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Monday 29 November 2021 02:57:46 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा हैकि रचनात्मक नवाचार से जुड़ा हुआ विज्ञान आम आदमी केलिए जीवन में सहजता लाता है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत में विज्ञान न केवल शोध का विषय है, बल्कि इसने उत्सव के आयामों को ग्रहण कर लिया है और भारत के हर शहर तथा गांव में विज्ञान महोत्सव मनाने की जरूरत है, ताकि युवाओं को गंभीर रूपसे सोचने केलिए प्रेरित किया जा सके। डॉ जितेंद्र सिंह 10 से 13 दिसंबर 2021 तक पणजी में होनेवाले अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान उत्सव-2021 के सातवें संस्करण केलिए नई दिल्ली में कर्टेन रेज़र समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहाकि अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान उत्सव का विषय 'आजादी का अमृत महोत्सव' एक समृद्ध भारत केलिए रचनात्मकता, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार का उल्लास मनाना है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री ने कहाकि इसवर्ष इसी थीम पर आधारित इस मेगा इवेंट में बारह कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहाकि भारत अपनी स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का उत्सव मना रहा है और स्वतंत्र भारत के 100 वर्ष के होने से पहले अगले 25 वर्ष केलिए कार्य योजना तैयार करने का समय आ गया है। उन्होंने कहाकि यह भारत के युवाओं केलिए एक गौरवपूर्ण विशेषाधिकार और अवसर है, जब वे 2047 में भारत की स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे होते समय राष्ट्रनिर्माण में योगदान करने में सक्षम होंगे और तब भारत विश्वसमुदाय में एक अग्रणी राष्ट्र के रूपमें खड़ा होगा। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव की श्रृंखला भारत में सतत विकास और नए तकनीकी नवाचारों केलिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के फलक को विकसित करने और व्यापक बनाने में भारत के दीर्घकालिक दृष्टिकोण का एक अभिन्न अंग है। उन्होंने कहाकि इसका उद्देश्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी की उन्नति के माध्यम से ग्रामीण भारत के लिए एक रणनीति बनाना भी है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने बतायाकि भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव ज्ञान और विचारों के आदान-प्रदान, स्वच्छ भारत अभियान, स्वस्थ भारत अभियान मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया जैसे प्रमुख कार्यक्रमों का समर्थन करने केलिए भारतभर के युवा छात्रों, वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकीविदों को एक मंच प्रदान करेगा। उन्नत ग्राम, उन्नत शहर, नमामि गंगे, उन्नत भारत अभियान पिछले सात वर्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू किया है। उन्होंने कहाकि विज्ञान महोत्सव का मुख्य उद्देश्य लोगों द्वारा नवाचारों का उपयोग करना और ऐसी तकनीक विकसित करना है, जो जनता केलिए सस्ती हो। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि इसवर्ष भारत आजादी के 75वें वर्ष को आजादी का अमृत महोत्सव के रूपमें मना रहा है और प्रधानमंत्री ने इसे मनाने केलिए पांच स्तंभों के विचार दिए हैं, जो आईआईएसएफ 2021 में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से परिलक्षित होंगे। भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और विज्ञान भारती का एक संयुक्त कार्यक्रम है, जो भारत का एक स्वदेशी अभियान है।
आईआईएसएफ का पहला कार्यक्रम वर्ष 2015 में आयोजित किया गया था और इस वार्षिक कार्यक्रम का छठा संस्करण वर्ष 2020 में आयोजित किया गया था। आईआईएसएफ का मुख्य उद्देश्य भारत और दुनियाभर में लोगों केसाथ विज्ञान का उत्सव मनाना है। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ एम रविचंद्रन, परमाणु ऊर्जा आयोग के सचिव केएन व्यास, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के महानिदेशक शेखर मांडे, विज्ञान भारती के अध्यक्ष डॉ विजय भटकर और वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अधिकारी कार्यक्रम में शामिल हुए। उत्सव के इन चार दिनों केदौरान होनेवाले कार्यक्रम इस प्रकार हैं-भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान फिल्म महोत्सव देशवासियों केबीच विज्ञान की लोकप्रियता को बढ़ावा देना चाहता है और इसका उद्देश्य प्रतिभाशाली युवा विज्ञान फिल्म निर्माताओं और विज्ञान के प्रति उत्साही लोगों को आकर्षित करना है। आईआईएसएफएफ छात्रों और फिल्म निर्माताओं को फिल्मों के माध्यम से विज्ञान संचार की प्रक्रिया में शामिल होने का अवसर प्रदान करता है। महोत्सव के दौरान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित और पुरस्कार विजेता विज्ञान, स्वास्थ्य और पर्यावरण पर विदेशी और भारतीय फिल्मों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा।
