स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 30 April 2013 06:33:00 AM
नई दिल्ली। भारत के रक्षामंत्री ऐके एंटनी ने भारतीय क्षेत्र पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना के काफी अंदर तक घुस आने के मामले पर कहा है कि लद्दाख की वर्तमान स्थिति की वजह भारत नहीं है और अपने हितों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाये जाएंगे। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत शांति और स्थिरता को बनाये रखने के लिए समझौतों के अनुरूप बातचीत के माध्यम से स्थिति का शांतिपूर्ण समाधान निकालने के प्रति वचनबद्ध है। एकीकृत कमांडर सम्मेलन को संबोधित करते हुए एंटनी ने जोर देते हुए कहा कि देश अपने हितों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाने की वचनबद्धता के प्रति एक है।
रक्षामंत्री ऐके एंटनी ने बताया कि चीन के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों, खासतौर पर वास्तविक नियंत्रण रेखा के मामले में कभी-कभी सीमा मुद्दों का असर रहा है, वर्तमान गतिविधि कोई अपवाद नहीं है, अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए की जा रही विभिन्न पहलों में सीमा सड़कों और अत्याधुनिक लैंडिंग ग्राउंड के विकास पर जोर दिया जा रहा है। पाकिस्तान में सुरक्षा स्थिति का उल्लेख करते हुए एंटनी ने कहा कि निर्दोष लोगों और सामरिक लक्ष्यों को निशाना बनाने की पाकिस्तानी तालिबान की क्षमता चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में बढ़ते हुए परमाणु भंडार के प्रति हमे अपनी समग्र रणनीति की फिर से व्याख्या करनी होगी।
ऐके एंटनी ने दोहराया कि सुरक्षाबलों के सर्वमुखी कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के प्रति सरकार मजबूती के साथ प्रतिबद्ध है, वित्तीय रूकावटों के बावजूद राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में धन कभी एक मुद्दा नहीं रहा, हालांकि उन्होंने कहा वित्तीय संसाधनों का ईमानदारी, पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ उचित उपयोग सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। रक्षा मंत्री ने कहा कि वर्तमान सुरक्षा का दायरा सिर्फ सैन्य खतरों तक ही सीमित नहीं बल्कि साइबर हमले, आतंकवाद, संगठित सीमापार अपराध, प्राकृतिक आपदा भी इसमें शामिल हैं।
सम्मेलन में रक्षा राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह, सीओएसी के अध्यक्ष और चीफ ऑफ एयर स्टॉफ, वायुसेना प्रमुख एनएके ब्राउन, सेनाध्यक्ष जनरल विक्रम सिंह, नौसेना अध्यक्ष एडमिरल डीके जोशी और रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा भी उपस्थित थे।