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Thursday 30 September 2021 06:00:55 PM
नई दिल्ली/ जयपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉंफ्रेंस के जरिए सिपेट यानी पेट्रोरसायन प्रौद्योगिकी संस्थान जयपुर का उद्घाटन किया। उन्होंने राजस्थान के बांसवाड़ा, सिरोही, हनुमानगढ़ और दौसा जिलों में चार नए मेडिकल कॉलेजों की आधारशिला भी रखी। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 के बाद केंद्र सरकार ने राजस्थान केलिए 23 मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किए हैं और इनमें से 7 मेडिकल कॉलेज पहले ही शुरु हो चुके हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी ने दुनिया के स्वास्थ्य क्षेत्र को एक सबक सिखाया है, प्रत्येक देश अपने-अपने तरीके से इस संकट से निपटने की कोशिश कर रहा है, भारत ने इस आपदा में अपनी ताकत व आत्मनिर्भरता बढ़ाने का संकल्प लिया और सफलता मिली है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि राज्य का विषय है, गुजरात के मुख्यमंत्री के रूपमें उन्होंने देश के हेल्थ सेक्टर की कमियों का अनुभव किया था, जिनको उन्होंने प्रधानमंत्री के रूपमें दूर करने की निरंतर कोशिश की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश के स्वास्थ्य सेक्टर को ट्रांसफॉर्म करने केलिए हमने एक राष्ट्रीय अप्रोच, एक नई राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति पर काम किया है, स्वच्छ भारत अभियान, आयुष्मान भारत और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन जैसे अनेक प्रयास इसी अप्रोच का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में करीब साढ़े तीन लाख लोगों को आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त इलाज मिला और राज्य में करीब ढाई हजार स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्रों पर काम शुरु हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि चाहे मेडिकल कॉलेज हो या फिर सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल हों, इनका नेटवर्क देश के कोने-कोने तक तेज़ी से फैलाना बहुत ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि आज हम संतोष के साथ कह सकते हैं कि 6 एम्स से आगे बढ़कर आज भारत 22 से ज्यादा एम्स के सशक्त नेटवर्क की तरफ बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 6-7 सालों में 170 से अधिक नए मेडिकल कॉलेज तैयार हो चुके हैं और 100 से ज्यादा नए मेडिकल कॉलेज पर काम तेज़ी से चल रहा है। साल 2014 में देश में मेडिकल की अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट की कुल सीटें 82 हजार के करीब थीं। उन्होंने कहा कि आज इनकी संख्या बढ़कर 1 लाख 40 हजार सीट तक पहुंच रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नियमन और शासन के क्षेत्र में भी, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के आगमन के साथ, अतीत की समस्याओं और प्रश्नों का समाधान किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा से जुड़ी स्किल्ड मैनपावर का सीधा असर प्रभावी स्वास्थ्य सेवाओं पर होता है, देश ने इस कोरोनाकाल में इसे और ज्यादा महसूस किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के सबको वैक्सीन-मुफ्त वैक्सीन अभियान की सफलता इसी का प्रतिबिंब है, आज भारत में कोरोना वैक्सीन की 88 करोड़ से अधिक डोज़ लग चुकी हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आजादी के इस अमृतकाल में उच्च स्तर का कौशल, न सिर्फ भारत की ताकत बढ़ाएगा, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने में भी बड़ी भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि सबसे तेजी से विकसित हो रहे उद्योगों में से एक पेट्रोरसायन इंडस्ट्री के लिए स्किल्ड मैनपावर आज की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि नया पेट्रोरसायन प्रौद्योगिकी संस्थान लाखों युवाओं को नई संभावनाओं से जोड़ेगा। प्रधानमंत्री ने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल को याद किया और राज्य में पंडित दीनदयाल पेट्रोलियम विश्वविद्यालय, जो अब ऊर्जा विश्वविद्यालय है की स्थापना और उसे प्रोत्साहन देने से जुड़े अपने प्रयासों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इस तरह का संस्थान युवाओं के लिए स्वच्छ ऊर्जा नवाचारों में योगदान करने का मार्ग प्रशस्त करेगा। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि बाड़मेर में राजस्थान रिफाइनरी परियोजना 70,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के साथ तेजी से आगे बढ़ रही है।
राजस्थान में सिटी गैस वितरण की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 तक राज्य में केवल एक ही शहर में सिटी गैस वितरण की अनुमति थी, अब राज्य के 17 जिलों को सिटी गैस वितरण नेटवर्क के लिए मंजूरी दे दी गई है, आने वाले वर्षों में राज्य के हर जिले में पाइप वाले गैस का नेटवर्क होगा। उन्होंने शौचालय, बिजली, गैस कनेक्शन जैसी सुविधाओं के आने से शुरू हुई जीवन की सुगमता की ओर भी इशारा किया। उन्होंने कहा कि आज राज्य में जल जीवन मिशन के माध्यम से 21 लाख से अधिक परिवारों को पाइप से पानी मिल रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि राजस्थान का विकास भारत के विकास को गति देता है, राजस्थान में गरीब परिवारों केलिए 13 लाख से अधिक पक्के घर बनाए गए हैं।