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Sunday 21 November 2021 01:47:45 PM
पणजी। भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव के 52वें संस्करण की गोवा में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी इंडोर स्टेडियम में भव्य उद्घाटन समारोह केसाथ शुरुआत हो गई है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने इस अवसर पर स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने और गोवा की आज़ादी की 60वीं सालगिरह को याद करते हुए कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव हमारे लिए एक ऐसा मौका है, जब हमें अपने देश को नई ऊंचाइयों पर लेजाने का सामूहिक संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहाकि ये महोत्सव भारतीय सिनेमा केलिए एक अनूठा अवसर प्रस्तुत करता है और ये सभी प्लेटफार्मों पर सभी स्तरों पर सभी क्षेत्रीय भाषाओं, घरेलू और विश्वस्तर पर कन्टेंट क्रिएशन और उसके प्रसार में संभावनाएं प्रस्तुत करता है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य भारत को विश्व सिनेमा का केंद्र बनाना है, जो फ़िल्मों और फ़िल्म महोत्सवों केलिए एक डेस्टिनेशन, फ़िल्मकारों और सिने प्रेमियों केलिए सबसे पसंदीदा जगह हो!
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहाकि इफ्फी-52 दुनियाभर की फ़िल्मों और फ़िल्मकारों का एक विविधताभरा गुलदस्ता लेकर आया है, इफ्फी में कई चीजें पहली बार हो रही हैं, पहलीबार इफ्फी ने ओटीटी प्लेटफार्मों को इजाजत दी हैकि वे आएं और बीते कुछ वर्ष में उन्होंने जो कुछ भी बनाया है, उसे प्रदर्शित और प्रस्तुत करें। उन्होंने बतायाकि इफ्फी बदलाव की रफ्तार को ध्यान में रखते हुए नई तकनीकें अपना रहा है और कलाकारों व उद्योगजगत को एक-दूसरे से जुड़ने केलिए एक मंच दे रहा है। उन्होंने कहाकि पहलीबार पांच ब्रिक्स देश ब्राजील, रूस, चीन, दक्षिण अफ्रीका और भारत की फ़िल्मों को इफ्फी केसाथ ब्रिक्स फ़िल्म महोत्सव के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा। इफ्फी में 300 से अधिक फ़िल्मों का प्रदर्शन किया जा रहा है। सूचना मंत्री ने जानकारी दीकि महोत्सव में लगभग 75 देशों की 148 अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहाकि इफ्फी ने 75 उभरते भविष्य के क्रिएटिव माइंड्स की घोषणा की है, इफ्फी में विशेष अतिथि के रूपमें भाग लेने केलिए देशभर से 75 आकांक्षी युवा फ़िल्मकारों को चुना गया है।
अनुराग ठाकुर ने इस नई पहल पर कहाकि हम 75 यंग माइंड्स को पहचान रहे हैं और मेंटर कर रहे हैं, उन्हें एक बेहद बारीक चयन प्रक्रिया केबाद ग्रैंड जूरी और सलेक्शन जूरी ने चुना है। सूचना मंत्री ने बतायाकि यंग माइंड्स में सबसे कम उम्र का उम्मीदवार सिर्फ छह साल का है और इन 75 उभरते कलाकारों की सूची में कई ऐसे भी शामिल हैं, जिन्हें भारत के कई छोटे कस्बों और शहरों से चुना गया है। उन्होंने इफ्फी केलिए सरकार के प्रगतिशील और महत्वाकांक्षी विज़न को सामने रखा और कहाकि इफ्फी केलिए सरकार का विज़न सिर्फ एक कार्यक्रम तक सीमित नहीं है, बल्कि ये भी हैकि जब भारत अपनी स्वतंत्रता के 100वे वर्ष का जश्न मना रहा हो, तब इफ्फी कैसा होना चाहिए? सूचना मंत्री ने भारत को कॉन्टेंट क्रिएशन