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बच्चों को न्याय दिला पाते हैं? हुई कार्यशाला

बाल अधिकारों केप्रति सामाजिक चेतना जरूरी-स्मृति ईरानी

'बाल संरक्षण से जुड़े मुद्दों का निवारण बहुत जरूरी है'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 22 November 2021 01:48:24 PM

national workshop on child rights

नई दिल्ली। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने कहा हैकि किसी लोकतंत्र की सबसे अच्छी कसौटी यह होती हैकि एक नागरिक और एक राष्ट्र के रूपमें हम अपने सभी बच्चों को न्याय दिला पाते हैं या नहीं! राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत बाल अधिकारों पर राष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए स्मृति जुबिन ईरानी ने बाल संरक्षण से जुड़े मुद्दों के निवारक पहलुओं पर जोर दिया और कहाकि बाल अधिकारों केप्रति समाज की चेतना को विकसित करना जरूरी है, ताकि वे बच्चों की सुरक्षा और पुनर्वास केलिए आगे आ सकें। उन्होंने कहाकि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बाल अधिकारों के संरक्षण केलिए कई कदम उठाए हैं, इनमें बच्चों के यौन अपराधों से संरक्षण, पॉक्सो अधिनियम और किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम में संशोधन शामिल हैं।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहाकि हालांकि समाज लगातार बदल रहा है और प्रशासनिक जरूरतें गतिशील हैं, इसलिए यह हमपर निर्भर हैकि हम समय केसाथ चलें और चुनौतियों के समाधान केसाथ तत्पर रहें। उन्होंने कहाकि कई लोगों के जेहन में यह धारणा हैकि बाल उत्पीड़न केवल गरीब परिवारों तक सीमित है और उत्पीड़न का शिकार होनेवाले बच्चे गरीब तबके तक ही सीमित हैं, लेकिन वास्तव में बाल उत्पीड़न समृद्ध परिवारों में भी उतना ही स्पष्ट है। उन्होंने कार्यशाला के प्रतिभागियों से आग्रह कियाकि जब वे गरीबी से उत्पन्न होने वाली चुनौतियों का विश्लेषण करें तो उन उत्पीड़नों पर भी ध्यान दें, जो समृद्ध परिवारों, शक्तिशाली संगठनों एवं बच्चों की देखभाल करनेवाले संस्थानों में होते हैं।
स्मृति जुबिन ईरानी ने कहाकि हम इस बात पर भी गौर करेंकि एक प्रशासक के रूपमें नहीं, बल्कि एक नागरिक के रूपमें कैसे इसका समाधान निकाल सकते हैं। आजादी के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में कार्यशाला में शामिल प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए स्मृति जुबिन ईरानी ने कहाकि आपके कंधों पर हमारी आनेवाली पीढ़ी की स्वतंत्रता टिकी है, ताकि वे बिना किसी डर के विकास कर सकें, ताकि वे इस विश्वास केसाथ आगे बढ़ सकेंकि उनके द्वारा न्याय मांगे जाने पर उन्हें न्याय मिलेगा, वे इस विश्वास के साथ बड़े हो सकेंकि आज आप बच्चों की सुरक्षा में जो कुछ भी कर रहे हैं, वह एक ऐसा झंडा है, जिसे वे अपनी आनेवाली पीढ़ी केलिए उठाएंगे। स्मृति जुबिन ईरानी ने बच्चों को उत्पीड़न क्या है और उत्पीड़न की रिपोर्ट कैसे करें के बारेमें शिक्षित करने पर भी जोर दिया।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 14 से 21 नवंबर 2021 तक विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों का आयोजन किया, ये गतिविधियां एवं कार्यक्रम मंत्रालय के व्यापक दृष्टिकोणयानी महिलाओं और बच्चों के समग्र विकास के अनुरूप थे। बाल विचार, अधिकार एवं पोषण विषय के तहत देशभर में इन गतिविधियों में बच्चों की देखभाल करने वाले संस्थानों और विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसियों, दत्तक जागरुकता कार्यक्रम, कानूनी जागरुकता, बाल और किशोर स्वास्थ्य, बाल अधिकार आदि पर सेमिनार एवं वेबिनार शामिल थे। इनका उद्देश्य बाल अधिकारों के बारे में जागरुकता पैदा करने और इस दिशा में बड़े पैमाने पर समुदाय की सामूहिक विचार प्रक्रिया को बढ़ावा देना था।

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