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Monday 18 October 2021 10:50:29 PM
लखनऊ। एक लंबे अंतराल के बाद और वह भी एक नाटकीय घटनाक्रम में आखिर आज उत्तर प्रदेश विधानसभा का उपाध्यक्ष भी चुन लिया गया। समाजवादी पार्टी के ही सदस्य नितिन अग्रवाल भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से विधानसभा उपाध्यक्ष चुने गए हैं। नितिन अग्रवाल तकनीकी दृष्टि से समाजवादी पार्टी के ही सदस्य हैं, मगर आज की तारीख में भाजपा के साथ हैं। विधानसभा में उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को देने की परंपरा है, मगर भाजपा, मुलायम सिंह यादव, मायावती और अखिलेश यादव की सरकारें आईं, मगर किसी भी सरकार ने विधानसभा में उपाध्यक्ष नहीं बनाया। समाजवादी पार्टी चाहती तो विपक्ष के सहयोग से अपना उपाध्यक्ष मनोनीत कराने की पहल कर सकती थी, जो उसने नहीं की। योगी सरकार में उपाध्यक्ष के लिए एक ऐसा अवसर आया, जिसमें भाजपा ने विपक्ष के ही सदस्य नितिन अग्रवाल को अपने समर्थन से विधानसभा उपाध्यक्ष बनाकर इस पद पर भी अपना कब्जा जमा लिया है। विधानसभा का उपाध्यक्ष कैबिनेट मंत्री रैंक का होता है और उसे मंत्रियों की भांति समस्त भौतिक सुख प्राप्त होते हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नितिन अग्रवाल को विधानसभा का उपाध्यक्ष निर्वाचित होने पर बधाई दी और समाजवादी पार्टी सहित विपक्ष को भी खूब धोया। उन्होंने कहा कि नितिन अग्रवाल उत्तर प्रदेश विधानसभा के युवा और अनुभवी सदस्य हैं और सदन को नितिन अग्रवाल के अनुभव का लाभ प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि परंपरा एवं मर्यादाओं का पालन सभी के लिए आवश्यक है, पिछले साढ़े चार वर्ष से इंतजार था कि सबसे बड़ा विपक्षी दल किसी युवा चेहरे को विधानसभा उपाध्यक्ष पद पर मनोनयन केलिए एक सर्वसम्मत प्रस्ताव लाए, लेकिन विपक्ष का कोई सकारात्मक रवैया न होने के कारण और विधानसभा का कार्यकाल 6 माह शेष रहने के कारण यह उचित प्रतीत हुआ कि किसी एक युवा को विधानसभा के उपाध्यक्ष पद का दायित्व दिया जाए और सदन ने आज नितिन अग्रवाल को विधानसभा उपाध्यक्ष चुन लिया है। मुख्यमंत्री ने उनके निर्वाचन के लिए सदन के सभी सदस्यों को धन्यवाद भी दिया है।
सवाल है कि समाजवादी पार्टी किस मुंह से कहे कि नितिन अग्रवाल उसके सदस्य नहीं हैं? इसी का लाभ भाजपा ने उठाया है। विपक्ष देखता रह गया, शोर मचाता रह गया, दलीलें देता रह गया, मगर विधानसभा उपाध्यक्ष के मनोनयन कानून ने उसका साथ नहीं दिया। समाजवादी पार्टी ने सर्वसम्मति न बनने पर और थकहारकर अपने सदस्य नितिन अग्रवाल के सामने अपने ही दूसरे सदस्य नरेंद्र वर्मा को खड़ा कर दिया, आज चुनाव हुआ, जिसमें नितिन अग्रवाल 304 वोट से विधानसभा उपाध्यक्ष चुन लिए गए और विपक्ष देखता रह गया। विधानसभा उपाध्यक्ष के मामले में रणनीतिक अभाव एवं संख्याबल के कारण खासतौर से समाजवादी पार्टी को पराजय का सामना करना पड़ा है। भाजपा ने ऐसे समय पर सपा पर हल्ला बोला है, जब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव आगामी विधानसभा चुनाव में चार सौ सीटें जीतने का दावा करते घूम रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषक कह रहे हैं कि भाजपा अखिलेश यादव की सत्ता हासिल करने की सारी उम्मीदों पर पटरा फेरती जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नितिन अग्रवाल की जीत पर विपक्ष पर कई बार कटाक्ष किए हैं। उन्होंने समाजवादी पार्टी पर तंज कसते हुए कहा कि संसदीय परंपराओं का पालन सभीसे अपेक्षित है और आरोप-प्रत्यारोप लोकतंत्र की शोभा है, बस संवाद बाधित नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि नेता विरोधी दल सज्जन और संवाद में विश्वास रखने वाले हैं, वह सोच रहे होंगे कि उनके द्वारा यह प्रस्ताव पहले दे दिया गया होता तो अच्छा रहता, इस निर्वाचन के बाद वह यही कहेंगे कि चुनाव में गड़बड़ी हुई है जोकि उन लोगों की आदत है। मुख्यमंत्री ने कटाक्ष किया कि विधानसभा या लोकसभा चुनाव में जनता के फैसले के बाद यह लोग ईवीएम को दोषी ठहराते हैं। उन्होंने कहा कि आज यहां निर्वाचन से वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव की तस्वीर भी स्पष्ट हो गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दलीय आग्रहों एवं दुराग्रहों को व्यक्त करने का एक माध्यम सदन बनता है और जब आमने-सामने बैठकर दोनों ओर के सदस्य अपनी बातें कहते हैं तो उन्हें व्यक्तिगत रूपसे नहीं लेना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ह्दयनारायण दीक्षित के मार्गदर्शन एवं संरक्षण में सदन ने पिछले साढ़े चार वर्ष में अनेक कीर्तिमान स्थापित किए हैं, कोरोना कालखंड में भी हमने दलीय नेताओं की बैठक की थी, समाजवादी पार्टी ने तब भी उस बैठक का बहिष्कार ही किया था। