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Friday 03 May 2013 06:02:27 AM
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दकी और रामवीर उपाध्याय को सुप्रीम कोर्ट ने इस बात से राहत दी है कि उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त की रिपोर्ट पर इनके खिलाफ चल रही सतर्कता जांच में सुप्रीम कोर्ट को सूचित किए बगैर इन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, जबकि कोर्ट ने सतर्कता जांच पर रोक लगाने से इंकार किया है। इन दोनो राजनेताओं ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी कि सतर्कता पर रोक लगाई जाए।
मुख्य न्यायधीश अल्तमश कबीर की तीन सदस्यीय पीठ ने इस अपील पर गुरूवार को सुनवाई करते हुए यह आदेश दिए और साथ ही इनसे सह भी कहा कि वह सतर्कता जांच में सहयोग करें। नसीमुद्दीन सिद्दकी और रामवीर उपाध्याय की पैरवी करने वाले वकीलों पीएच पारिख और गोपाल सुब्रमण्यम ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि लोकायुक्त की रिपोर्ट के आधार पर उनके खिलाफ सतर्कता जांच शुरू हुई है, जबकि लोकायुक्त को रिपोर्ट देने का अधिकार है कि नहीं यह बात अभी कोर्ट में विचाराधीन है।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती में तल्ख रिश्तों के कारण दोनो दलों के नेताओं, कार्यकर्ताओं और पूर्वमंत्रियों के खिलाफ शासन सत्ता का बड़ा घमासान है और भ्रष्टाचार एवं उत्पीड़न के केंद्र में खूब कोर्ट कचहरी हो रही है, यह घटनाक्रम भी इसी की उपज माना जाता है।
नसीमुद्दीन सिद्दकी और रामवीर उपाध्याय बसपा और बसपा अध्यक्ष मायावती के अत्यंत विश्वासपात्र माने जाते हैं। इनमें नसीमुद्दीन सिद्दकी बसपा का वफादार और शक्तिशाली मुस्लिम चेहरा माने जाते हैं तो रामवीर उपाध्याय भी बसपा का वफादार और शक्तिशाली ब्राह्मण चेहरा माने जाते हैं। ये दोनो नेता ही समाजवादी पार्टी की आंखो की किरकिरी माने जाते हैं, जब भी सपा की सरकार आई तो इसमें नसीमुद्दीन सिद्दकी मुख्य निशाने पर रहे हैं, किंतु ये कभी विचलित नहीं हो पाए।
उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त एनके मेहरोत्रा ने इनके विरूद्ध आई शिकायतों की खूब जांच पड़ताल की है और इनके मामले कार्रवाई के लिए शासन और सतर्कता अधिष्ठान को भेजे हैं, जिनके फलस्वरूप जांच की कार्रवाईयां चल रही हैं। सपा सरकार इनको कानूनी तौर पर घेरने में लगी है। इस समय यही माना जा रहा है कि इनके खिलाफ समाजवादी पार्टी की सरकार का अभियान राजनीतिक बदलेबाजी ज्यादा है। सपा सरकार में इन दोनो राजनेताओं को कमजोर करने में पूरी ताकत लगा रखी है। अब देखना है कि आगे क्या राजनीतिक गुल खिलते है।