विज्ञान साहित्य महोत्सव के अंतर्गत वैज्ञानिकों के योगदान और स्वतंत्र भारत से शुरू होने वाले उपलब्ध वैज्ञानिक साहित्य पर ध्यान दिया जाएगा। अभियांत्रिकी छात्र महोत्सव के अंतर्गत विचार-विमर्श के एक मंच के माध्यम से अभियांत्रिकी की सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को एकसाथ लाकर तकनीकी ज्ञान का प्रसार करने पर केंद्रित है। छात्रों के विकसित अभिनव उत्पादों व परियोजनाओं के साथ-साथ विचारों को कार्यक्रम स्थल पर प्रदर्शित किया जाएगा। छात्रों को प्रयोगकर्ता को प्रेरित करने वाले मौलिक शोध, नए ज्ञान और अनुप्रयोग के संगम को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। विज्ञान ग्राम उत्सव का मुख्य लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के नए आयामों के बारे में जानकारी देना है। विज्ञान ग्राम कार्यक्रम संसद आदर्श ग्राम योजना से जुड़ा हुआ है और सांसद आईआईएसएफ 2021 में भाग लेने केलिए अपने गोद लिए गांव से पांच छात्रों (कक्षा 8 से 11) और एक शिक्षक को नामांकित करेंगे। हालांकि इस वर्ष कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए यह निर्णय लिया गया हैकि इसको मिश्रित रूपमें आयोजित किया जाएगा, जिसमें गोवा के ग्रामीण क्षेत्रों के नामांकित छात्र तो स्वयं उपस्थित होकर भाग लेंगे, जबकि अन्य राज्यों के छात्र आभासी मोड में कार्यक्रम में शामिल होंगे।
प्रख्यात वैज्ञानिकों की वार्ता में भाग लेने के अलावा प्रतिभागी व्यावहारिक वैज्ञानिक प्रयोग, पोस्टर प्रस्तुति और शहर के दौरे जैसी गतिविधियों को करने में सक्षम होंगे। पारंपरिक शिल्प और शिल्पी महोत्सव देश की आदिम जनजातियों और उनकी विकासात्मक गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करेगा, इसमें सबसे महत्वपूर्ण पारंपरिक भारतीय कला और शिल्प हैं, ऐसे में शिल्पियों के जीवन और उनकी गतिविधियों की भविष्य की संभावनाओं पर भी जानकारी लाई जाएगी। प्राकृतिक रेशों और प्राकृतिक रंगों के उपयोग के कारण पारंपरिक भारतीय कला और शिल्प अपनी तरह के अनूठे हैं। कार्यक्रम में रेशा (फाइबर), धागा (यार्न) और रस्सी बनाने, हस्तशिल्प और अन्य उत्पादों के निष्कर्षण एवं प्रसंस्करण के लिए सीधा प्रसारण और प्रदर्शन होगा। यह कार्यक्रम पारंपरिक शिल्पकारों, कारीगरों, शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों, उद्यमियों,कुटीर उद्योगों, स्वयं सहायता समूहों, नीति निर्माताओं और छात्रों को एकसाथ लाएगा, उन्हें भारतीय पारंपरिक शिल्प पर चर्चा करने केलिए एक मंच प्रदान करेगा। साथही इन्हें विश्वस्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने केलिए व्यावहारिक सुझाव आमंत्रित करेगा, जिससे आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त होता है।
विज्ञान की लोकप्रियता ने अतीत में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में छात्रों की भागीदारी के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। खेलों और खिलौनों का उत्सव का उद्देश्य पर्यावरण अनुकूल खिलौनों और खेलों की लंबी परंपरा को पुनर्जीवित करना है। यह आयोजन न केवल छात्रों की भागीदारी केलिए दिमाग, एकाग्रता और तार्किक सोच को प्रेरित करने और विकसित करने का प्रयास करेगा, बल्कि उन्हें इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से दूरी बनाने में भी मदद कर सकेगा। यह आयोजन स्थानीय निर्माताओं को अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच भी प्रदान करेगा। वैश्विक भारतीय वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकीविदों के सम्मेलन में विश्वभर में कार्यरत भारतवंशी वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकीविदों के एक प्रतिष्ठित समूह को 'विघटनकारी तकनीकों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता और इसके अनुप्रयोगों के अवसरों' पर विचार-मंथन सत्रों केलिए आमंत्रित किया जाएगा, जिससे ज्ञान के आदान-प्रदान की भी सम्भावना है। यह कार्यक्रम सक्षम प्रौद्योगिकियों के माध्यम से ग्रामीण जनता के सशक्तिकरण से संबंधित विषयों की बातचीत का भी आयोजन करेगा। विश्व की प्रमुख चुनौतियां ऊर्जा, सुरक्षा और पर्यावरण की चिंता हैं तथा नवीकरणीय ऊर्जा को इन दोनों समस्याओं के समाधान के रूपमें देखा जाता है।
पर्यावरण उत्सव 2021 सभी प्रकार के वैज्ञानिक और प्रौद्योगिक विकास को प्रदर्शित करने केलिए आत्मनिर्भरता और सतत विकास केलिए अक्षय ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करेगा और देश को हरित अर्थव्यवस्था में अपने पदचिह्न स्थापित करने केलिए विभिन्न प्रकार के नवाचारों पर विचार-विमर्श करेगा। नए युग की प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन, यह आयोजन क्वांटम कंप्यूटिंग, क्लाउड कंप्यूटिंग, रोबोटिक्स और प्रक्रिया स्वचालन, आंकड़ा विज्ञान, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और स्मार्ट शहरों जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में विभिन्न तकनीकी विकास पर केंद्रित होगा। राष्ट्रीय सामाजिक संगठन और संस्थाओं का सम्मेलन का उद्देश्य विज्ञान उन्मुख सामाजिक संगठनों, अनुसंधान एवं शैक्षणिक संस्थानों, सामाजिक उद्यमियों, सामाजिक शोधकर्ताओं और कार्यकर्ताओं विशेष रूपसे सामाजिक विकास और राष्ट्रनिर्माण में लगे जमीनी स्तर के स्वैच्छिक विकास संगठनों के हस्तक्षेप के माध्यम से एकसाथ लाना है। विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार कार्यक्रम जमीनी स्तर के विकास संगठनों और वैज्ञानिक संस्थानों के एक राष्ट्रीय संघ विभा वाणी इंडिया के सक्रिय सहयोग से विकास मॉडल की पहचान और प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जो उद्यमिता और प्रौद्योगिकी और आत्मनिर्भर सामुदायिक विकास के माध्यम से आजीविका में सुधार लाने में भी सहायता करेगा।