का पावरहाउस और दुनिया में पोस्ट-प्रोडक्शन का हब बनाने केलिए सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने कहाकि हमारा उद्देश्य क्षेत्रीय महोत्सवों को बढ़ाकर भारत को कॉन्टेंट क्रिएशन का एक पावरहाउस बनाने का है, खासकर क्षेत्रीय पावरहाउस। उन्होंने कहाकि हम अपने कुशल युवाओं में मौजूद भारी तकनीकी प्रतिभा का लाभ उठाकर भारत को दुनिया का पोस्ट प्रोडक्शन हब बनाने के अपने प्रयासों में भी दृढ़ संकल्पित हैं।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहाकि आज भारत अपनी कहानी सुनाकर दुनिया को सम्मोहित कर सकता है, कहानी दुनिया का नेतृत्व भारत के अंदाज़ में करने को तैयार उभरते, ताकतवर और जीवंत एक अरब लोगों की। केंद्रीय मंत्री ने इस क्षेत्र में रोज़गार की अपार संभावनाओं पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहाकि जब हम कॉन्टेंट और फ़िल्ममेकिंग के डिजिटल युग में छलांग लगा रहे हैं, तब फ़िल्म और मनोरंजन उद्योग रोज़गार का एक बड़ा अवसर प्रदान करता है, इसमें हमें फ़िल्म प्रेमियों की आनेवाली पीढ़ियों केलिए फ़िल्म आर्काइविंग को भी नहीं भूलना चाहिए। सूचना मंत्री ने कहाकि ताज़ा कॉन्टेंट केलिए युवा लोग ही पावरहाउस हैं। उन्होंने कहाकि मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र भारत की तीन बेजोड़ पेशकशों पर खड़ा है-प्रचुर मात्रा और सक्षम श्रम, लगातार बढ़ता उपभोग खर्च और एक विविधता भरी संस्कृति व भाषाई विरासत, दुनिया में आपके पास मोबाइल, इंटरनेट और डिजिटलीकरण के इतने बड़े फुटप्रिंट केसाथ इन सब चीजों की उपलब्धता और कहां हैं?
सूचना मंत्री ने कहाकि कनेक्टिविटी, संस्कृति और वाणिज्य के इस अद्वितीय मेल केसाथ भारत सिनेमाई इकोसिस्टम का केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहाकि आज भारत की कहानी भारतीयों द्वारा लिखी और परिभाषित की जा रही है। केंद्रीय मंत्री ने भारत और दुनियाभर के सभी फ़िल्मकारों को दुनिया के इस सबसे बड़े लोकतंत्र की सहयोगी विविधता के सिनेमाई कलाइडोस्कोप का हिस्सा बनने केलिए निमंत्रण दिया। उन्होंने कहाकि सभी फ़िल्मकारों के लिए हमारा संदेश है कि आइए और सहयोगी विविधता वाले भारत के सिनेमैटिक कलाइडोस्कोप का हिस्सा बनिए, जो नए कदम बढ़ा रहा है और उभरते, महत्वाकांक्षी एक अरब लोगों की आवाज़ इस दशक में और उससे भी आगे नेतृत्व करने और केंद्रीय स्थान लेने की तैयारी कर रही है। उन्होंने उद्घाटन समारोह में सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित हॉलीवुड फ़िल्मकार मार्टिन स्कॉरसेज़ी और हंगरी के फ़िल्मकार इस्तेवान साबो को बधाई दी। अनुराग ठाकुर ने ड्रीम गर्ल हेमामालिनी की सराहना की, जिन्हें 2021 के इंडियन फ़िल्म पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है, उन्होंने फ़िल्म प्रेमियों की कई पीढ़ियों को मंत्रमुग्ध किया है।
