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शिलांग-डिब्रूगढ़ मार्ग पर सीधी उड़ान शुरू

नागरिक उड्डयन मंत्री ने उड़ान को वर्चुअली झंडी दिखाई

'पर्यटकों के लिए शिलांग नार्थ ईस्ट भारत का स्कॉटलैंड'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 26 October 2021 05:18:30 PM

direct flight started on shillong-dibrugarh route

नई दिल्ली। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया ने राज्यमंत्री जनरल डॉ वीके सिंह, नागरिक उड्डयन मंत्रालय में सचिव राजीव बंसल के साथ भारत सरकार की क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना-उड़े देश का आम नागरिक के तहत आज शिलांग-डिब्रूगढ़ मार्ग पर पहली सीधी उड़ान को वर्चुअली झंडी दिखाकर रवाना किया। कार्यक्रम में मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा, उपमुख्यमंत्री प्रेस्टन तिनसॉन्ग, शिलांग से लोकसभा सांसद विन्सेंट एच पाला, मेघालय से लोकसभा सांसद डॉ वानवेरॉय खारलुखी, परिवहन विभाग एवं लोक निर्माण विभाग में मंत्री दासखियात्भा लामारे एवं सनबोर शुलाई, उषा पाधी संयुक्त सचिव नागरिक उड्डयन मंत्रालय और वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस अवसर पर कहाकि शिलांग दुनिया के सबसे ऊंचे और सबसे पानी वाले स्थानों में से एक है, यह स्थान देश ही नहीं विश्व केलिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि रोलिंग पहाड़ियों, गुफाओं, सबसे ऊंचे झरनों, सुंदर परिदृश्य, इसकी समृद्ध विरासत और संस्कृति के कारण शिलांग को हमेशा पूर्व के स्कॉटलैंड के रूपमें जाना जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है जो मेघालय के पास न हो, यह जगह दुनियाभर से पर्यटकों को आकर्षित करता है। उड्डयन मंत्री ने कहाकि 2014 में उत्तर पूर्व में केवल 6 हवाईअड्डे चालू थे, जो अब 2021 में बढ़कर 15 हो गए हैं, सिर्फ 7 साल की छोटी सी अवधि में हमने इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल कर लिया है। उन्होंने विश्वास दिलाते हुए कहाकि यह सिर्फ शुरुआत है, हम उत्तर-पूर्व की अंतर्राज्यीय और राज्यांतरिक कनेक्टिविटी बढ़ाने केलिए प्रतिबद्ध हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहाकि हवाई जहाज से कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के अलावा हमारा फोकस अंतिमछोर तक डिलीवरी केलिए हेलिकॉप्टर सेवाओं के साथ-साथ इंफ्रास्ट्रक्चर क्षमताओं को विकसित करने पर है। उन्होंने कहाकि यह सुनिश्चित करने केलिए हमने हाल ही में उत्तर-पूर्व में हेली सेवाओं को और बढ़ावा देने केलिए हेलीकॉप्टर नीति शुरु की है, हम चाहते हैं कि देशभर से यात्रियों को पूर्वोत्तर की यात्रा पर लाया जाए। गौरतलब हैकि शिलांग शहर चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है, कई प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों की कारण यह क्षेत्र प्रसिद्ध है। शिलांग पूरे उत्तर-पूर्वी भारत केलिए शिक्षा का केंद्र है। सौंदर्य और शिक्षा केंद्र होने के अलावा, शिलांग मेघालय के प्रवेश द्वार के रूपमें भी जाना जाता है, जो भारी वर्षा, गुफाओं, सबसे ऊंचे झरनों, सुंदर परिदृश्य, अपनी समृद्ध विरासत और संस्कृति केलिए प्रसिद्ध राज्य है। शिलांग एलीफेंट फॉल्स, शिलांग पीक, उमियाम लेक, सोहपेटबनेंग पीक, डॉन बॉस्को म्यूजियम, लैटलम कैन्यन केलिए प्रसिद्ध है। शिलांग उत्तर पूर्व भारत का एकमात्र राजधानी शहर है, जो आई-लीग में भाग लेने वाले दो फुटबॉल क्लबों की मेजबानी करता है, जिसे रॉयल वाहिंगदोह एफसी और शिलांग लाजोंग एफसी के नाम से जाना जाता है। शिलांग का गोल्फ कोर्स देश के सबसे पुराने गोल्फ कोर्सों में से एक है।
परिवहन के किसी भी सीधे साधन की अनुपलब्धता के कारण अभीतक लोगों को शिलांग और डिब्रूगढ़ के बीच यात्रा करने केलिए सड़क और ट्रेन से 12 घंटे की लंबी यात्रा केलिए मजबूर होना पड़ता था, अब यहां के निवासी केवल 75 मिनट की उड़ान का विकल्प चुनकर दोनों शहरों के बीच आसानी से यात्रा कर सकेंगे। उड़ान 4 बोली प्रक्रिया के दौरान एयरलाइन मैसर्स इंडिगो को शिलांग-डिब्रूगढ़ मार्ग पर हवाई सेवा शुरू करने की अनुमति दी गई थी। आम लोगों केलिए किरायों को कम करने और सुलभ रखने केलिए उड़ान योजना के तहत एयरलाइंस को वायबिलिटी गैप फंडिंग प्रदान की जा रही है। एयरलाइन अपने 78 सीटों वाले एटीआर 72 विमान से यहां हवाई सेवा मुहैया कराएगी। उड़ान योजना के तहत अबतक 389 मार्गों और 62 हवाई अड्डों का संचालन किया जा चुका है। योजना की परिकल्पना देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में मजबूत हवाई संपर्क स्थापित करने केलिए की गई है, जो भारत के विमानन बाजार में एक नए क्षेत्रीय खंड की नींव रखते हुए अबतक जुड़े नहीं थे।

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