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Monday 1 November 2021 12:17:14 PM
मसूरी। प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय एकता दिवस पर लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी मसूरी में 'सरदार पटेल नेतृत्व केंद्र' देश को समर्पित करते हुए नई पीढ़ी के प्रशासनिक अधिकारियों केलिए नई पीढ़ी के सुधारों को रेखांकित किया। उन्होंने कहाकि भारत को अनिवार्य रूपसे शासन में वैश्विक मानकों का अनुसरण करना चाहिए, क्योंकि यह राष्ट्रों के समुदाय में वैश्विक नेतृत्व की भूमिका निभाने केलिए तैयार है। उन्होंने कहाकि पारदर्शिता, जवाबदेही और जनकेंद्रित वितरण तंत्र को नई पीढ़ी के प्रशासनिक अधिकारियों केलिए नई पीढ़ी के सुधारों की आधारशिला बनना चाहिए।
कार्मिक राज्यमंत्री ने लालकिले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें स्वतंत्रता दिवस के संबोधन का उल्लेख करते हुए कहाकि दुनिया भी इस बात की गवाह हैकि भारत शासन का एक नया अध्याय लिख रहा है और हम 'अमृतकाल' के इस दशक में अगली पीढ़ी के सुधारों को प्राथमिकता देंगे। राज्यमंत्री ने कहाकि सेवा वितरण जैसी सभी सुविधाएं समाज के सभी वर्गों तक पहुंचनी चाहिएं और ये सेवाएं बिना किसी हिचकिचाहट या किसी भी प्रकार की कठिनाई के निर्बाध रूपसे सभी को सुलभ होनी चाहिएं। डॉ जितेंद्र सिंह ने बताया कि 2014 के बादसे जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तबसे प्रत्येक स्वतंत्रता दिवस भाषण में शासन से संबंधित कुछ टिप्पणियां और घोषणाएं करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि 26 मई 2014 को प्रधानमंत्री का सबसे पहला सुधार मंत्र न्यूनतम सरकार-अधिकतम शासन का था। उन्होंने कहा कि पिछले 7-8 वर्ष में अधिक दक्षता, पारदर्शी और भ्रष्टाचारमुक्त शासन, जवाबदेही को प्रोत्साहित करने और विशेष अधिकारों के दायरे को कम करने केलिए कई सुधार किए गए हैं।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि राजपत्रित अधिकारी से दस्तावेजों को सत्यापित कराने और उन्हें स्व-सत्यापन के साथ बदलने की पुरानी प्रथा को खत्म करने का निर्णय 1 जनवरी 2016 से केंद्र सरकार में सभी ग्रुप-बी (अराजपत्रित) और ग्रुप-सी पदों केलिए साक्षात्कार की अनिवार्यता हटाने, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम-1988 में संशोधन और भारतीय प्रशासनिक अधिकारियों केलिए उनके करियर की शुरुआत में ही सहायक सचिव के रूपमें तीन महीने केलिए केंद्र सरकार में उनके कार्यकाल से संबंधित निर्णय दूरगामी प्रकृति के हैं। सरदार पटेल नेतृत्व केंद्र के औचित्य का उल्लेख करते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि इस केंद्र का उद्देश्य प्रशासनिक अधिकारियों की भावी पीढ़ियों के लिए क्षमता निर्माण करना है, ताकि वे दुनियाभर में नेतृत्व की सर्वोत्तम प्रथाओं से सीख सकें, अपने सांस्कृतिक लोकाचारों, मूल्यों और जड़ों से भी जुड़े रहें।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि सुशासन, जन भागीदारी और जन चेतना केलिए नीति निर्माण स्तरपर प्रक्षेत्र अधिकारियों के साथ-साथ अधिकारियों में अच्छे नेतृत्व कौशल की आवश्यकता है। उन्होंने कहाकि सरदार पटेल नेतृत्व केंद्र भारत और विदेशों के प्रशासनिक अधिकारियों को निरंतर अध्ययन और सीखने के अवसर प्रदान करने केलिए एक विशाल संसाधन केंद्र के रूपमें उभरेगा, जैसाकि अखिल भारतीय सेवाओं के जनक सरदार वल्लभभाई पटेल ने कल्पना की थी। एलबीएसएनएए के निदेशक के श्रीनिवास ने कहाकि इस केंद्र की स्थापना के पीछे का उद्देश्य प्रशासनिक अधिकारियों को सरदार पटेल लीडरशिप सेंटर के साथ लगातार संपर्क में रहने में सक्षम बनाना है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक अधिकारी को मिशन कर्मयोगी की भावना से स्व-निर्देशित सीख का अपना पथ स्वयं निर्धारित करना चाहिए।