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Friday 24 September 2021 04:11:38 PM
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने उद्योगजगत से विभिन्न सुधारों को लागू करने के बारे में सरकार के साथ बड़े जोश के साथ काम करने और आनेवाले दशक में सतत आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त करने का आह्वान किया है। भारतीय उद्योग परिसंघ की 'मिस्टिक साउथ ग्लोबल लिंकेज समिट-2025 तक 1.5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की ओर' को वर्चुअली संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत अब अपनी प्रगति को दोबारा हासिल करने के निर्णायक बिंदु पर है। उन्होंने कहा कि हितधारकों केलिए एक मंच पर आने और सतत आर्थिक गति को सुनिश्चित करने का उचित समय आ गया है। उन्होंने इस ओर इशारा किया कि केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने केलिए अनेक कदम उठाए हैं, उद्योग को अपनी ओर से यह सुनिश्चित करना चाहिए कि विकास की उच्चगति बरकरार रहे।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि ऐसे कार्य शुरु किए जाएं, जो अर्थव्यवस्था को उच्च विकास की पटरी पर वापस ले आएं और जिनसे 2030 तक लाखों कामगारों केलिए लाभकारी रोज़गारों का सृजन हो सके। उन्होंने कहा कि उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने, रोज़गारों का सृजन करने और संतुलित प्रगति को आगे बढ़ाने केलिए सतत उत्पादकता बढ़ोतरी के साथ 8 से 8.5 प्रतिशत की सालाना जीडीपी वृद्धि दर की जरूरत होगी। वेंकैया नायडू ने कहा कि भारत पिछले एक दशक के दौरान विश्व की 18 उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक रहा है। उन्होंने कहा कि डिजिटलीकरण, स्वचालन, शहरीकरण, बढ़ती हुई आय, स्थिरता, स्वास्थ्य और सुरक्षा जैसे वैश्विक रुझान कोविड महामारी को ध्यान में रखते हुए एक नया महत्व हासिल कर रहे हैं, ये रुझान भारत केलिए विकास को उत्प्रेरित कर सकते हैं और महामारी के बाद की अर्थव्यवस्था केलिए हॉल मार्क भी बन सकते हैं।
उपराष्ट्रपति ने विनिर्माण, कृषि, निर्यात, डिजिटल सेवाओं, अगली पीढ़ी के वित्तीय उत्पादों, उच्च दक्षता वाले लॉजिस्टिक्स, विद्युत, साझा अर्थव्यवस्था और आधुनिक खुदरा क्षेत्र में वैश्विक केंद्रों का भी सृजन करने का आह्वान किया। उपराष्ट्रपति ने कहा कि वर्तमान में अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र का हिस्सा 54 प्रतिशत से अधिक है। दक्षिण भारत पर शिखर सम्मेलन के फोकस का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि 2025 तक दक्षिणी क्षेत्र को 1.5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की आकांक्षा को निश्चित रूपसे प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने दक्षिणी राज्यों को ईज ऑफ डूइंग बिजनेस सुधारों पर ध्यान केंद्रित करने और निवेश आकर्षित करने केलिए सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने की भी सलाह दी। उपराष्ट्रपति ने कहा कि दक्षिण भारत विनिर्माण को सेवाओं के साथ संस्कृति को आधुनिक मूल्यों के साथ और शिक्षा को कौशल के साथ जोड़ता है। उन्होंने कहा कि अधिकांश दक्षिणी राज्य ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग के मामले में शीर्ष पर हैं।
वेंकैया नायडू ने कहा कि उद्यमिता, कुशल कार्यबल, प्रतिष्ठित शैक्षिक संस्थानों की मौजूदगी, प्रमुख आईटी कंपनियों, आधुनिक चिकित्सा का बुनियादी ढांचा और प्रमुख शहरों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी जैसी सुविधाएं इस क्षेत्र में मौजूद हैं। वेंकैया नायडु ने कृषि क्षेत्र पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विकास दर बरकरार रखने केलिए कृषि के प्रति 'सकारात्मक पूर्वाग्रह' अपनाए जाने की जरूरत है। भारतीय उद्योग परिसंघ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी, सीआईआई के अध्यक्ष टीवी नरेंद्रन, सीआईआई दक्षिणी क्षेत्र के अध्यक्ष सीके रंगनाथन, मिस्टिक साउथ अध्यक्ष टीटी अशोक और कई गणमान्य व्यक्तियों ने इसमें भाग लिया।