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Monday 13 September 2021 12:48:59 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने एक विशेष मंत्रालय आधारित या विभाग आधारित परियोजनाओं के बजाय एकीकृत विषय आधारित परियोजनाओं पर मिलकर काम करने की आवश्यकता पर बल दिया। राज्यमंत्री ने एक मीडिया साक्षात्कार में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के बारे में जानकारियां देते हुए कहा कि एकीकृत दृष्टिकोण से अब दायरे में रहकर काम करने का युग समाप्त हो चुका है। उन्होंने सभी विज्ञान मंत्रालयों के साथ-साथ विभागों की नियमित संयुक्त बैठकें की हैं और इस महीने के अंत से पहले ही वह सभी राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रियों की एक संयुक्त बैठक भी आयोजित करेंगे।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री ने कहा कि स्टार्ट-अप्स, उद्योग और हितधारकों को शामिल करने केलिए इस एकीकृत दृष्टिकोण को आगे बढ़ाया जाएगा। डॉ जितेंद्र सिंह ने पिछले हफ्ते एक नई पहल पर कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान, परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष इसरो, सीएसआईआर, जैव प्रौद्योगिकी आदि विज्ञान मंत्रालयों और विभागों के प्रतिनिधि अलग-अलग मंत्रालयों में से प्रत्येक के साथ व्यापक मंथन में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार कृषि, रेलवे, सड़क और जलशक्ति आदि से लेकर किस क्षेत्र में कौन से वैज्ञानिक अनुप्रयोगों का इस्तेमाल किया जा सकता है, इसपर काम करने केलिए लगातार प्रयासरत है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जा रहा है कि आज हर क्षेत्र वैज्ञानिक प्रौद्योगिकी पर काफी हद तक निर्भर हो गया है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमारे मार्गदर्शक हैं, वे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आधारित पहल तथा परियोजनाओं को बढ़ावा देने में काफी सक्रिय रहते हैं, आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में वैज्ञानिक कौशल को प्रोत्साहित करने में उनकी प्रमुख भूमिका है, जिसमें भारत की ऐसी कुछ हालिया पथ-प्रदर्शक उपलब्धियां हैं, जिन्हें सार्वभौमिक रूपसे बहुत सराहा गया है जिनका उन्होंने उल्लेख किया। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि अंतरिक्ष क्षेत्र के सुधारों के बाद भारतीय निजी अंतरिक्ष उद्योग वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के मूल तत्वों-अंतरिक्ष आधारित सेवाओं, लॉंच सेवाओं में योगदान, लॉंच वाहनों व उपग्रहों का निर्माण, ग्राउंड सेगमेंट की स्थापना और प्रक्षेपण ढांचा आदि में काफी हदतक बढ़-चढ़कर कार्य करने केलिए तैयार है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि देश के वैज्ञानिक मानव संसाधन की गुणवत्ता दुनिया के अधिकांश विकसित देशों की तुलना में कहीं ज़्यादा बेहतर है। उन्होंने कहा कि भारत वर्तमान में एक अग्रणी राष्ट्र है और इसका तथ्य यह है कि नासा भी इसरो के आंकड़ों की खरीद करता है, जिससे हमारी अतुलनीय वैज्ञानिक प्रगति का पता चलता है।