स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 24 August 2021 01:42:41 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और वस्त्रमंत्री पीयूष गोयल ने उद्योग परिसंघों के साथ निर्यात संवर्धन और इसमें वृद्धि के उपायों पर चर्चा करते हुए कहा है कि जीवंत और मजबूत उद्योग इकोसिस्टम के निर्माण केलिए एक रोडमैप तैयार करेंगे। पीयूष गोयल ने कोविड-19 के दौरान सभी उद्योग संघों के निःस्वार्थ भावना से काम करने केलिए सराहना की। उन्होंने कहा कि सामूहिक इच्छाशक्ति, चुस्ती और सहयोग के साथ हमने संकट को अवसर में बदल दिया है, क्योंकि अगस्त 21 के पहले 2 हफ्तों केलिए व्यापारिक निर्यात 2020-21 में 45 प्रतिशत और 2019-20 में 32 प्रतिशत और व्यापारिक निर्यात 1 अप्रैल से 14 अगस्त 21 के लिए 2020-21 की तुलना में 71 प्रतिशत और 2019-20 में 23 प्रतिशत अधिक है।
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि यह समय इसपर चिंतन करने का भी है कि भविष्य के लक्ष्यों को कैसे प्राप्त किया जाए। उन्होंने कहा कि भारत का औसत लागू आयात शुल्क 2019 में 17.6 प्रतिशत से घटकर 2020 में 15 प्रतिशत हो गया है, यह लगभग डेढ़ दशक में सबसे तेज वार्षिक गिरावट है और हमारे लागू टैरिफ 50.8 प्रतिशत (डब्ल्यूटीओ के तहत अनुमेय सीमा) की बाध्य दर से नीचे है। उन्होंने कहा कि भारत 2021-22 में 400 अरब डॉलर के व्यापारिक निर्यात के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मिशन मोड में काम कर रहा है। पीयूष गोयल ने कहा कि अर्थव्यवस्था पुनरुद्धार के रास्ते पर है और भारत ने 2020-21 में अबतक का सबसे अधिक एफडीआई का निवेश प्राप्त किया है, यह 74.39 बिलियन अमेरिकी डॉलर (2019-20) से 10 प्रतिशत बढ़कर 81.72 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया और मई-2021 के दौरान एफडीआई 12.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर यानी मई 2020 की तुलना में 203 प्रतिशत अधिक और मई 2019 की तुलना में 123 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कहा कि ईओडीबी से निर्यात तक और स्टार्टअप से सेवाओं तक भारत प्रत्येक क्षेत्र में बड़ी छलांग लगा रहा है।
वाणिज्य मंत्री ने कहा कि 54,000 से भी अधिक स्टार्ट-अप्स ने लगभग 5.5 लाख रोज़गार प्रदान किए हैं और अगले 5 वर्ष में 50,000 नए स्टार्ट-अप्स 20 लाख से भी अधिक रोज़गार सृजित करेंगे। उन्होंने कहा कि यह हमारे उद्योग जगत केलिए मजबूत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाएं विकसित करने केलिए हमारी क्षमता, सामर्थ्य और प्रतिबद्धता का व्यापक विस्तार करने का एकदम सही समय है। उन्होंने कहा कि हमारे अथक प्रयास वाकई हमारी संभावनाओं एवं भारत की क्षमता व्यापक रूपसे बढ़ाने के बारे में दुनिया केलिए ठोस प्रमाण हैं और हमारे उद्योगों ने सही मायनों में ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ की भावना अपने में समाहित कर ली है। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता, उत्पादकता एवं दक्षता हमारे निर्यात बास्केट को बड़ा, बेहतर व व्यापक बना देगी और विभिन्न पहलों से उद्योगों में व्यापक बदलाव लाएगी एवं इसके साथ ही लोगों की जिंदगी बेहतर कर देगी।
