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Saturday 13 November 2021 12:28:02 PM
मुंबई। भारतीय फिल्म जगत में प्रसिद्ध चरित्र अभिनेता और फिल्म निर्माता सतीश कौशिक की फिल्म 'छोरियां छोरों से कम नहीं होतीं' को 67वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स में सम्मानित किया गया है। भारतीय फिल्म दर्शकों में सतीश कौशिक की एक ऐसे चरित्र अभिनेता के रूपमें पहचान है, जिन्होंने हास्य व्यंग्य और कटाक्ष की भूमिकाओं में ग़जब का अभिनय किया है। दर्शकों के प्रिय चरित्र अभिनेता सतीश कौशिक की फिल्म 'छोरियां छोरों से कम नहीं होतीं' भी काफी लोकप्रिय हुई, जिसने व्यक्तिगत पुरस्कार में नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स के लिए शानदार छलांग लगाई है। गौरतलब हैकि इस वर्ष 22 मार्च को 67वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स के विजेताओं की घोषणा हुई थी, जिसके बाद यह व्यक्तिगत पुरस्कार समारोह हुआ, जिसमें पुरस्कार विजेताओं को उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सम्मानित किया। इस अवसर पर केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर और राज्यमंत्री डॉ लोगनाथन मुरुगना भी उपस्थित थे।
सतीश कौशिक को यह पुरस्कार मिलने में कोविड महामारी के कारण देरी हुई। नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स के इस संस्करण में वर्ष 2019 से भारतीय सिनेमा में सर्वश्रेष्ठ काम को सम्मानित किया गया है। पुरस्कार विजेताओं में मनोज बाजपेयी, कंगना रनौत और रजनीकांत भी शामिल हैं। चरित्र अभिनेता और फिल्म निर्माता सतीश कौशिक को उनकी हरियाणवी फिल्म 'छोरियां छोरों से कम नहीं होतीं' के लिए नेशनल अवॉर्ड मिला। फिल्म को हरियाणवी भाषा में सर्वश्रेष्ठ फिल्म के रूपमें चुना गया था। सतीश कौशिक, फिल्म के निर्देशक राजेश अमरलाल बब्बर के साथ यह प्रतिष्ठित प्रशंसा प्राप्त करने केलिए समारोह में उपस्थित थे। सतीश कौशिक ने इंस्टाग्राम पर फिल्म केलिए मिले पुरस्कार की झलक साझा की, जिसमें एक पदक के साथ एक प्रमाण पत्र भी शामिल है। उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा है-'नेशनल अवॉर्ड..हमारी फिल्म 'छोरियां छोरों से कम नहीं होतीं' ने हरियाणवी भाषा में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार जीता। टीम को बधाई, फिल्म की टीम को जीत की शुभकामनाएं।'
'छोरियां छोरों से कम नहीं होतीं' में सतीश कौशिक, रश्मि सोमवंशी, अनिरुद्ध दवे, मोहन कांत, प्रकाश घई और गौतम सौगत ने अभिनय किया है। इसमें एक लड़की के शिक्षा प्राप्त करने और एक आईपीएस अधिकारी बनने के संघर्ष की कहानी को दर्शाया गया है, जो वह बनने की ख्वाहिश रखती है। फिल्म में रश्मि द्वारा निभाई गई बिनीता की यात्रा को दिखाया गया है, जिसे अपने पिता के विरोध का सामना करना पड़ता है, जो मानते हैं कि लड़कियां केवल घर के काम केलिए होती हैं। हालॉकि वह अपने सपने को प्राप्त करके और प्रतिष्ठित आईपीएस अधिकारी बनने की राह में आने वाली सभी बाधाओं से लड़ती है। प्रतिभाओं को अपना लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में प्रेरणा देने वाली इस फिल्म को दर्शकों ने खूब पसंद किया और उसका अनुसरण किया है।