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रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि

किसानों को उत्पादन लागत की तुलना में मिलेगी लाभकारी कीमत

एमएसपी में वृद्धि का उद्देश्य फसलों के विविधीकरण को प्रोत्साहन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 8 September 2021 03:41:50 PM

increase in minimum support price for rabi crops

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने रबी विपणन सीजन (आरएमएस) 2022-23 केलिए सभी रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी करने को मंजूरी दे दी है। सरकार ने आरएमएस 2022-23 के लिए रबी फसलों की एमएसपी में इजाफा कर दिया है, ताकि किसानों को उनके उत्पादों की लाभकारी कीमत मिल सके। पिछले वर्ष के एमएसपी में मसूर की दाल और कैनोला तथा सरसों में उच्चतम संपूर्ण बढ़ोतरी (प्रत्येक के लिए 400 रुपये प्रति क्विंटल) करने की सिफारिश की गई है, इसके बाद चने (130 रुपये प्रति क्विंटल) को रखा गया है। पिछले वर्ष की तुलना में कुसुम के फूल का मूल्य 114 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा दिया गया है। कीमतों में यह अंतर इसलिए रखा गया है, ताकि भिन्न-भिन्न फसलें बोने के लिए प्रोत्साहन मिले।
रबी विपणन सीजन 2022-23 केलिए रबी फसलों की एमएसपी में बढ़ोतरी केंद्रीय बजट 2018-19 में की गई घोषणा के अनुरूप है, जिसमें कहा गया कि देशभर के औसत उत्पादन को मद्देनज़र रखते हुए एमएसपी में कम से कम डेढ़ गुना इजाफा किया जाना चाहिए, ताकि किसानों को तर्कसंगत और उचित कीमत मिल सके। किसान खेती में जितना खर्च करता है, उसके आधार पर होनेवाले लाभ का अधिकतम अनुमान किया गया है। इस संदर्भ में गेहूं, कैनोला व सरसों (प्रत्येक में 100 प्रतिशत) लाभ होने का अनुमान है। दाल (79 प्रतिशत), चना (74 प्रतिशत), जौ (60 प्रतिशत), कुसुम के फूल (50 प्रतिशत) के उत्पादन में लाभ होने का अनुमान है। पिछले कुछ वर्ष से तिलहन, दलहन, मोटे अनाज के न्यूनतम समर्थन मूल्य में एकरूपता लाने के लिए संयुक्त रूपसे प्रयास किए जाते रहे हैं, ताकि किसान इन फसलों की खेती अधिक रकबे में करने के लिए प्रोत्साहित हों, इसके लिए वे बेहतर प्रौद्योगिकी और खेती के तौर-तरीकों को अपनायें, ताकि मांग और आपूर्ति में संतुलन पैदा हो।
केंद्र सरकार की प्रायोजित राष्ट्रीय खाद्य तेल पाम ऑयल मिशन योजना को भी सरकार ने हाल में घोषित किया है, जिससे खाद्य तेलों का घरेलू उत्पादन बढ़ेगा और आयात पर निर्भरता कम होगी। योजना के लिए 11,040 करोड़ रुपये रखे गए हैं, जिससे न सिर्फ रकबा और इस सेक्टर की उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिलेगी, बल्कि आय बढ़ने से किसानों को लाभ मिलेगा तथा अतिरिक्त रोज़गार पैदा होंगे। प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान नाम से ‘अम्ब्रेला स्कीम’ की घोषणा सरकार ने 2018 में की थी, इससे किसानों को अपने उत्पाद के लिए लाभकारी कीमत मिलेगी। अम्ब्रेला स्कीम में तीन उपयोजनाएं शामिल हैं, जैसे मूल्य समर्थन योजना, मूल्य न्यूनता भुगतान योजना और निजी खरीद व स्टॉकिस्ट योजना को प्रायोगिक आधार पर शामिल किया गया है।

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