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Wednesday 27 October 2021 12:39:54 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त और कारपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट बैंक के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की छठी वार्षिक बैठक में भाग लिया, जिसमें हर साल बोर्ड ऑफ गवर्नर्स एआईआईबी से संबंधित महत्वपूर्ण मामलों और उसके भविष्य के विजन पर प्रमुख फैसले लेने केलिए मुलाकात करते हैं। गौरतलब हैकि भारत एआईआईबी का संस्थापक सदस्य और दूसरा सबसे बड़ा शेयरधारक है तथा भारत में एआईआईबी का सबसे बड़ा परियोजना पोर्टफोलियो है। बैठक 'इंवेस्टिंग टुडे एंड ट्रांसफॉर्मिंग टुमारो' विषय पर एआईआईबी और संयुक्तअरब अमीरात ने संयुक्त रूपसे आयोजित की थी। वित्तमंत्री ने 'कोविड-19 संकट और कोविड के बाद समर्थन' विषय पर गवर्नर्स की गोलमेज चर्चा में भी विचार साझा किए।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत सहित सदस्य देशों को उनके कोविड-19 की रोकथाम और वित्तीय समर्थन केलिए एआईआईबी के त्वरित निर्णय की सराहना की। वित्तमंत्री ने कहाकि विभिन्न क्षेत्रों में समयबद्ध संरचनागत सुधारों केसाथ भारत सरकार के सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज भारत की आर्थिक सुधार प्रक्रिया केलिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म वित्त संस्थानों केलिए कर्ज गारंटी योजना, राहत पैकेज, राष्ट्रीय निर्यात बीमा खाता से परियोजना निर्यात को प्रोत्साहन, उर्वरकों केलिए अतिरिक्त सब्सिडी, प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण योजना के तहत 80 करोड़ लोगों को मुफ्त खाद्यान्न और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर कई कल्याणकारी योजनाओं से अर्थव्यवस्था को गति देने और विशेष रूपसे गरीब व वंचित तबकों की आजीविकाओं की रक्षा करने में मदद मिली है। निर्मला सीतारमण ने तेजी से टीकाकरण के भारत के सफल अभियान पर कहाकि 1 अरब टीके लगाना भारत में मजबूत वैज्ञानिक और तकनीकी इकोसिस्टम की मदद से हासिल किया गया एक मील का पत्थर साबित हुआ है।
वित्तमंत्री ने भारत की एक वैश्विक स्वास्थ्य पहुंच पहल वैक्सीन मैत्री को भी रेखांकित किया, जिसके तहत 7 करोड़ मेड इन इंडिया कोविड-19 टीके 95 देशों और यूएन की संस्थाओं को दिए गए, जिसमें से 2 करोड़ खुराक कोवैक्स सुविधा के तहत 47 देशों, 1.2 करोड़ टीके 47 देशों और यूएन शांतिदूतों को अनुदान के रूपमें दिए गए। निर्मला सीतारमण ने जलवायु संकट पर मल्टीलेटरल डेवलपमेंट बैंक्स के महत्व और बहुपक्षीय विकास वित्त के साथ ही देशों की तात्कालिक जरूरत को रेखांकित किया। उन्होंने एआईआईबी से कुछ उम्मीदें जाहिर कीं, जिनमें सामाजिक इंफ्रास्ट्रक्चर में सम्पदा निर्माण एवं निवेश अवसरों को खोजने की जरूरत, समावेशी और हरित विकास केलिए निजी क्षेत्र से पूंजी जुटाने पर जोर देना, विश्वसनीयता, पारदर्शिता, गुणवत्तापूर्ण संचालन एवं निवेश सुनिश्चित करने केलिए एक रेजिडेंट बोर्ड और क्षेत्रीय कार्यालयों की स्थापना शामिल है। निर्मला सीतारमण ने एक अग्रणी वित्तीय संस्थान के रूपमें भविष्य में एआईआईबी के प्रयासों को भारत के सहयोग और समर्थन का भरोसा दिलाया।