों, घरेलू हवाई अड्डों और अन्य बुनियादी ढांचे को दिव्यांगों के अनुकूल बनाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय साइन लैंग्वेज का मानक शब्दकोश, एनसीईआरटी का साइन लैंग्वेज अनुवाद जैसे प्रयास जीवन बदल रहे हैं और साथ ही बहुत सारी प्रतिभाओं को यह भरोसा मिल रहा है कि वे देश के लिए कुछ कर सकते हैं। इस अवसर पर खेलने के अवसरों की कमी और नई जगह, नए लोगों एवं अंतर्राष्ट्रीय परिस्थितियों जैसे मुद्दों को ध्यान में रखते हुए एथलीट दल केलिए खेल मनोविज्ञान संबंधी कार्यशाला और संगोष्ठियों के माध्यम से तीन सत्र आयोजित किए गए। पैरालंपिक खेलों में देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए नौ खेलों के 54 पैरा एथलीट राष्ट्र टोक्यो जाएंगे। यह पैरालंपिक खेलों में हिस्सा लेने वाला भारत का अबतक का सबसे बड़ा दल है। कार्यक्रम में केंद्रीय युवा मामले एवं खेल एवं सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर भी उपस्थित थे।

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