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बालिकाओं एवं बच्‍चों के पुनर्वास की योजना

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Saturday 27 April 2013 03:55:53 AM

नई दिल्‍ली। केंद्रीय महिला और बाल विकास राज्‍य मंत्री कृष्‍णा तीरथ ने लोकसभा में बताया कि किशोर न्‍याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम की धारा 44 में राज्‍य सरकारों एवं केंद्र शासित राज्‍य प्रशासनों की बालिकाओं एवं बच्‍चों की देखभाल के लिए एक कार्यक्रम है, जो उनके वयस्क होने पर अवलोकन या विशेष गृह छोड़ने के पश्‍चात उन्‍हें ईमानदारीपूर्ण, परिश्रमी और उपयोगी जीवन जीने योग्‍य बनाने के लिए तीन वर्ष की अवधि के लिए है।
भारत सरकार का महिला एवं बाल विकास मंत्रालय समेकित बाल संरक्षण स्‍कीम (आईसीडीएस) नामक एक प्रायोजित स्कीम कार्यांवित कर रहा है, जिसके तहत राज्य सरकारों या संघ राज्‍य क्षेत्र प्रशासनों को अन्‍य बातों के साथ-साथ बालिकाओं सहित ऐसे बच्‍चों को संस्‍थागत जीवन से स्‍वतंत्र जीवन में प्रवेश करने के दौरान जीवनयापन में सहायता करने के लिए बाद की देखरेख वाली सेवाएं उपलब्ध‍ कराना शामिल है। इन सेवाओं में आवास सुविधा, व्‍यवसायिक प्रशिक्षण, रोज़गार प्राप्‍त करने हेतु सहायता, परामर्श और वृत्ति आदि शामिल हैं।
कृष्‍णा तीरथ ने बताया कि किशोर न्‍याय अधिनियम की धारा 34 (3) में ऐसे गृहों में बालकों और संरक्षण के जरूरतमंद बच्‍चों को रखने वाली सभी बाल देखरेख संस्‍थाओं के अनिवार्य पंजीकरण का प्रावधान है। किशोर न्‍याय अधिनियम तथा इसके तहत बनाए गए नियमों में राज्‍य, जिला एवं नगर स्‍तरों पर सरकार की ओर से गठित बाल कल्‍याण समितियों एवं निरीक्षण समितियों के माध्‍यम से सेवाओं की गुणवत्‍ता की कड़ाई से मानीटरिंग करने और नियमों में देखरेख की उचित गुणवत्‍ता सुनिश्चित करने के लिए प्रत्‍येक संस्‍थान में प्रबंधन समितियों एवं बाल समितियों के गठन का भी प्रावधान है।
उन्‍होंने कहा कि सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के संज्ञान में आया है कि देश में कुछ गैर-पंजीकृत बाल गृह भी कार्यरत हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए भी सभी गृहों में बालकों को सर्वोत्‍तम देखभाल प्राप्‍त हो तथा उन्‍हें दुर्व्‍यवहार एवं उपेक्षा का शिकार न होना पड़े, महिला एव बाल विकास मंत्रालय समय-समय पर सभी राज्‍य सरकारों, संघ राज्‍य क्षेत्र प्रशासनों से किशोर न्‍याय अधिनियम के तहत सभी बाल देखरेख संस्‍थाओं को अभिनिर्धारित एवं पंजीकृत करने तथा क्रियाशील निरीक्षण समितियों, प्रबंधन समितियों एवं बाल समितियों, जहां उपलब्‍ध न हों, का गठन करने के लिए कहता रहा है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय किशोर न्‍याय अधिनियम के तहत गृहों की स्‍थापना, उन्‍नयन एवं रखरखाव हेतु राज्‍य सरकार, संघ राज्‍य क्षेत्र प्रशासनों को समेकित बाल संरक्षण स्‍कीम के अंतर्गत वित्‍तीय सहायता भी प्रदान कर रहा है।

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