स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Wednesday 15 September 2021 05:37:55 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा है कि कच्चे माल घरेलू उत्पादन के बिना ही भारत हीरे के निर्माण और निर्यात में एक अग्रणी देश के रूपमें उभरने के साथ-साथ स्वर्ण और चांदी आभूषण, रंगीन रत्न-पत्थरों और सिंथेटिक पत्थरों जैसे उद्योग के अन्य क्षेत्रों में दुनिया के सबसे बड़े निर्यातकों में शामिल है। उन्होंने कहा कि यह रत्न एवं आभूषण क्षेत्र प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण 'मेक इन इंडिया' का एक आदर्श उदाहरण है। उन्होंने यह बात इंडिया इंटरनेशनल ज्वैलरी शो प्रीमियर 2021 के 37वें संस्करण के आयोजन में कही। गौरतलब है कि रत्न एवं आभूषण क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक है, जिसका सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 7 प्रतिशत का योगदान है, इसकी देश के कुल व्यापारिक निर्यात में 10-12 प्रतिशत हिस्सेदारी है और रोज़गार सृजन के मामले में अग्रणी क्षेत्रों में से एक है, जो 50 लाख कुशल और अर्ध-कुशल लोगों को रोज़गार प्रदान करता है।
केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने बताया कि भारत में कोविड-19 महामारी के दौरान रत्न एवं आभूषण क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक रहा है और देश में पूर्ण लॉकडाउन के कारण अप्रैल 2020 में इसके निर्यात में (-) 98 प्रतिशत की रिकॉर्ड गिरावट देखी गई। उन्होंने कहा कि रत्न एवं आभूषण निर्यातकों का शीर्ष निकाय होने के नाते जीजेईपीसी ने उद्योग के साथ लगातार बातचीत करने, उनकी आवश्यकताओं को समझने और सरकार के साथ मिलकर काम करने के मामले में त्वरित उपाय किए हैं, ताकि कोविड-19 जैसी गंभीर स्थिति के बीच भी उद्योग को बनाए रखने, जीवित रहने और पुनर्जीवित करने में समर्थन देने के लिए वांछित उपाय किए जा सकें। उन्होंने कहा कि इस तरह के उपायों के परिणामस्वरूप रत्न एवं आभूषण निर्यात की घटती दर पहली तिमाही में (-) 72 प्रतिशत दर्ज की गई तथा रत्न एवं आभूषणों के चौथी तिमाही में निर्यात की तुलना में तीसरी तिमाही में गिरकर (-) 6 प्रतिशत हो गई और इस क्षेत्र ने तेजी से लगभग 15 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि दर्ज की।
अनुप्रिया पटेल ने कहा कि यह प्रवृत्ति इस वर्ष भी जारी रही है और रत्न एवं आभूषण निर्यात ने 2021-22 की पहली तिमाही में 9.2 बिलियन अमरीकी डॉलर के निर्यात का पूर्व-कोविड स्तर हासिल किया। उन्होंने कहा कि नीति के मोर्चे पर सरकार ने कई सुधार पेश किए हैं, जैसेकि संशोधित स्वर्ण मुद्रीकरण योजना, सोने के आयात शुल्क में कमी, हॉल मार्किंग आदि जो उद्योग को अगले स्तर तक बढ़ने में मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि जीजेईपीसी और उद्योग द्वारा समय-समय पर उठाए गए अन्य मुद्दों पर भी गौर किया जा रहा है और जल्द ही हल होने की उम्मीद है। अनुप्रिया पटेल कहा कि उन्हें भरोसा है कि इससे न केवल उद्योग को सुधार में मदद मिलेगी, बल्कि निर्यात भी तेजी से बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि इससे उद्योग को इस वर्ष 43.75 बिलियन अमरीकी डॉलर के निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी और साथ ही आने वाले वर्षों में रत्न एवं आभूषण के निर्यात को 75 बिलियन अमरीकी डॉलर तक ले जाने के जीजेईपीसी के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि सरकार के समर्थन से जीजेईपीसी ने पिछले साल वर्चुअल बायर सेलर मीट, वर्चुअल आईआईजेएस, वर्चुअल इंटरनेशनल जेम्स एंड ज्वैलरी शो (ई-आईजीजेएस), इंडिया ग्लोबल कनेक्ट, वेबिनार जैसे विभिन्न वर्चुअल ट्रेड इवेंट आयोजित किए और जैसे ही महामारी कम हुई और वैश्विक बाजार खुले, इन पहलों ने उद्योग को उछाल देने में मदद की है। उन्होंने कहा कि आईआईजेएस प्रीमियर रत्न एवं आभूषण क्षेत्र में देश का सबसे बड़ा बी2बी शो है और कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद जीजेईपीसी द्वारा भौतिक प्रारूप में पहला शो भी आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह शो भारतीय आभूषण निर्माताओं को डिजाइन और फिनिश के उच्चतम मानकों के साथ तैयार किए गए बहु-उपयोगी आभूषणों को प्रदर्शित करने और खुदरा विक्रेताओं के साथ काम करने के लिए मंच प्रदान करेगा, यह शो त्योहारी सीजन की शुरुआत से पहले घरेलू और अंतरराष्ट्रीय खरीदारों की सोर्सिंग जरूरतों को पूरा करेगा।