अनुराग ठाकुर ने जाने-माने गीतकार और सीबीएफसी के अध्यक्ष प्रसून जोशी की भी सराहना की, उन्हें भी 2021 के इंडियन फ़िल्म पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर अवॉर्ड से सम्मानित किया जा रहा है। सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री डॉ एल मुरुगन ने कहाकि इफ्फी विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक लोकाचार को समझने और विश्व सिनेमा की सराहना करने की अनुमति देता है। उन्होंने कहाकि हमारे अदाकार अतीत में महाननायकों और महान घटनाओं को परदे पर जिंदा कर देते हैं। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शानदार नेतृत्व में भारत का लक्ष्य फ़िल्म मेकिंग का एक आकर्षक डेस्टिनेशन बनना है। उन्होंने कहाकि हमने फ़िल्मकारों की सुविधा केलिए संपर्क के एकल बिंदु के रूपमें फ़िल्म सुविधा कार्यालय खोला है। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने डॉ मनोहर पर्रिकर को याद किया, जिन्होंने गोवा के मुख्यमंत्री के रूपमें पहलीबार इफ्फी की मेजबानी की थी, जिसके बाद पिछले 17 वर्ष से इफ्फी की मेजबानी इस समुद्र तटीय शहर में की जा रही है।
गोवा के मुख्यमंत्री ने कहाकि पर्यटन वाले इस राज्य में फ़िल्म शूटिंग को प्रोत्साहन देने केलिए हम सिंगल विंडो क्लीयरेंस दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बातकी बधाई दीकि उन्होंने दुनिया को दिखा दिया हैकि यह देश बहुत तेजीसे करोड़ों लोगों का टीकाकरण करने में सक्षम है। मुख्यमंत्री ने कहाकि आत्मनिर्भर भारत लक्ष्य के अनुरूप गोवा का लक्ष्य केंद्र सरकार के सहयोग से फ़िल्म और मनोरंजन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करना है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा ने कहाकि इफ्फी देश का सबसे बड़ा और सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म महोत्सव है, जिसकी 50 से अधिक वर्षों की समृद्ध विरासत है। उन्होंने कहाकि इफ्फी दरअसल नौ दिन के आयोजन में एक ही स्थान पर भारत और दुनियाभर की अच्छी फ़िल्मों के प्रदर्शन का महोत्सव है। अपूर्व चंद्रा ने बतायाकि कोविड-19 की चुनौती के बावजूद ये महोत्सव पहले से बड़ा हुआ है, भले ही हम हाइब्रिड मोड में सेलिब्रेट कर रहे हैं, लेकिन ये फ़िल्म महोत्सव पहले से काफी बड़ा हो गया है, हमें पिछले साल 69 देशों की तुलना में इस साल कोविड-19 के बावजूद 96 देशों से 624 प्रविष्टियां मिलीं।
अपूर्व चंद्रा ने कहाकि भारतीय पैनोरमा खंड में भारत की 18 विभिन्न भाषाओं की 44 फ़िल्मों का प्रदर्शन किया जा रहा है, जिसमें दिमसा भाषा की एक फ़िल्म भी शामिल है, जो संविधान की 8वीं अनुसूची में भी नहीं है। महोत्सव में 12 विश्व प्रीमियर, 7 अंतर्राष्ट्रीय प्रीमियर और 64 राष्ट्रीय प्रीमियर किए जा रहे हैं। ब्रिक्स देशों के सिनेमाई कृतियों को ब्रिक्स फ़िल्म महोत्सव और फोकस कंट्री सेक्शन दोनों के हिस्से के रूपमें प्रदर्शित किया जाएगा, बतायाकि पहले जहां सिर्फ एक ही देश फोकस में हुआ करता था, वहीं इसबार पांच ब्रिक्स देश इफ्फी-52 में फोकस में हैं, जिससे फ़िल्मप्रेमी इन पांच देशों की सिनेमाई उत्कृष्टता और योगदान से प्रेरित हो सकेंगे। अपूर्व चंद्रा ने बताया कि इफ्फी के इतिहास में पहलीबार सारे प्रमुख ओटीटी प्लेटफॉर्म जैसे नेटफ्लिक्स, एमेज़ॉन, सोनी, विशेष मास्टरक्लास, कॉन्टेंट लॉंच, प्रिव्यूज़, क्यूरेटेड फ़िल्म पैकेज स्क्रीनिंग्स और विभिन्न ऑन ग्राउंट व वर्चुअल इवेंट्स केजरिए फ़िल्म समारोह में भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहाकि ओटीटी प्लेटफार्मों की भागीदारी भविष्य में एक नियमित चीज बन जाएगी।