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व्यवसाय नियम एक समान हों-उद्योग मंत्री

'प्रतिस्पर्धा के जरिए भारत को वैश्विक रूपसे स्थापित करेंगे'

निर्यातक संगठनों के फेडेरेशन का वाणिज्य सप्ताह समारोह

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 28 September 2021 02:27:28 PM

union minister of commerce and industry piyush goyal

नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि व्यवसाय के नियम सभी हितधारकों केलिए समान होने चाहिएं। भारतीय निर्यातक संगठनों के फेडेरेशन (फियो) के आयोजित वाणिज्य सप्ताह समापन समारोह को संबोधित करते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि व्यावसायिक घराने चाहे बड़े हों या छोटे, वे चाहें कहीं के भी हों या उनमें कोई अन्य दूसरे कारण हों, हम चाहेंगे कि प्रत्येक को ईमानदारी से अपना व्यवसाय करने तथा अपने व्यवसाय को बढ़ाने केलिए समान अवसर उपलब्ध हों।
वाणिज्य मंत्री ने कहा कि उसमें जवाबदेही और निर्धारित समय-सीमा होनी चाहिए तथा निर्यात विकास में विभिन्न राज्यों या मंत्रालयों के सर्वश्रेष्ठ प्रचलनों को अनिवार्य रूपसे साझा किया जाना चाहिए। पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार बिना समय-सीमा निर्धारित किए वस्तु तथा सेवा व्यापार दोनों में ही निर्यात को 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि हमें प्रतिस्पर्धी बनने के जरिए भारत को वैश्विक रूपसे स्थापित करना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाल के अमेरिकी दौरे का उल्लेख करते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री की बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रमुखों के साथ बैठक में कई अग्रणी उद्यमियों ने भारत में निवेश करने के प्रति गहरी दिलचस्पी प्रदर्शित की है। उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक्स की सुगमता पोर्टल से पारदर्शिता आएगी।
पीयूष गोयल ने कहा कि विश्व भारत की ओर एक पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूपमें देख रहा है और निवेशकों का नवोन्मेषण, उनकी गुणवत्ता तथा प्रतिस्पर्धा ब्रांड इंडिया को परिभाषित करेगी। पीयूष गोयल ने वाणिज्य महोत्सवों सहित वाणिज्य सप्ताह के दौरान कार्यक्रमों की अभूतपूर्व सफलता केलिए फियो तथा समस्त निर्यातक समुदायों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय तथा इसके सभी कार्यालयों में मनाए गए आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान देश के सभी 739 जिलों में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि सप्ताहभर चलने वाले इन समारोहों में एक करोड़ से अधिक लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूपसे इनसे जुड़े रहे।

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