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Saturday 23 October 2021 02:18:45 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य, उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण एवं वस्त्र मंत्री पीयूष गोयल ने नियमों पर आधारित बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के अंतर्गत ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ मुक्त व्यापार का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि भारत जहां भी अनुचित या अन्यायपूर्ण व्यवहार का सामना करेगा, वहां पारस्परिक जवाबी कार्रवाई भी करेगा। पीयूष गोयल ने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में गैर-शुल्क बाधाओं के समाधान की आवश्यकता पर भी जोर दिया। पीयूष गोयल ने भारतीय विदेश व्यापार संस्थान के 54वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। भारत में 100 करोड़ कोविड टीकों की उपलब्धि का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह मील का पत्थर 130 करोड़ भारतीयों के सामूहिक प्रयास का परिणाम है और भारत की आत्मनिर्भरता का भी प्रमाण है। उन्होंने कहा कि यह अपनी क्षमताओं का सर्वोत्तम संभव सीमा तक लाभ उठाने और पूरी दुनिया की जरूरतों को पूरा करने का संकल्प था।
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि दीक्षांत समारोह वह महत्वपूर्ण समारोह है, जो 'ज्ञान के अधिग्रहण' से 'ज्ञान के अनुप्रयोग' की ओर बढ़ते स्नातक छात्रों की यात्रा के अगले चरण को चिह्नित करता है। उन्होंने 1963 में स्थापना के बाद से भारत के विदेश व्यापार में अत्यधिक योगदान देने केलिए भारतीय विदेश व्यापार संस्थान-आईआईएफटी की सराहना की। उन्होंने कहा कि आईआईएफटी को अपने मजबूत ज्ञान और संसाधन आधार केलिए व्यापक रूपसे मान्यता दी गई है, इसे लगातार एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अग्रणी व्यापार स्कूलों में स्थान दिया गया है। पीयूष गोयल ने छात्रों को सर्वोत्तम प्रौद्योगिकी, विदेशी कानून, अर्थशास्त्र और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार केलिए अवसर बढ़ाने का आह्वान किया। भारतीय विश्वविद्यालयों के दुनियाभर में प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ गठजोड़ का आह्वान करते हुए उन्होंने भारतीय विश्वविद्यालयों से ऐसे संस्थानों के साथ निरंतर सहयोग करने केलिए कहा। पीयूष गोयल ने छात्रों को निजी और सार्वजनिक क्षेत्र केसाथ प्रशिक्षण प्राप्त करने केलिए कहा। उन्होंने ऑनलाइन और हाइब्रिड मोड में शिक्षा प्रदान करने की दिशा में और अधिक अन्वेषण करने को भी कहा।
पीयूष गोयल ने छात्रों का व्यवहारिक, पारंपरिक सोच और प्रक्रियाओं को फिर से उन्मुख करने केलिए कोविड महामारी के कारण उत्पन्न विघटनकारी बाधाओं का सदुपयोग करने का आह्वान किया। विदेश व्यापार में अपने बहुमुखी अनुभव से दो सौ गुना अधिक की पेशकश करते हुए पीयूष गोयल ने छात्रों से 'सीखें, फिरसे सीखें और दोहराएं' का आग्रह किया। पीयूष गोयल ने कहा कि चुनौतियों के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने संकट को अवसर में बदलने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि भारत को एक विश्वसनीय भागीदार के रूपमें देखा जा रहा है और हम समान विचारधारा वाले देशों जैसे यूरोपीय संघ, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त अरब अमीरात के साथ मुक्त व्यापार समझौतों-एफटीए केलिए जुड़ रहे हैं। बुनियादी ढांचे और बहुपक्षीय सम्पर्क केलिए पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान जैसे महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि हम जो कुछ भी करते हैं, उसमें गुणवत्ता और उत्पादकता लाने की जरूरत है, मेड इन इंडिया उत्पाद दुनिया केलिए एक गारंटी होना चाहिए।
पीयूष गोयल ने कहा कि भारत के निर्णायक नेतृत्व, मजबूत उद्योग, जीवंत मीडिया और कानून के शासन को बनाए रखने के संकल्प ने भारत को विश्व देशों का एक विश्वसनीय भागीदार बनाया है। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताते हुए कहा कि भारत अतीत में कई अवसरों को प्राप्त करने से चूक गया, परंतु आशा व्यक्त की कि अब हम विकास केलिए उपलब्ध हर अवसर का लाभ उठाने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा अतीत रास्ते का एक पत्थर है, मील का पत्थर नहीं। उन्होंने भारत को वैश्विक नेतृत्व प्रदान करने केलिए मिलकर काम करने का आग्रह किया। इस अवसर पर पीयूष गोयल ने स्नातक विद्यार्थियों को पुरस्कार और डिग्रियां प्रदान कीं।