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Monday 6 September 2021 05:56:35 PM
पणजी। राष्ट्रपति और भारतीय सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर रामनाथ कोविंद ने आईएनएस हंस गोवा में समारोहपूर्वक भारतीय नेवल एविएशन को ध्वज प्रदान किया और कहा कि भारतीय नेवल एविएशन को ध्वज प्रदान करना उनके लिए गर्व की बात है। राष्ट्रपति ने कहा कि यह वास्तव में नौसैनिक उड्डयन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना है, क्योंकि इसने राष्ट्र की सेवा में 68 गौरवशाली वर्ष पूरे कर लिए हैं। उन्होंने इस उपलब्धि को हासिल करने केलिए अतीत और वर्तमान के सभी अधिकारियों और नाविकों को बधाई दी। राष्ट्रपति ने कहा कि आज प्रस्तुत किया गया ध्वज शांति और युद्ध में राष्ट्र केलिए की गई असाधारण सेवा को मान्यता है। उन्होंने कहा कि नेवल एविएशन के पास पेशेवर उत्कृष्टता का एक असाधारण रिकॉर्ड है और उसने सम्मान एवं विशिष्टता के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय नेवल एविएशन ने पिछले कुछ दशक में एक सतत यात्रा की है, जिसकी शुरुआत 11 मई 1953 को पहले भारतीय नौसेना वायुस्टेशन आईएनएस गरुड़ की कमीशनिंग के साथ हुई थी, तबसे नौसेना की विमानन शाखा ने एक लंबा सफर तय किया है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि नेवल एविएशन ने 1962 और 1965 के युद्धों में हिस्सा लिया था। राष्ट्रपति ने कहा कि नेवल एविएशन ने पिछले सात दशक में हमारे राष्ट्र केलिए उल्लेखनीय और वीरतापूर्ण सेवा के साथ खुद को भी प्रतिष्ठित किया है। उन्होंने बताया कि भारतीय नौसेना 27 मई 1951 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद से ध्वज प्राप्त करने वाली पहली भारतीय सशस्त्र सेना थी, इसके बाद नौसेना में राष्ट्रपति का ध्वज प्राप्त करने वालों में दक्षिणी नौसेना कमान, पूर्वी नौसेना कमान, पश्चिमी नौसेना कमान, पूर्वी बेड़ा, पश्चिमी बेड़ा, पनडुब्बी शाखा, आईएनएस शिवाजी और भारतीय नौसेना अकादमी शामिल हैं। भारतीय नेवल एविएशन शाखा 13 जनवरी 1951 को पहले सीलैंड विमान के अधिग्रहण के साथ अस्तित्व में आई और 11 मई 1953 को कोच्चि में आईएनएस गरुड़ को इसमें शामिल किया गया। राष्ट्रपति ने कहा कि नेवल एविएशन ने कई मानवीय सहायता और आपदा राहत कार्यों के माध्यम से देशवासियों को राहत प्रदान की है, इसने हिंद महासागर क्षेत्र में कई पड़ोसी देशों और राष्ट्रों को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की है।
राष्ट्रपति ने कहा कि नौसेना के विमान भी अनेक शांतिकाल के साथ-साथ न केवल हमारे देशवासियों को, बल्कि मित्र विदेशी राष्ट्रों को भी मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियान, राहत प्रदान करने में सबसे आगे रहे हैं। राष्ट्रपति ने आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए भारतीय नौसेना के स्वदेशीकरण के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना ने सक्रिय रूपसे स्वदेशीकरण किया है, यह नौसेना की वर्तमान और भविष्य की अधिग्रहण योजनाओं में अच्छी तरह से परिलक्षित होता है, जो स्वदेशीकरण से संचालित हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय नेवल एविएशन ने भी मेक इन इंडिया अभियान के अनुरूप लगातार प्रगति की है, विमानन प्रौद्योगिकी में शानदार प्रगति के साथ नौसेना के विमान आधुनिक, अत्याधुनिक स्वदेशी, हथियार, सेंसर और डेटा लिंक सूट के साथ सुसज्जित किए जा रहे हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के स्वदेशी रूपसे निर्मित उन्नत हल्के हेलीकॉप्टरों के साथ डोर्नियर और चेतक विमानों को शामिल करना रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर हमारे कदमों को उजागर करता है।
