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Friday 10 September 2021 12:36:40 PM
जम्मू। पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन विभाग में राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों केलिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा है कि जम्मू-कश्मीर में नई संवैधानिक व्यवस्था बनने और उसे केंद्रशासित प्रदेश बनने के बाद यहां कई प्रकार के शासन सुधार किए गए हैं, जो यहां पर पहले अस्तित्व में नहीं थे। केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय सुशासन केंद्र के आयोजित दो सप्ताह वाले क्षमता निर्माण कार्यक्रम के दौरान जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा (जेकेएएस) के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक संवाद सत्र में डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले वर्ष ही जम्मू-कश्मीर में भ्रष्टाचार निरोधक कानून को संशोधित रूपमें लागू किया गया है, जबकि पूर्व में तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य का अपना भ्रष्टाचार निरोधक कानून था।
कार्मिक राज्यमंत्री ने कहा कि नया अधिनियम न केवल भ्रष्टाचार को रोकने में ज्यादा प्रभावशाली साबित होगा, बल्कि ईमानदारी से काम करने वाले अधिकारियों को कई प्रकार की सुरक्षा भी प्रदान करेगा, उदाहरण के लिए रिश्वत देने वाला भी उतना ही दोषी करार दिया जाएगा, जितना कि रिश्वत लेने वाला और एक अधिकारी के खिलाफ मुकद्मा चलाने की अनुमति सभी स्तरों से प्राप्त अनुमति के अनुसार होगी, जबकि पूर्व में यह विशेषाधिकार केवल संयुक्त सचिव और उससे ऊपर के अधिकारियों को ही प्राप्त था। कार्मिक राज्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में लिखित परीक्षा के आधार पर नियुक्ति केलिए साक्षात्कार को समाप्त करने की शुरुआत जम्मू-कश्मीर में भी लागू की गई है। उन्होंने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि कई वर्षों से जम्मू-कश्मीर की राज्य सरकारों ने सिविल सेवा अधिकारियों की संवर्ग समीक्षा को या तो स्थगित कर दिया या उनमें बहुत ज्यादा विलंब किया है। उन्होंने कहा कि चुंकि अब जम्मू-कश्मीर एक केंद्रशासित प्रदेश है, इसलिए केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने कैडर समीक्षा में तेजी लाने की शुरुआत कर दी है, इसके कारण समय पर प्रमोशन मिलने के साथ-साथ केंद्रशासित प्रदेश के अधिकारियों को भी आईएएस जैसे ही ऑल इंडिया सर्विसेज में उचित समय पर शामिल होने में मदद मिलेगी।
डॉ जितेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों से कहा कि वे केंद्र और अन्य राज्य सरकारों की लागू शासन की सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाएं और उन्हें अपने-अपने कार्य क्षेत्रों में लागू करें। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर को संरक्षण और समर्थन प्रदान किया है, वह यहां के प्रशासकों और सिविल सेवकों केलिए एक नई कार्य संस्कृति स्थापित करने केलिए एक सुनहरा अवसर है, जिसका लक्ष्य अधिकतम शासन न्यूनतम सरकार के मंत्र से प्रत्येक नागरिक के जीवन में सुगमता लाने वाले अंतिम उद्देश्य की प्राप्ति है। कार्मिक राज्यमंत्री ने कहा कि जिन अधिकारियों ने प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया है, उन्हें नए लोकाचार और प्रथाओं के साथ अपने आपको सशक्त बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि डीओपीटी किसी भी अधिकारी केलिए एक अनुकूल वातावरण प्रदान करना चाहता है, जोकि प्रशासनिक प्रणाली को आम लोगों केलिए काम करने केलिए प्रेरित करेगा और यह भी सुनिश्चित करेगा कि शिकायतों का तीव्रता के साथ और कुशल रूपसे निपटारा किया जा सके।
श्रीनगर में 1 और 2 जुलाई 2021 को डीएआर एंड पीजी भारत सरकार और जम्मू-कश्मीर सरकार की सुशासन प्रथाओं की प्रतिकृति पर क्षेत्रीय सम्मेलन के दौरान और डॉ जितेंद्र सिंह के घोषित निर्णयों के अनुसार कश्मीर अलामिया में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया था, जिसमें जम्मू-कश्मीर प्रबंधन, लोक प्रशासन और ग्रामीण विकास संस्थान की सार्वजनिक नीति और सुशासन पर जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों सहित 2,000 वरिष्ठ अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। इस समझौते का उद्देश्य विशिष्ट पहलों से जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों केलिए सुशासन से संबंधित क्षमता निर्माण कार्यक्रमों और प्रथाओं में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने केलिए अकादमिक और बौद्धिक संपर्क को स्थापित करना, बनाए रखना और बढ़ावा देना है। समझौते को लागू करने केलिए नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस ने जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए 30 अगस्त से 10 सितंबर 2021 तक दो सप्ताह का क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किया है।
डॉ जितेंद्र सिंह से बातचीत के दौरान अधिकारियों ने बताया कि वे इस प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन करके बहुत ही खुश और उत्साहित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके 25 वर्ष की नौकरी में ऐसा पहलीबार हुआ है, जब उन्हें जम्मू-कश्मीर से बाहर ले जाकर प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने इस प्रकार की साहसिक पहल, लंबे समय तक पदोन्नति और कैडर समीक्षा वाले लंबित मुद्दों में तेजी लाने केलिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। डॉ जितेंद्र सिंह ने जिला गवर्नेंस इंडेक्स को आगे बढ़ाने केलिए डीएआरपीजी को बधाई दिया, जिसके माध्यम से जिलों के बीच एक नई प्रतिस्पर्धा उत्पन्न होगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की इच्छा है कि नागरिकों के घर तक सेवाओं का वितरण करने केलिए जिलाधिकारियों के बीच भी प्रतिस्पर्धा की भावना उत्पन्न हो।