स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Monday 4 October 2021 03:24:10 PM
देनहाग (नीदरलैंड)। यूरोप के उत्तर-पश्चिम में समुद्र तटीय नीदरलैंड्स जिसको हॉलैंड भी कहते हैं, मगर जिसका राष्ट्रीय नाम 'नीदरलैंड्स' है। इसका अधिकांश क्षेत्र समुद्रतल से भी नीचे है और इसके पूर्व में जर्मनी, दक्षिण में बेल्जियम, पश्चिम और उत्तर में उत्तरी सागर है। कितनी विशालता से समृद्धशाली है नीदरलैंड्स! इसके विश्व के पीस जस्टिस कोर्ट के प्रसिद्ध नगर 'देनहाग' के भारतीय दूतावास के गांधी केंद्र में सत्यमेव जयते के मंच से गांधीजी के समुद्र जैसे गहरे अनंत विचारों के गुणगान से लगा जैसे सभी ने भारतभूमि के सांस्कृतिक वैभव की ऊर्जा अनुभव की हुई है। इस अवसर पर विज्ञान, तकनीक, टाटा स्टील प्लांट से सम्बद्ध भागीदारों ने अपने ह्रदय की संवेदनशीलता के शब्दों से गांधी दर्शन का ओजस्वी पथ अपनी वाणी से उद्गारित किया।
देनहाग में गांधी जयंती पर संतोष कुमार, आशीष कपूर, विश्वास दुबे, सुशांत जैन और प्रियंका सिंह ने अपनी चेतना की समझ में बसे हुए गांधी के भाव को समकालीनता के आलोक में और जयिता दास ने गुरुदेव की कविता का हिंदी में अनुवाद सहित प्रभावशाली पाठ किया। डॉ मानसी ने गांधीजी की कर्मस्थली वर्धा और सेवाग्राम से उनका रिश्ता जोड़कर कार्यक्रम को विशिष्टता प्रदान की। इस विश्व रंग कार्यक्रम के संयोजक डॉ राम तक्षक ने गांधीजी के वैश्विक प्रदेय की चर्चा करते हुए उनकी वैचारिक शक्ति का वर्णन किया। कार्यक्रम की अंतिम वक्ता आचार्यकुल की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं विदेशों में गांधी विरासत की चिंतक कार्यकर्ता प्रोफेसर पुष्पिता अवस्थी ने कहा कि गांधीजी इसलिए महात्मा हैं कि उन्होंने सत्याग्रह की अहिंसात्मक साधना की।
प्रोफेसर पुष्पिता अवस्थी ने कहा कि गांधीजी एक विचार का नाम है और वह विवेक है मानवता संदर्भित वैश्विक शक्ति-सृजन का संवेदनशील विवेक। कार्यक्रम का समापन प्रणीत देशपांडे की सुमधुर वाणी में गांधीजी के प्रिय भजन और रामधुन से हुआ, जिससे गांधी भक्तों से समृद्ध सभागार गूंज उठा। अंत में भारतीय संस्कृति के रचनात्मक चिंतक प्रदीप कुमार रावत ने गांधीजी के ऊर्जावन विचारों की प्रासंगिकता को उसके महत्व के साथ व्यक्त किया। गांधी विवेक की सुरभित माला पर श्रोताओं और वक्ताओं को दूतावास की ओर से उनकी प्रशंसा करते हुए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर घोषित प्रवासी भारतीय साहित्य भूषण सम्मान से भूषित प्रोफेसर पुष्पिता अवस्थी का सम्मान किया गया।
गौरतलब हैकि प्रोफेसर पुष्पिता अवस्थी विख्यात हिंदी साहित्य सेवी हैं, वे विभिन्न विषयों पर साहित्यिक एवं प्रवासी भारतीयों के अपने और प्रवासी देश के लिए योगदान व्यक्तित्व जीवनशैली आदि पर करीब 60 किताबें लिख जा चुकी हैं और उनका कितनी भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। नीदरलैण्ड्स के NTR TV चैनल उनकी पृथ्वी कविता पर फ़िल्म भी बना चुका है। कार्यक्रम का संयोजन और अतिथियों का स्वागत गांधी केंद्र के निदेशक शिवमोहन ने अपने सह्रदयी उद्गारों से किया। कत्थक की प्रसिद्ध नृत्यांगना सौम्या ने अपने शब्दों की सांस्कृतिक माला अतिथियों को अर्पित की।