राष्ट्रपति ने विमानन प्रौद्योगिकी में की गई महत्वपूर्ण प्रगति, नौसेना के विमानों केलिए अत्याधुनिक स्वदेशी हथियारों, सेंसर और डेटा सूट की सुविधा का भी उल्लेख किया। राष्ट्रपति ने इस महत्वपूर्ण अवसर पर अधिकारियों और नाविकों को बधाई दी और कहा कि राष्ट्रीय नेतृत्व की दृढ़ता के साथ नेवल एविएशन सशक्त हो गया है। उन्होंने राष्ट्र के प्रति नि:स्वार्थ सेवा केलिए सभी अनुभवी और सेवारत नौसेना एविएटरों को भी बधाई दी। राष्ट्रपति ने कहा कि अपनी स्थापना के बाद से नेवल एविएशन के प्रभावशाली उड़ान संबंधी आंकड़े वास्तव में एक अत्यधिक प्रेरित टीम के अथक प्रयासों को दर्शाते हैं, महिलाओं को शामिल करने में नेवल एविएशन सबसे आगे रहा है। राष्ट्रपति को बताया गया कि नौसेना उड्डयन में लगभग 150 वायु यातायात नियंत्रण अधिकारियों में से लगभग 84 यानी 50 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं और 400 पर्यवेक्षकों में से 75 महिलाएं हैं, महिला पायलटों को भी नौसेना उड्डयन में शामिल किया गया है, जिसपर उन्होंने कहा कि यह एक स्वस्थ प्रवृत्ति है और इसे प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
नेवल एविएशन में आज भारतीय समुद्र तट के साथ अंडमान व निकोबार द्वीप समूह के नौ वायु स्टेशनों और तीन नौसेना वायु एन्क्लेव को मजबूती प्रदान करता है। पिछले सात दशक में यह एक आधुनिक, तकनीकी रूपसे उन्नत और अत्यधिक शक्तिशाली बल में बदल गया है, जिसमें लड़ाकू विमान, समुद्री टोही विमान, हेलीकॉप्टर और दूर-संचालित विमान सहित 250 से अधिक विमान शामिल हैं। नेवल एविएशन अपने संसाधनों के बल पर सभी प्रकार के सैन्य अभियानों के संचालन में सक्षम है। नेवल एविएशन भारतीय नौसेना की मुख्य भूमिकाओं-सैन्य, राजनयिक, कांस्टेबुलरी और हितकारी का एक महत्वपूर्ण घटक है। राष्ट्रपति ने इस मौके पर आईएनएस विक्रांत के इंटिग्रल विमान के साथ गौरवशाली योगदान को भी याद किया, जिसने 1971 में बांग्लादेश की मुक्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। नौसैनिकों ने भव्य परेड में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सलामी दी। इस अवसर पर गोवा के राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लै, गोवा के मुख्यमंत्री डॉ प्रमोद सावंत, पर्यटन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्यमंत्री श्रीपद येसो नाइक, नौसेनाध्यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह, पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ वाइस एडमिरल आर हरि कुमार और फ्लैग ऑफिसर नेवल एविएशन रियर एडमिरल फिलिपोज जी प्युनुमूटिल और गणमान्य नागरिक शामिल हुए। गौरतलब है कि शांति और युद्ध दोनों में राष्ट्र को दी गई असाधारण सेवा के सम्मान में एक सैन्य इकाई को राष्ट्रपति का ध्वज प्रदान किया जाता है।