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Friday 10 September 2021 12:46:31 PM
बाड़मेर। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने संयुक्त रूपसे पाकिस्तान सीमा से सटे बाड़मेर के पास एनएच-925ए पर सट्टा-गंधव खंड पर भारतीय वायुसेना केलिए आपातकालीन लैंडिंग सुविधा का उद्घाटन किया। दोनों मंत्रियों ने इस सुविधा का उद्घाटन करने केलिए सी-130जे विमान से बाड़मेर की यात्रा की। उन्होंने ईएलएफ पर जिसे मैसर्स जीएचवी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने भारतीय वायुसेना और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की देखरेख में केवल 19 महीने में बनाया गया है, विमान का संचालन भी देखा। यह पहलीबार है, जब भारतीय वायुसेना के विमानों की आपात लैंडिंग केलिए किसी राष्ट्रीय राजमार्ग का इस्तेमाल किया गया है। यह लैंडिंग स्ट्रिप भारतीय वायुसेना के सभी प्रकार के विमानों की लैंडिंग की सुविधा प्रदान करने में सक्षम होगी।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कोविड-19 प्रतिबंधों के बावजूद 19 महीने में आपातकालीन लैंडिंग फील्ड के निर्माण को पूरा करने और इसके लिए मिलकर काम करने केलिए भारतीय वायुसेना, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और निजी क्षेत्र की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह कई विभागों और मंत्रालयों, सरकारी-निजी क्षेत्र, नागरिक और रक्षा विभागों के बीच समन्वय का एक बेहतरीन उदाहरण है। रक्षामंत्री ने भारतीय वायुसेना के विमानों की 3 किलोमीटर की दूरी पर लैंडिंग को नए भारत की एक ऐतिहासिक नई ताकत के रूपमें परिभाषित किया, क्योंकि यह लैंडिंग स्वतंत्रता के 75वें वर्ष और 1971 के युद्ध में भारत की जीत के 50वें वर्ष के साथ मेल खाती है। रक्षामंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास ईएलएफ को राष्ट्र की एकता और संप्रभुता की रक्षा केलिए सरकार की प्रतिबद्धता का एक सजीव उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि यह राजमार्ग और लैंडिंग क्षेत्र पश्चिमी सीमा के साथ बुनियादी ढांचे और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करेगा। उन्होंने कहा कि इस तरह के आपातकालीन क्षेत्र हमारे सुरक्षाबलों की अभियानगत और नागरिक सहायता को भी और अधिक प्रोत्साहन प्रदान करेंगे एवं यह प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने में भी अहम भूमिका निभाएगा।
राजनाथ सिंह ने प्राकृतिक आपदाओं के दौरान उसी तरह के साहस, समर्पण और तत्परता का प्रदर्शन करने केलिए सशस्त्र बलों की सराहना की, जिस प्रकार वे अपने विरोधियों का सामना करते हैं। उन्होंने कोविड-19 महामारी से उत्पन्न स्थिति से निपटने में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए भारतीय वायुसेना की सराहना की। रक्षामंत्री ने रणनीतिक और महत्वपूर्ण स्थानों पर आपातकालीन लैंडिंग फील्ड के निर्माण पर ध्यान देने के साथ देशभर में सड़कों और राजमार्गों के नेटवर्क को मजबूत करने के सरकार के संकल्प को दोहराया। उन्होंने कहा कि देशभर में सड़कों, राजमार्गों और पुलों का निरंतर निर्माण राष्ट्र निर्माण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार की सड़कों और राजमार्ग परियोजनाओं ने साबित कर दिया है कि रक्षा और विकास दो अलग-अलग संस्थाएं नहीं हैं, दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों का विकास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। उन्होंने सीमा पर ढांचागत अवसंरचना को मजबूत करने में सीमा सड़क संगठन की निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि अटल सुरंग रोहतांग का उद्घाटन और पूर्वी लद्दाख के उमलिंगला दर्रे में 19,300 फीट की ऊंचाई पर दुनिया की सबसे ऊंची वाहन चलाने योग्य सड़क का निर्माण कुछ ऐसे उल्लेखनीय उदाहरण हैं।
भारतीय वायुसेना केलिए 56 सी-295 एमडब्ल्यू परिवहन विमान की खरीद के लिए कैबिनेट की मंजूरी का उल्लेख करते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कल्पना के अनुरूप यह निर्णय आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम था, क्योंकि विमान का निर्माण मेक इन इंडिया पहल के अंतर्गत किया जाएगा। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने भारतीय वायुसेना केलिए तीन किलोमीटर के खंड को ईएलएफ के रूपमें विकसित किया है, यह भारतमाला परियोजना के तहत गगरिया-बखासर और सट्टा-गंधव खंड के नव-विकसित टू-लेन पक्के हिस्से का भाग है, जिसकी कुल लंबाई 196.97 किलोमीटर है और इसकी लागत 765.52 करोड़ रुपये है, यह काम जुलाई 2019 में शुरू हुआ और जनवरी 2021 में पूरा हुआ। यह परियोजना अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बाड़मेर और जालोर जिलों के गांवों के बीच संपर्क में सुधार करेगी। पश्चिमी सीमा क्षेत्र में सड़क का खंड भारतीय सेना की सतर्कता सुनिश्चित करेगा और देश के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा। सामान्य समय के दौरान सड़क यातायात के सुचारू संचालन केलिए ईएलएफ का उपयोग किया जाएगा।
भारतमाला परियोजना के तहत सशस्त्रबलों की आवश्यकता के अनुसार आपातकालीन लैंडिंग पट्टी के अलावा कुंदनपुरा, सिंघानिया और बखासर गांवों में तीन हेलीपैड का निर्माण किया गया है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि देश की सुरक्षा को मजबूत करने केलिए अन्य 19 स्थानों पर आपातकालीन लैंडिंग सुविधाएं विकसित की जाएंगी, इनमें-राजस्थान में फलोदी-जैसलमेर सड़क व बाड़मेर-जैसलमेर सड़क, पश्चिम बंगाल में खड़गपुर-बालासोर सड़क, खड़गपुर-क्योंझर सड़क व पानागढ़/ केकेडी के पास, तमिलनाडु में चेन्नई, पुडुचेरी सड़क, आंध्र प्रदेश में नेल्लोर-ओंगोल सड़क व ओंगोल-चिलकालुरिपेट सड़क, हरियाणा में मंडी डबवाली से ओधन सड़क, पंजाब में संगरूर के नजदीक, गुजरात में भुज-नलिया सड़क और सूरत-बड़ौदा सड़क, जम्मू और कश्मीर के बनिहाल-श्रीनगर सड़क, लेह/ न्योमा क्षेत्र, असम में जोरहाट-बाराघाट सड़क, शिवसागर के नजदीक, बागडोगरा-हाशिमारा सड़क और असम में हाशिमारा-तेजपुर मार्ग व हाशिमारा-गुवाहाटी सड़क है। उन्होंने कहा कि यह हाईवे रन-वे रणनीतिक रूपसे महत्वपूर्ण सीमाओं की रक्षा करके देश की सुरक्षा को और अधिक मजबूत करेगा। नितिन गडकरी ने कहा कि अब हमारे राष्ट्रीय राजमार्ग भी सेना के काम आएंगे, जो हमारे देश को अधिक सुरक्षित और आपातकालीन स्थितियों केलिए हमेशा तैयार रखेंगे। जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी आपात लैंडिंग सुविधा के उद्घाटन पर मौजूद थे।