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Saturday 9 October 2021 01:43:04 PM
कोच्चि। जापान और भारत के बीच द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास जिमेक्स का 5वां संस्करण 8 अक्टूबर 2021 तक अरब सागर में आयोजित किया गया, जिसमें जापान मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स और भारतीय नौसेना के जहाज और विमान शामिल हुए। युद्धाभ्यास के दौरान समुद्री सैन्य अभियानों के साथ-साथ वायु डोमेन के हवा, सतह और उप-सतह आयामों पर केंद्रित सैन्य अभियानों की उच्चगति देखी गई। भारतीय नौसेना के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग वेस्टर्न फ्लीट रियर एडमिरल अजय कोचर की कमान के तहत स्वदेशी गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर, आईएनएस कोच्चि सी किंग, एमके 42बी हेलीकॉप्टर और गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट, आईएनएस तेग, एसएआर सक्षम चेतक हेलीकॉप्टर ने भाग लिया।
समुद्री अभ्यास में भारतीय नौसेना के तट आधारित समुद्री टोही विमान और मिग 29के लड़ाकू विमान शामिल हुए। जेएमएसडीएफ का नेतृत्व एस्कॉर्ट फ्लोटिला थ्री के कमांडर रियर एडमिरल इकेउची इज़ुरु ने किया, इसमें इज़ुमो क्लास हेलीकॉप्टर कैरियर कागा और गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर मुरासामे शामिल थी। दोनों जहाज अभिन्न एसएच60 के हेलीकॉप्टरों के साथ रहे। सैन्य अभियान की गति को स्थापित करते हुए दोनों दलों ने समुद्री टोही सहायता प्रदान करते हुए समुद्री परिदृश्य में युद्धाभ्यास किया। अभ्यास में एक लक्ष्य पर कॉम्प्लेक्स ओवर द होराइजन लक्ष्यीकरण अभ्यास और सरफेस गन शूट एवं उन्नत समन्वित पनडुब्बी रोधी अभ्यास किया, जिसमें जेएमएसडीएफ का पानी के भीतर तैनात लक्ष्य शामिल था, इस दौरान सतह इकाइयों और भारतीय नौसेना के पी8आई विमानों को सहज समन्वय के साथ अभ्यास करते देखा गया।
भारत और जापानी नौसेनाओं के फ्लैग ऑफिसर सैन्य मित्रता को बढ़ाते हुए उड़ान अभियानों के दौरान कोच्चि और कागा के फ्लाइट डेक पर मिले। एयर डोमेन ऑपरेशंस में आईएनएस कोच्चि के डेक से लॉंच किए गए, एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट पर उन्नत एंटी-एयरक्राफ्ट फायरिंग अभ्यास और भारतीय नौसेना के मिग 29के लड़ाकू विमानों के नियंत्रित बियॉन्ड विजुअल रेंज लड़ाकू अभ्यास किए गए। युद्धाभ्यास में सतह पर बनी इकाइयों पर मिग 29 विमान अभ्यास केलिए अनेक हवाई हमले करते नज़र आए, उनके साथ भारतीय नौसेना का समुद्री गश्ती विमान डोर्नियर भी था। खराब मौसम भी भारतीय नौसेना और जेएमएसडीएफ हेलीकॉप्टरों को क्रॉस-डेक लैंडिंग करने से नहीं रोक पाया, जो दोनों पक्षों की उच्चस्तर की इंटरऑपरेबिलिटी प्रदर्शित करता है।
समुद्री अभ्यास दोनों देशों की नौसेनाओं की सटीकता, समन्वय और उच्चस्तर की अंतः क्रियाशीलता व्यावसायिकता और तैयारियों के उच्च मानकों को दर्शाता है, जो समुद्र में खतरों का मुकाबला करने केलिए जरूरी है, यह दोनों नौसेनाओं के विश्वास और समझ को भी दर्शाता है, जो उन्होंने वर्षों में निर्मित किया है। यह अभ्यास दोनों नौसेनाओं को अपनी पहले से ही व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने, समुद्री हितों की रक्षा करने और क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने में और ज्यादा सक्षम बनाएगा।