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भारत में कृषि का स्वर्णिम युग-जितेंद्र सिंह

शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विवि में कृषि मेला

'जम्मू में कृषि के विकास के अवसर और नवाचार के रास्ते खुले'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 11 October 2021 01:58:54 PM

northern india regional agricultural fair

जम्मू। केंद्र सरकार में पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा है कि भारत में कृषि का स्वर्णिम काल है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कृषि में तकनीकी हस्तक्षेप, अनुसंधान और नवाचार वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना कर देगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार कृषि स्टार्ट-अप को विशेष प्रोत्साहन दे रही है। डॉ जितेंद्र सिंह शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय जम्मू में पांच दिवसीय उत्तर भारत क्षेत्रीय कृषि मेला 2021 के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार भारत में कृषि विकास और किसान समृद्धि के प्रति बहुत गंभीर है, जिसका अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि जल शक्ति और कौशल विकास एवं उद्यमिता जैसे मंत्रालय केवल कृषि को बढ़ावा देने एवं 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने केलिए ही बनाए गए हैं।
पूर्वोत्तर विकास राज्यमंत्री ने उल्लेख किया कि इसकी एक महत्वपूर्ण कड़ी भूजल प्रबंधन केलिए हाल ही में शुरू की गई 'हेली-बोर्न सर्वे टेक्नोलॉजी' और पीने एवं कृषि उद्देश्यों केलिए शुष्क क्षेत्रों में भूजल संसाधनों का मानचित्रण करना है। राज्यमंत्री ने कहा कि भारत में कृषि और कृषि उत्पादन में क्रांतिकारी बदलाव आया है, जोकि मृदा स्वास्थ्य कार्ड, नीम लेपित यूरिया, पीएम फसल बीमा योजना जैसी किसान कल्याण केलिए सरकार की विभिन्न पहलों से स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि पीएम किसान सम्मान, ई-नाम, पीएम किसान मानधन योजना ने न केवल कृषि क्षेत्र को आर्थिक और साधन संपन्न बनाया है, बल्कि किसानों को वो सम्मान भी दिया है, जो उन्हें इससे पहले नहीं मिला था। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि उत्तर भारत के पहले जैव प्रौद्योगिकी पार्क की स्थापना, कठुआ में दो उच्च बीज प्रसंस्करण संयंत्र तथा भारत के पहले अरोमा मिशन जम्मू में कृषि में विकास के अवसर और नवाचार के नए रास्ते खोलेगा। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि किसानों को हर तरह से सुविधा प्रदान करना सरकार की जिम्मेदारी है और केंद्र सरकार बिना किसी प्रकार का समझौता किए ऐसा ही प्रयास कर रही है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने इस अवसर पर छात्रों से भी बातचीत की और उन्हें नौकरी चाहने वाले न बनकर नौकरी देने वाले एवं स्टार्ट-अप से कृषि टेक्नोक्रेट बनने और अभिनव भारत के वास्तुकार बनने पर जोर दिया, क्योंकि भारत में कृषि अब 19वीं सदी वाली पारंपरिक खेती नहीं रह गई है। डॉ जितेंद्र सिंह ने विश्वविद्यालय प्रशासन से मंत्रालय की पहल पर भारत की आजादी के 75वें वर्ष पर विश्वविद्यालय से 75 कृषि स्टार्टअप को बढ़ावा देने का आग्रह किया। उन्होंने उच्च भूमि औषधि संस्थान, भारतीय समवेत औषध संस्थान और शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के एकीकरण पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि छात्र आदान-प्रदान कार्यक्रमों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, क्योंकि भारत सर्वोत्तम वैज्ञानिक और तकनीकी संस्थानों से समृद्ध है, जैसेकि दिल्ली में राष्ट्रीय पादप जीनोम अनुसंधान संस्थान और इस क्षेत्र में शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के छात्र वहां उपलब्ध सर्वोत्तम तकनीक के कारण बेहतर प्रदर्शन और अनुसंधान अंतर्ज्ञान केलिए इन संस्थानों का दौरा कर सकते हैं। राज्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बासमती चावल, राजमा या अन्य उत्पादों के प्रचार हेतु सर्वश्रेष्ठ मेधा एवं स्टार्ट-अप केलिए सक्रिय पहुंच बनाना समय की मांग है। उन्होंने नवीनतम तकनीक और सोशल मीडिया के साथ एक व्यापक मीडिया स्पेस के निर्माण पर जोर दिया, ताकि स्थानीय उत्पादों और स्टार्ट-अप को बढ़ावा दिया जा सके।
राज्यमंत्री ने स्थायी कृषि पद्धतियों और जैविक खेती पर भी जोर दिया। उन्होंने विभागीय क्लब, मुख्य परिसर की आधारशिला रखी और स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी, एसकेयूएएसटी जम्मू के जैव प्रौद्योगिकी विद्यालय में पादप ऊतक सम्वर्धन प्रयोगशाला का उद्घाटन, औषधीय उद्यान के शुभारंभ के अलावा पारम्परिक पौधारोपण तथा बासमती उत्पादकों और मधुमक्खी पालकों के सम्मेलन का भी उद्घाटन किया। उन्होंने विश्व बैंक-भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की वित्तपोषित आईडीपी परियोजना का अनावरण किया। प्रोफेसर जेपी शर्मा कुलपति एसकेयूएएसटी जम्मू ने भी समापन समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह कृषि मेला केवल केंद्र सरकार के समर्थन से संभव हुआ है, जिसमें उत्तरी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के किसानों एवं स्टार्टअप ने बढ़-चढ़कर भाग लिया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विशेष कृषि प्रगतिशील किसानों केलिए नए अवसर खोलेगी और स्टार्ट-अप का मार्ग प्रशस्त करेगी। भारत सरकार के कृषि आयुक्त डॉ एसके मल्होत्रा, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली में उपमहानिदेशक शिक्षा डॉ आरसी अग्रवाल, भारतीय किसान संघ के संगठन सचिव दिनेश कुलकर्णी, जम्मू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मनोज के धर एवं सीएसआईआर-आईआईआईएम के निदेशक डॉ रेड्डी भी समारोह में शामिल हुए।

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