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Saturday 4 December 2021 11:44:47 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भारतीय पुलिस सेवा-2020 बैच के 122 परिवीक्षाधीन अधिकारियों से नई दिल्ली में मुलाकात की और उनका 'मेरा क्या, मुझे क्या' की सोच से ऊपर उठकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने का आह्वान किया, इससे आप सहजता केसाथ किसी भी स्थिति को संभालने में सक्षम हो पाएंगे। गृहमंत्री ने अधिकारियों से कहाकि आपकी गतिविधियों का केंद्र पुलिस थाना और सूचना का केंद्र बीट अफ़सर होना चाहिए, इससे आपको बहुत मदद मिलेगी। अमित शाह ने कहाकि एक आईपीएस अधिकारी जब अपने काडर के राज्य की भाषा, इतिहास और सामाजिक संरचना को अच्छी तरह समझेगा, तभीवो अपने कर्तव्यों का निर्वहन अच्छे से कर पाएगा। उन्होंने कहाकि अधिकारियों को एक अच्छा और अपने साथियों के हितों की चिंता करने वाला टीम लीडर बनना चाहिए, तभी वे सबको साथ लेकर चल सकेंगे और पुलिस की छवि में बदलाव ला सकेंगे।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहाकि देश के संविधान ने आपपर 30-35 साल तक देश की सेवा करने का भरोसा किया है और आपको निर्भय होकर संविधान की स्पिरिट को ज़मीन पर उतारने का प्रयास करना चाहिए, क्योंकि जो लोग स्टैंड लेते हैं, वही समाज में परिवर्तन के वाहक बनते हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहाकि आपको बेसिक पुलिसिंग को कभी नकारना नहीं चाहिए, कोरोनाकाल में पुलिस एवं सशस्त्र बलों के सराहनीय कार्यों ने उनके प्रति देश की जनता के नज़रिए को काफ़ी बदला है और हमें इसको और आगे लेजाने की जरूरत है। अमित शाह ने कहाकि उनको समग्रता केसाथ देश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़े विषयों पर ध्यान देना चाहिए, राज्यों के अधिकारों में दख़ल दिए बिना और संविधान की भावनाओं का सम्मान करते हुए फ़ेक करेंसी, हथियारों की तस्करी, ड्रग्स जैसे अपराधों की रोकथाम केलिए राष्ट्रीय स्तरपर समन्वय की आवश्यकता है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि नरेंद्र मोदी सरकार सीआरपीसी और आईपीसी में और अधिक सुधारात्मक बदलाव करने की दिशा में काम कर रही है, इसके अंतर्गत देश की सुरक्षा केसाथ खिलवाड़, नारकोटिक्स और जाली करेंसी जैसे अपराधों को जघन्य अपराधों की श्रेणी में लाकर इनसे निपटने केलिए कड़े प्रावधान किए जाएंगे। उन्होंने कहाकि केंद्र सरकार ने साइबर अपराधों एवं अन्य अपराधों पर लगाम लगाने की दिशा में कई कारगर प्रयास किए हैं, सरकार राज्य सरकारों केसाथ मिलकर फ़ॉरेंसिक साइंस के इस्तेमाल पर बल दे रही है और देश के हर ज़िले में मोबाइल फ़ॉरेंसिक लैब बनाने पर जोर दिया जा रहा है, इसके अलावा देश के हर ज़िले में साइबर अपराध रोकने केलिए एक टीम बनाने पर भी बल दिया जा रहा है। उन्होंने कहाकि छह साल से ज़्यादा सज़ा वाले सभी मामलों में फ़ॉरेंसिक सुबूतों को अनिवार्य बनाया जाएगा।
गृहमंत्री ने सुझाव देते हुए कहाकि महिला पुलिस अधिकारियों को स्कूलों में जाकर बालिकाओं केसाथ नियमित संवाद करना चाहिए, इससे वे भी देश की सेवा में आगे आने केलिए प्रेरित होंगी। अमित शाह ने कहाकि अगर अपराधियों के सपोर्ट सिस्टम को नष्ट कर दिया जाए तो वे कुछ नहीं कर सकेंगे। भारतीय परिवीक्षाधीन अधिकारियों के बैच में कुल 139 परिवीक्षाधीन अधिकारी हैं, इनमें 17 विदेशी प्रशिक्षु अधिकारी भूटान, मालदीव और नेपाल से हैं, भारतीय अधिकारियों में 97 पुरुष, जबकि 25 महिला अधिकारी हैं। ये अधिकारी 29 सप्ताह के ज़िला व्यावहारिक प्रशिक्षण केलिए अलग-अलग स्थानों पर जाएंगे। कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृह सचिव और सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी के निदेशक भी उपस्थित थे।