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Friday 8 October 2021 05:07:41 PM
लखनऊ। भारतीय समन्वय संगठन 'लक्ष्य' ने कहा है कि बहुजन समाज को ईमानदारी से यह सच्चाई स्वीकार करनी चाहिए कि बहुजन समाज में भाईचारे का बहुत अभाव है और हमारे दुःख दर्दों का या यूं कहें कि समाज की दुर्दशा का मुख्य कारण कोई और नहीं है, बल्कि स्वयं हम ही हैं, क्योंकि हम आपसी भाईचारा मजबूत करने में विफल रहे हैं, बस अपनी-अपनी जातियों के दलदल में गर्व महसूस कर रहे हैं, जोकि बहुत ही खतरनाक सोच है। यह बात भारतीय समन्वय संगठन 'लक्ष्य' की महिला टीम की महिला कमांडरों ने 'लक्ष्य' के बहुजन जागरुकता अभियान के अंतर्गत इंदिरा नगर लखनऊ की मायावती कॉलोनी में लक्ष्य कमांडर इंदु के निवास पर आयोजित 'घर-घर भीम चर्चा' में कही।
भीम चर्चा का विषय था-'क्या जातियों में बंटा हुआ बहुजन समाज कभी देश का हुक्मरान बन सकता है?' महिला कमांडरों ने विस्तार से इस विषय पर चर्चा की और जातियों को जोड़ने में महापुरुषों के प्रयासों पर प्रकाश डाला गया। लक्ष्य की वक्ताओं ने कहा कि बहुजन समाज में भाईचारा न होने के कारण ही हजारों वर्ष से मुठ्ठीभर लोग हमारा शोषण करते आ रहे हैं, अगर हम लोगों को अपनी स्थिति में सुधार लाना है तो हमें यह बात अच्छे से समझनी होगी कि हमें एक दूसरे का साथ देना होगा सम्मान करना होगा और समाज में मजबूत भाईचारा बनाना होगा अर्थात बहुजन समाज में जातियों के छोटे-छोटे टुकड़ों को जोड़कर भाईचारे का विशाल पर्वत खड़ा करना होगा।
भीम चर्चा में वक्ताओं का कहना था कि समाज और परिवार एकता से बनते हैं और एकता एवं जागरुकता के अभाव में बिखर भी जाते हैं, जिसका लाभ स्वार्थी तत्व उठाते हैं और समाज के लोग अपनी समृद्धि शिक्षा से भटक जाते हैं। वक्ताओं का कहना था कि बहुजन समाज में यह देखकर अफसोस होता है कि बालिकाओं की शिक्षा को लेकर अभीभी उतनी जागरुकता नहीं है और समाज के लोग अंधविश्वासों एवं नशाखोरी में लिप्त रहकर पूरे परिवार को गर्त में ले जा रहे हैं। वक्ताओं ने कहा कि बहुजन समाज को दूसरों से शिक्षा लेनी चाहिए, जो अपनी प्रगति के लिए दिनरात एक कर रहे हैं। भीम चर्चा में लक्ष्य कमांडर रेखा आर्या, विजय लक्ष्मी गौतम, छाया कौशल, एडवोकेट लक्ष्मी गौतम, पुष्पा भारती, विमलेश चौधरी, इंदु, सृष्टि, शिशिर, सुरेश राम, मुन्नी लाल, अविनाश गौतम, रवि चौधरी और राजा ने हिस्सा लिया।