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमने सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स को प्राप्त करने के लिए विशेष सत्र का आयोजन किया था, महात्मा गांधी के 150वें जयंती वर्ष में सत्र आहूत किया गया था, सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स को यूएन ने 2016 में तत्पश्चात भारत सरकार ने पूरे देश के लिए अंगीकृत किया था, एसडीजी के लक्ष्यों को प्राप्त करने केलिए सदन ने लगातार 36 घंटे चर्चा की थी, लेकिन समाजवादी पार्टी ने तब भी उस सत्र का बहिष्कार किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्योंकि वह सत्र गरीबी उन्मूलन, नौजवानों को रोज़गार, बेहतर स्वास्थ्य, गुणवत्तायुक्त शिक्षा, किसानों की आय दोगुना करने से संबंधित था, जिससे समाजवादी पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है, इसीलिए समाजवादी पार्टी ने उसका विरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि नितिन अग्रवाल तकनीकी रूपसे समाजवादी पार्टी के ही सदस्य हैं, सबसे बड़े विपक्षी दल के सदस्य को उपाध्यक्ष का पद मिलना चाहिए था, आखिर यह काम भी संसदीय परम्पराओं का निर्वहन करते हुए भारतीय जनता पार्टी विधानमंडल दल ने किया है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि समाजवादी पार्टी के कई चेहरे सामने आ चुके हैं, समाजवादी पार्टी युवा विरोधी है, कुछ लोगों के लिए परिवार ही पार्टी होती है, लेकिन हमारे लिए प्रदेश ही परिवार है, इस अंतर ने ही आज यहां इस निर्वाचन के लिए बाध्य किया है। उन्होंने कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हमेशा युवाओं को मौका मिलना चाहिए, हमने अभी 7 और मंत्री बनाए हैं, वे सभी युवा हैं, समाज के अलग-अलग तबकों का प्रतिनिधित्व करते हैं, उन सभी को प्रतिनिधित्व देने का कार्य भारतीय जनता पार्टी ने सदैव किया है, हमारी सरकार इन्हीं मूल्यों, आदर्शों के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने विधानसभा उपाध्यक्ष पद के पराजित प्रत्याशी नरेंद्र वर्मा के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा कि वह अच्छे सदस्य हैं, समाजवादी पार्टी की ओर से अपनी बात दमदार तरीके से सदन में रखते हैं, संसदीय परम्पराओं का पालन करते हैं। मुख्यमंत्री ने नरेंद्र वर्मा के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा कि वह समाजवादी मूल्यों के साथ अपना जीवन-यापन करें और नितिन अग्रवाल जिस परम्परा के साथ आगे बढ़ रहे हैं, वह उसपर मजबूती के साथ बढ़ें, भाजपा विधानमंडल दल पूरी तरह उनके साथ है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा कि विगत साढ़े चार वर्ष में विधानमंडल ने अनेक ऐतिहासिक निर्णय लिये हैं और प्रदेश की 25 करोड़ जनता के हित केलिए कार्य किए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के माध्यम से देश के सबसे आकर्षक निवेश गंतव्य के रूपमें स्थापित हुआ है। उन्होंने कहा कि यह अच्छी सोच बनी है कि उत्तर प्रदेश देश का ग्रोथ इंजन बनने की सामर्थ्य रखता है। देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की क्षमता रखता है। उन्होंने कहा कि इस पर्सेप्शन को आगे बढ़ाने के लिए युवा ऊर्जा को आगे एवं और ज्यादा ताकत दिए जाने की आवश्यकता है। माना जा रहा है कि नितिन अग्रवाल के जरिये भाजपा ने समाजवादी पार्टी और विपक्ष को उसी की भाषा में जोरदार झटका दिया है। भाजपा ने एक तीर से कई निशाने साध लिए हैं। विधानसभा चुनाव की दृष्टि से यह निर्णय भाजपा को राजनीतिक लाभ दिलाता नज़र आता है। ग़ौरतलब है कि नितिन अग्रवाल उत्तर प्रदेश में वैश्य समाज के दिग्गज कहे जानेवाले नेता नरेश अग्रवाल के पुत्र हैं और हरदोई से विधायक हैं।