स्वतंत्र आवाज़
word map

कौशाम्बी में 'लक्ष्य गांव-गांव की ओर'

बहुजन समाज के बीच 'लक्ष्य' कमांडरों का वृहद कैडर कैंप

बहुजन समाज दूसरों की पीड़ा को अपनी पीड़ा समझे-लक्ष्य

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 21 November 2021 05:31:22 PM

kaushambi mein lakshy gaanv-gaanv kee or abhiyaan

कौशाम्बी। भारतीय समन्वय संगठन 'लक्ष्य' की महिला टीम ने 'लक्ष्य गांव-गांव की ओर' अभियान के तहत लक्ष्य कमांडर ममता गौतम के नेतृत्व में कौशाम्बी जिले की सिराथू तहसील के गांव अटसरई में एक कैडर कैंप का आयोजन किया। कैडर कैंप में लखनऊ से पहुंचीं लक्ष्य की महिला कमांडरों को सुनने के लिए बड़ी संख्या में गांव की महिलाएं आईं। उन्होंने बहुजन समाज के उत्थान केलिए लक्ष्य के समाज सुधारवादी और प्रेरणादायी कार्यक्रमों को जन-जन तक पहुंचाने केलिए लक्ष्य की महिला कमांडरों की जोरदार सराहना की। महिला कमांडरों का इस उद्घोष केसाथ स्वागत हुआ कि उन्होंने बहुजन समाज की दबी-कुचली महिलाओं, बालिकाओं और युवकों को शिक्षा की मुख्यधारा में लाने का बीड़ा उठाया हुआ है। कैडर कैंप में बहुजन समाज की भागीदारी देखकर लग रहा थाकि यह किसी नई दलित उत्थान क्रांति का हिस्सा है, जो समाज को उत्थान पर लाने की कारक कहलाएगी।
गौरतलब हैकि देश में बड़ी बहुजन समाज क्रांतियों के आगाज़ हुए, जिनको समाज की जीवनशैली में उतारने केलिए अनेक संगठन बने, लेकिन उनमें अनेक संगठन बहुजन समाज में जागरुकता और सामाजिक एवं शिक्षा के विकास में ऐसा कुछ नहीं कर पाए, जिससे बहुजन समाज का संगठित होकर कुरूतियों से दूर रहकर उल्लेखनीय प्रगति का मार्ग प्रशस्त हो। भारतीय समन्वय संगठन 'लक्ष्य' ने बहुजन समाज के सामने अपनी महिला कमांडरों की प्रगतिशील सोच केसाथ ऐसे कैडर कैंप का नज़रिया प्रस्तुत किया है, जिसमें महिलाओं की प्रमुखता से भागीदारी हो और उनके बीच बहुजन समाज की सुशिक्षित और संगठित महिलाएं पहुंचें, जो अपने प्रगतिशील विचारों की क्षमताओं से उन्हें सुदृढ़ करें। लक्ष्य का नज़रिया हैकि घरमें बालिका या युवती की शिक्षा से पूरा घर शिक्षित होता है और वह समाज को समझने एवं एक श्रेष्ठ परिवार श्रेष्ठ जीवनशैली के निर्माण केलिए सफलतम प्रयासों का सृजन करता है। भारतीय समन्वय संगठन 'लक्ष्य' ऐसा ही कर रहा है। वह बहुजन समाज को उनकी शिक्षा, अधिकारों केलिए जगा रहा है।
कौशाम्बी के गांव अटसरई में वे ठंड, वर्षा की परवाह किए बिना पहुंची और बड़ी संख्या में मौजूद महिलाओं लड़कियों बालिकाओं और युवकों से संवाद किया। महिला कमांडर उत्तर प्रदेश के कई गांवों कस्बों में कैडर कैंप आयोजित कर चुकी हैं एवं इस प्रकार अपने घर का कामकाज छोड़कर बहुजन समाज के उत्थान केलिए पूरे प्रदेश में दौरा कर रही है। बहुजन समाज में भी उनके संघर्ष का रचनात्मक असर साफ दिखाई देने लगा है। इस कैडर कैंप में महिला कमांडरों ने बहुजन समाज से कहाकि अपना हित चाहते हो तो समाज के हितों पर ध्यान दो, अगर समाज मजबूत होगा तभी ही हम लोग भी मजबूत बन पाएंगे और अगर अपने तक सीमित रहोगे तो कभीभी मजबूत और सुरक्षित नहीं रह सकते हो। महिला कमांडरों ने कहाकि इतिहास गवाह हैकि जिस समाज के लोगों ने अपने समाज के हित में कार्य किए हैं, उस समाज के हितों को सर्वोपरि रखा है, उसी समाज के लोगों ने विकास के फल पाए हैं, अर्थात वे ही लोग देशकी धन धरती पर काबिज हुए, इसलिए समाज की पीड़ा को अपनी पीड़ा समझने वाले लोग ही बहुजन समाज के बीच सम्मानपूर्वक दिखाई दिए हैं और दिखाई देंगे।
लक्ष्य कमांडरों ने बहुजन समाज के लोगों से आह्वान कियाकि मिलकर जातियों की दीवारें तोड़ें और भगवान बुद्ध, बाबासाहेब डॉ भीमराव आंबेडकर एवं मान्यवर कांशीराम जैसे समाज के महापुरुषों की शिक्षा के मार्ग पर चलकर बहुजन समाज के भविष्य का निर्माण करें। कैडर कैंप को लक्ष्य कमांडर संघमित्रा गौतम, रेखा आर्या, राजकुमारी कौशल, ममता प्रकाश, ममता गौतम, इंद्राणी गौतम, रोली पाल, रूचि मौर्या, समीना बानो, अश्विनी गौतम, आशा गौतम, नेहा गौतम, हर्षवर्धन गौतम, लवकुश गौतम, अशोक सिद्धार्थ गौतम, शेषनारायण गौतम, राजू सोनकर, संदीप गौतम, गुड्डू गौतम, शैलेंद्र राज, अशोक कुमार, एमएल आर्या ने प्रमुख रूपसे हिस्सा लिया और समाज को संगठित एवं शिक्षित करने का संकल्प लिया।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]