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Friday 12 November 2021 12:49:25 PM
काशी/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से देवी अन्नपूर्णा की ऐतिहासिक मूर्ति को 100 साल बाद कनाडा से वापस लाया गया है। ज्ञातव्य हैकि देवी अन्नपूर्णा की 18वीं सदी की मूर्ति चोरी हो गई थी और 100 साल से भी अधिक समय पहले देश से बाहर ले जाया गया था। देवी अन्नपूर्णा की मूर्ति दिल्ली से अलीगढ़, कन्नौज से अयोध्या होते हुए 15 नवंबर को वाराणसी पहुंचेगी, जहां उचित अनुष्ठान के बाद इसे काशी विश्वनाथ मंदिर में स्थापित किया जाएगा, जहां प्राणप्रतिष्ठा का प्रदर्शन किया जाएगा, इससे मां अन्नपूर्णा देवी की आध्यात्मिक और दिव्य कृपा बहाल हो जाएगी, जैसाकि नाम से स्पष्ट है देवी अन्नपूर्णा भोजन और पोषण की देवी हैं। हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म और जैन धर्म से संबंधित 157 कलाकृतियां, पुरावशेष और मूर्तियां भी जल्द ही भारत वापस लाई जाएंगी, जिन्हें हालही में अमेरिका की सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान भारत सरकार को सौंपा था।
देवी अन्नपूर्णा की मूर्ति को सौंपने के साथ ही दिल्ली से वाराणसी तक माता अन्नपूर्णा देवी की पांच दिवसीय यात्रा की समारोहपूर्वक शुरुआत हो गई है। केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री जी किशन रेड्डी, मीनाक्षी लेखी, अर्जुनराम मेघवाल, स्मृति ईरानी, हरदीप पुरी, धर्मेंद्र प्रधान, महेंद्रनाथ पांडे, बीएल वर्मा, जनरल वीके सिंह, एसएस बघेल, भानुप्रताप, अनुप्रिया सिंह पटेल ने संयुक्त रूपसे राष्ट्रीय आधुनिक कला दीर्घा नई दिल्ली में उत्तर प्रदेश सरकार को देवी अन्नपूर्णा देवी की मूर्ति सौंपी। भूपेंद्र सिंह चौधरी, बलदेव सिंह, गुलाबो देवी, सुरेश राणा, कपिल देव अग्रवाल, डॉ धर्म सिंह सैनी, अतुल गर्ग, डॉ संजीव कुमार बाल्यान, जनरल विजय कुमार सिंह, दिनेश खटीक और अनिल शर्मा ने उत्तर प्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहाकि 1976 से अबतक 55 मूर्तियां भारत वापस आ चुकी हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के दौरान 75 प्रतिशत मूर्तियां लौटाई गई हैं, इन 55 पुरावशेषों में से 42 को 2014 के बाद वापस प्राप्त किया गया है, जिनमें अन्नपूर्णा देवी की प्रतिमा अंतिम है।
केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर को धन्यवाद दिया, जिन्होंने इस कार्य को सफल बनाया है। उन्होंने मीडिया को बतायाकि अमेरिका से 157 अन्य प्राचीन वस्तुओं की पहचान की गई है और वे जल्द ही भारत लाई जाएंगी। उन्होंने कहाकि हम देश की समृद्ध विरासत और संस्कृति की रक्षा केलिए प्रयास कर रहे हैं, जल्द ही विभिन्न राज्यों के पुरावशेष संबंधित राज्य सरकारों को लौटा दिए जाएंगे, जिसमें तमिलनाडु की दो मूर्तियां, एक आंध्र प्रदेश की और एक राजस्थान की है। संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने काशी विश्वनाथ में देवी अन्नपूर्णा की मूर्ति को वापस लाने के प्रयासों केलिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहाकि समय बदल गया है, पहले भारत के सांस्कृतिक प्रतीकों को हटा दिया गया था, लेकिन अब उसकी भरपाई की जा रही है और जो कोषाध्यक्ष खो गए थे, उन्हें अब भारत वापस लाया जा रहा है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को इससे पहले 15 अक्टूबर 2021 को देवी अन्नपूर्णा की मूर्ति प्राप्त हुई थी, 17 x 9 x 4 सेंटीमीटर आकार की पत्थर की देवी अन्नपूर्णा की मूर्ति काशी से चोरी हो गई थी और एक सदी पहले कनाडा में इसकी तस्करी की गई थी। प्रधानमंत्री ने 29 नवंबर 2020 को अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में इस मूर्ति को कनाडा से वापस लाने की घोषणा की थी। देवी अन्नपूर्णा मूर्ति 18वीं सदी की मूर्ति यूनिवर्सिटी ऑफ़ रेजिना के मैकेंज़ी आर्ट गैलरी के संग्रह में थी, इसे पिछले साल कनाडा में भारत के उच्चायुक्त को सौंपा गया था।