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हिमाचल के शिल्पियों के हाथ जादुई-वस्त्रमंत्री

कुल्लू में बुनकर सेवा और डिजाइन संसाधन केंद्र स्थापित होंगे

हस्तशिल्प और हथकरघा कारीगरों के साथ संवाद कार्यक्रम

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 27 September 2021 04:43:59 PM

union minister and chief minister honored handicrafts and handloom artisans

शिमला। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग और वस्त्र मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में खूबसूरत हस्तशिल्प उत्पादों की बुनाई करने वाले हाथ जादुई हैं और उनमें अद्भुत प्रतिभा और क्षमता है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इन उत्पादों को उपयुक्त तरीके से लाने केलिए राज्य और केंद्रीय मंत्रालयों के सक्रिय रूपसे काम करने की जरूरत है। पीयूष गोयल ने घोषणा कीकि राज्य के आकर्षक हस्तशिल्प उत्पादों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इन उत्पादों के निर्यात के लिए बेहतर मंच प्रदान करने के मकसद से राज्य के कुल्लू जिले में बुनकर सेवा और डिजाइन संसाधन केंद्र स्थापित किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री कुल्लू में हिमाचल प्रदेश राज्य के स्वर्ण जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में हस्तशिल्प और हथकरघा कारीगरों के साथ 'सेवा और समर्पण अभियान' के तहत आयोजित संवाद कार्यक्रम में बोल रहे थे।
वस्त्रमंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में हस्तशिल्प की अपार संभावनाएं हैं और बुनकर सेवा केंद्र में कारीगरों के कौशल उन्नयन, आधुनिक उपकरणों और गुणवत्ता वाले नए डिजाइन तैयार करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि डिजाइन, गुणवत्ता, पैकेजिंग और मार्केटिंग के आधुनिकीकरण पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है, ताकि बुनकरों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अपने उत्पादों के अच्छे दाम मिल सकें। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हिमाचल की टोपी आज अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचानी जाती है और अंतर्राष्ट्रीय आवश्यकताओं के अनुरूप दुनिया के सबसे ठंडे स्थानों केलिए इसे फिरसे डिजाइन करने की आवश्यकता है। केंद्रीय मंत्री ने बड़े शहरों और फाइव स्टार होटलों में इन उत्पादों की जिलेवार प्रदर्शनियां आयोजित करने का सुझाव दिया, ताकि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इनकी ब्रांडिंग की जा सके। उन्होंने बुनकरों से कहा कि वे अपना ट्रेडमार्क प्राप्त करें, जिसके लिए केंद्र सरकार ने पंजीकरण शुल्क में 80 प्रतिशत की कमी कर दी है।
पीयूष गोयल ने जिले के उद्यमियों से भी बातचीत की और स्थानीय हस्तशिल्प और हथकरघा कारीगरों को लकड़ी के शिल्प, हथकरघा, कढ़ाई मशीन और प्रमाणपत्र वितरित किए। उन्होंने राज्य के उद्योग विभाग से मुख्य रूपसे हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों के निर्माण में उपयोग किए जानेवाले ऊन की गुणवत्ता में सुधार के तरीकों और साधनों पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। इस केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने कला की प्रदर्शनी देखी और प्रत्येक उत्पाद बहुत सुंदर हैं और इन उत्पादों को बनाने वाले हाथ सच में अनमोल हैं। उन्होंने कहा कि इन वर्षों में इसका वाणिज्यिक मूल्य बहुत बढ़ गया है और ऐसे में उत्पाद निर्माण में सुधार पर ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि उपयुक्त आधुनिक मार्केटिंग के साथ उत्पादों की डिजाइनिंग और इसके निर्माण के बाद मानकीकृत पैकेजिंग पर ध्यान देने की सबसे ज्यादा जरूरत है। उन्होंने कहा कि इससे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उत्पादों की सर्वोत्तम और उचित कीमत मिलेगी।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य के शिल्पकारों को प्रोत्साहित करने केलिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं, वर्तमान में राज्य में 13,572 पंजीकृत बुनकर हैं, जिनकी आजीविका बुनाई और कढ़ाई के कौशल से जुड़ी है। जयराम ठाकुर ने बताया कि चंबा की रूमाल के साथ कुल्लू शॉल और टोपी और किन्नौर की शॉल को जीआई टैग दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि बुनकरों केलिए ऑनलाइन बिक्री की सुविधा देने केलिए फ्लिपकार्ट के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं और विभाग उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री भी कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 50 वर्ष में राज्य के हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों की डिजाइन और गुणवत्ता में बड़ा बदलाव आया है और हजारों परिवारों ने इसे आजीविका का साधन बनाया है। उन्होंने कहा कि कुल्लू जिले के हस्तशिल्प विशेष रूपसे टोपी और शॉल को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है। उन्होंने कहा कि जब कोई भी राष्ट्राध्यक्ष भारत आता है तो प्रधानमंत्री कुल्लवी टोपी और मफलर के साथ उनका स्वागतकरते हैं, जो राज्य केलिए गर्व की बात है। उन्होंने बुनकरों से पारंपरिक कपड़ों को संरक्षित करने का आग्रह किया, क्योंकि वे हमारी संस्कृति से भी जुड़े हुए हैं।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कोविड संकट के दौरान पर्यटन क्षेत्र बुरी तरह से प्रभावित हुआ है और हथकरघा क्षेत्र कोई अपवाद नहीं है, हजारों शिल्पकार प्रभावित हुए हैं। उन्होंने राज्य के बुनकर सेवा एवं डिजाइन संसाधन केंद्र की मांग को पूरा करने केलिए केंद्रीय मंत्री का आभार व्यक्त किया। केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर बुनकरों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। हथकरघा और हस्तशिल्प पर एक लघु वृत्तचित्र का भी प्रदर्शन किया गया। राज्य के शिक्षा, कला, भाषा और संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश विकास के मॉडल के रूपमें उभर रहा है। उन्होंने कहा कि कुल्लू जिला अपनी सुंदरता, समृद्ध संस्कृति और हस्तशिल्प के कारण अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुका है। इससे पहले केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री के साथ अटल सुरंग का भी दौरा किया। पीयूष गोयल ने सीमा सड़क संगठन के काम की सराहना की और अटल सुरंग को इंजीनियरिंग का एक अद्भुत नमूना और देश का गौरव बताया।

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