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Friday 03 May 2013 05:51:25 AM
नई दिल्ली। आर्थिक मामलों की केबिनेट समिति ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान से संबंधित प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। इससे राज्य और केंद्र शासित प्रदेश नये स्कूलों के लिए निर्माण कार्य करा सकेंगे और मौजूदा स्कूलों की क्षमता बढ़ा सकेंगे।
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारें राज्य दर सूची या केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की दरों पर निर्माण करा सकेंगी।प्रबंधन, निगरानी, मूल्यांकन और अनुसंधान की राशि कुल बजट के 2.2 प्रतिशत से बढ़कर 4 प्रतिशत हो जाएगी। माध्यमिक शिक्षा की कुछ अन्य केंद्र प्रायोजित योजनाओं जैसे-स्कूल में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, कन्या छात्रावास, माध्यमिक स्तर पर विकलांगों के लिए समावेशी शिक्षा तथा व्यवसायिक शिक्षा को मौजूदा स्वरूप में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान में शामिल किया जा सकेगा। इन सभी नई शामिल योजनाओं के लिए मौजूदा मानदंड और सहायता 12वीं पंचवर्षीय योजना तक लागू रहेगी।
बुनियादी ढांचे, महत्वपूर्ण क्षेत्रों को छोड़कर राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के सभी लाभ सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों को भी मिलेंगे। पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों को छोड़कर अन्य राज्यों में 12वीं योजना के बाकी के चार वर्षों में धनराशि का आवंटन 75:25 जारी रहेगा और पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों (सिक्किम सहित) के लिए यह अनुपात 90:10 होगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान परियोजना स्वीकृति बोर्ड को अभियान में शामिल चार नई केंद्र प्रायोजित योजनाओं के साथ एकीकृत योजना को मंजूरी देने का अधिकार होगा तथा बोर्ड इस अभियान को लागू करने वाली राज्य समिति को सीधे धनराशि का आवंटन कर सकेगा। प्रबंधन, निगरानी, मूल्यांकन और अनुसंधान की बढ़ी हुई 4 प्रतिशत की राशि में से राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के लिए आबंटित 3.5 प्रतिशत राशि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रबंधन, निगरानी, मूल्यांकन और अनुसंधान की गतिविधियों के लिए दी जाएगी।
उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जहां प्रबंधन, निगरानी, मूल्यांकन और अनुसंधान के लिए प्रस्तावित राशि आवश्यकताओं के लिए कम रहती है, वहां प्रबंधन, निगरानी, मूल्यांकन और अनुसंधान की इस राशि को राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों के निर्धारित बजट के पांच प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है।