पीयूष गोयल ने विनिर्माण क्षेत्र को भी प्रोत्साहन देने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि सरकार का फोकस अगले 5 वर्ष में 13 सेक्टरों को 1.97 लाख करोड़ रुपये के पीएलआई, निवेश आकर्षित करने केलिए 24 सेक्टरों, निवेश मंजूरी प्रकोष्ठ के जरिए कारोबार में सुविधा के लिए वन-स्टॉप डिजिटल प्लेटफॉर्म, 739 जिलों के 739 उत्पादों का एक पूल बनाने के लिए ‘एक जिला एक उत्पाद’ और औद्योगिक क्षेत्रों का जीआईएस-आधारित डेटाबेस प्रदान करने केलिए इंडिया इंडस्ट्रियल लैंड बैंक पर होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को उम्मीद है कि भारतीय उद्योग जगत अनुसंधान के जरिए सहयोग केलिए विभिन्न क्षेत्रों, निर्यातकों एवं निर्माताओं को आवश्यक सहारा देने, राज्यों के साथ गहन जुड़ाव, विभिन्न मिशनों के साथ अधिक जुड़ाव इत्यादि के बारे में सुझाव देगा। पीयूष गोयल ने कहा कि सफलता की कुंजी लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने में है, बाधाओं पर नहीं। उन्होंने कहा कि भारतीय उद्योग ने अपने दृढ़ विश्वास और प्रतिबद्धता से दुनिया को दिखाया है कि हम किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं और उसपर विजय प्राप्त कर सकते हैं।
वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्रियों सोम प्रकाश तथा अनुप्रिया पटेल ने भी बैठक को संबोधित किया। डीजीएफटी, डीपीआईआईटी, द स्केल समिति (स्थानीय मूल्य-वर्धित और निर्यात संवर्धन संचालन समिति), सीआईआई, फिक्की और एसोचैम ने निर्यात बढ़ाने एवं 2021-22 के निर्यात लक्ष्यों को प्राप्त करने के उपाय विषय पर प्रस्तुति दी। बैठक में महिंद्रा एंड महिंद्रा के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ पवन गोयनका, फिक्की के सदस्य सचिव दिलीप चेनॉय, एसोचैम के सदस्य महासचिव दीपक सूद, इन्वेस्ट इंडिया के सीईओ दीपक बागला, पीआई इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं एमडी सलिल सिंघल, सीआईआई फुटवेयर एंड लेदर एक्सेसरीज कमिटी के अध्यक्ष गौतम नायर, डीपीआईआईटी की संयुक्त सचिव मनमीत के नंदा, सीआईआई के सदस्य महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी, जेएमडी एंड ग्रुप के मुख्य वित्तीय अधिकारी एवं सदस्य शेषागिरी राव एमवीएस (वीडियो कांफ्रेंस के जरिए), स्केल समिति के सदस्य संयुक्त सचिव डीओसी एस सुरेश कुमार शामिल हुए।
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के निदेशक विजय शर्मा, जिंदल स्टेनलेस रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के उपाध्यक्ष डॉ विनोद के वर्मा, इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष विकास अग्रवाल, इकोनॉमिक्स पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष संजय अग्रवाल, दक्षिण भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष अरुण, फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन ऑफ महाराष्ट्र के अध्यक्ष विनेश मेहता, आईएमसी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पूर्व में इंडियन मर्चेंट्स चैंबर) के अध्यक्ष जुज़र खोराकीवाला, अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल और उद्योग सहयोगी, जगदीश फोफंडी, द सीफूड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के महासचिव एलियास सैत, अध्यक्ष रवि गोसाईं, इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स मेजर (सेवानिवृत्त) के उपाध्यक्ष राजीव मेहरा, ईआईसीआई में सार्वजनिक नीति निदेशक निखिल सैनी, हेड कस्टम्स कंप्लायंस डीएचएल वासुदेवन राजगोपालन, एक्सप्रेस इंडस्ट्री काउंसिल ऑफ इंडिया, किरण रंभिया, अध्यक्ष परेश ठक्कर, बृहन मुंबई कस्टम हाउस एजेंट एसोसिएशन के सचिव शंकर शिंदे, अध्यक्ष चुनाव दुष्यंत मुलानी, मानद सचिव फेडरेशन फ्रेट फारवर्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के विवेक जालान, चेयरपर्सन जयंत चक्रवर्ती तथा चेयरपर्सन बंगाल चैंबर कॉमर्स इंडस्ट्री कोलकाता भी बैठक में शामिल हुए।