स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Thursday 21 October 2021 03:35:46 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा हैकि भारत को तेल एवं गैस सेक्टर में आत्मनिर्भर बनाने केलिए सुधार और प्रयास तेजीसे जारी हैं। दुनियाभर के तेल एवं गैस सेक्टर के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और विशेषज्ञों से वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री ने उनसे पिछले सात वर्ष से देशमें तेल एवं गैस सेक्टर में सुधार लाने के प्रयासों के बारे में चर्चा की। बातचीत में तेल एवं गैस की खोज और लाइसेंस नीति, गैस विपणन, कोयला खानों से मिलने वाली प्राकृतिक गैस, कोयले को गैस में परिवर्तित करने और इंडियन गैस एक्सचेंज में किए गए सुधार शामिल थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि राजस्व बढ़ाने के बजाय उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की भंडारण सुविधा बढ़ाने की जरूरत है, देशमें प्राकृतिक गैस की मांग तेजी से बढ़ रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मौजूदा गैस अवसंरचना और उसकी संभावनाओं का जिक्र किया, जिसमें पाइपलाइन, शहरी गैस वितरण और एलएनजी को दोबारा गैस में परिवर्तित करने वाले टर्मिनल जैसे विषय शामिल हैं। प्रधानमंत्री कहा कि 2016 से ऐसी बैठकों में जो सुझाव आ रहे हैं, वे तेल एवं गैस सेक्टर के सामने चुनौतियों को समझने में बहुत सहायक रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत उदारता, आशावादिता और अवसरों की धरती है, यहां नए विचारों, परिप्रेक्ष्यों और नवाचारों की अधिकता है। उन्होंने मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और विशेषज्ञों को आमंत्रित किया वे भारत में तेल एवं गैस की खोज तथा इस सेक्टर के विकास के लिए भारत के साथ साझेदारी करें।
तेल एवं गैस सेक्टर के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और विशेषज्ञों में रोजनेफ्ट के अध्यक्ष एवं सीईओ डॉ इगोर सेचिन, सऊदी आर्मको के अध्यक्ष एवं सीईओ अमीन नासेर, ब्रिटिश पेट्रोलियम के सीईओ बर्नार्ड लूनी, आईएचएस मार्किट के उपाध्यक्ष डॉ डेनियल यर्गिन, श्लूमबर्जर लिमिटेड के सीईओ ओलिवियर ली पेयुश, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अम्बानी, वेदांता लिमिटेड के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल शामिल थे। सीईओ और विशेषज्ञों ने ऊर्जा की सुगमता, सस्ती ऊर्जा और ऊर्जा सुरक्षा में सुधार केलिए भारत सरकार के प्रयास सराहे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की कि उनके निर्धारित दूरदर्शी और महत्वाकांक्षी उद्देश्य के जरिए भारत ने स्वच्छ ऊर्जा की तरफ कदम बढ़ाए हैं। उद्योग जगत के दिग्गजों ने कहा कि भारत स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी को तेजी से अपना रहा है और वह विश्व ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा बदलाव को सतत और तर्कसंगत बनाना सुनिश्चित किया जाना चाहिए।