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Sunday 5 December 2021 01:05:51 PM
जैसलमेर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जैसलमेर में सीमा सुरक्षा बल के रोहिताश बॉर्डर आउटपोस्ट पर सैनिक सम्मेलन में हिस्सा लिया। गृहमंत्री ने एकरात सैनिकों केसाथ भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित बॉर्डर आउटपोस्ट पर बिताई और उनकी कठिनाइयों को समझा और जाना। उन्होंने कहाकि यहांसे कुछ दूरही पाकिस्तान केसाथ हुए भारत के दोनों युद्धों में सेना केसाथ मिलकर बीएसएफ़ जवानों ने वीरता का परिचय दिया था। अमित शाह ने कहाकि ये एक ऐसी पोस्ट है, जहां सेना और बीएसएफ़ के जवानों ने वीरता के अनेक कीर्तिमान स्थापित किए हैं, अगर उस वक़्त लोंगोवाल पोस्ट पर वो लड़ाई ना लड़ी गई होती तो युद्ध का परिणाम कुछ अलग ही होता, जिस जज़्बे और बलिदान की भावना और देशभक्ति की उच्चतम पराकाष्ठा केसाथ उस दिन जवानों ने लड़ाई लड़ी, वो आज भी हमें प्रेरणा देती है।
गृहमंत्री अमित शाह ने बीएसएफ जवानों से कहाकि आप अनेक प्रकार की कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, आपको कई बार लगता होगाकि बीएसएफ़ की नौकरी क्यों की, लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूंकि देश के 130 करोड़ लोग रात को चैन की नींद सोते हैं, क्योंकि उन्हें आपपर भरोसा हैकि आप सीमाओं की सुरक्षा कर रहे हैं। गृहमंत्री ने कहाकि सीमा सुरक्षा बलों ने हर सीमा पर जिस मुस्तैदी केसाथ मोर्चा संभालकर रखा हुआ है, देश की आंतरिक सुरक्षा में और इसे मज़बूत करने केलिए इससे बड़ा योगदान किसी का नहीं हो सकता। उन्होंने कहाकि ये भाव सिर्फ़ मेरे मन में नहीं है, बल्कि देश के 130 लोगों के मन में भी है। उन्होंने कहाकि जिस कठिन परिस्थिति में आप यहां पर रहते हैं, उसको मैंने खुद देखा है, सीमातक जाकर देखा है और मुझे भरोसा हैकि आपकी जितनी कठिनाईयां कम की जा सकें, उतने सरकार ने प्रयास किए हैं और भी आगे इस दिशा में हम कारगर प्रयास सुनिश्चित करेंगे।
गृहमंत्री ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर फ़ॉरवर्ड पोस्ट का दौरा कर वहां गतिविधियों की जानकारी ली और बीएसएफ़ जवानों केसाथ संवाद भी किया। अमित शाह ने कहाकि जिस जगह पर आज आप तैनात हो, उस जगह को पूरे देश में वीरों की भूमि केनाम से जाना जाता है, सर कटा दिए मगर सर झुकाए नहीं, राजस्थान ऐसे ही वीरों की भूमि है, यहां पर एक उज्जवल परंपरा को सेना और बीएसएफ के जवानों ने जारी भी रखा है, कम संख्या में होते हुएभी दुश्मनों के दांत खट्टे किए और विजय प्राप्त की है। उन्होंने कहाकि पराक्रम की पराकाष्ठा वाली 2-3 लड़ाईयां हैं, उनमें से लोंगोवाल बॉर्डर की भी लड़ाई है और पूरा देश जानता है। अमित शाह ने कहाकि आपके जज्बे, समर्पण केलिए मैं आपको बहुत-बहुत बधाई देना चाहता हूं और विश्वास दिलाना चाहता हूंकि बीएसएफ जवानों के कल्याण केलिए जो कुछ भी करने की जरूरत है, नरेंद्र मोदी सरकार निश्चित रूपसे करेगी और इसमें हम जरा भी पीछे नहीं हटेंगे।
अमित शाह ने बीएसएफ़ जवानों को सीएपीएफ़ भारत कार्ड भी वितरित किए और कहाकि सीएपीएफ़ भारत आयुष्मान भारत योजना का एक हिस्सा है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बहुत बड़ा निर्णय किया है, जिसके तहत सीएपीएफ़ के सभी जवानों और उनके परिजनों को भी एक कार्ड दिया जाएगा और वे किसी भी अस्पताल में जाकर उस कार्ड का इस्तेमाल कर अपना और अपने परिजनों का किसी भी बीमारी का इलाज करा सकते हैं। उन्होंने कहाकि यह एक अत्याधुनिक व्यवस्था है, जिससे ना केवल बीएसएफ़, बल्कि सभी सीएपीएफ़ परसे बहुत बड़ा प्रशासनिक बोझ भी कम हो जाएगा। उन्होंने कहाकि इसके पीछे एक छोटासा संवेदनशील संदेश हैकि प्रतिकूल परिस्थितियों में जो जवान देश की सीमाओं की सुरक्षा करते हैं, उनकी और उनके परिवार के स्वास्थ्य की चिंता का बोझ उनके कंधों पर ना रहे। उन्होंने बतायाकि 2 दिसंबर तक लगभग 25 लाख कार्ड देशभर के केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को दे दिए गए हैं और बीएसएफ़ को साढ़े चार लाख स्वास्थ्य कार्ड वितरित कर दिए गए हैं, अगले वर्ष फरवरी अंततक सभी लोगों को उनके परिजनों समेत कार्ड देने का लक्ष्य हम पूरा कर पाएंगे।
गृहमंत्री ने कहाकि हाउसिंग सेटिस्फेक्शन रेश्यो को सुधारने का भी प्रयास किया जा रहा है और वर्ष 2024 तक इसमें काफ़ी सुधार होने की उम्मीद है, हम साइंटिफ़िक तरीक़े से ऐसी व्यवस्था करने जा रहे हैं, जिससे एक साल में कम से कम सौ दिन जवान अपने परिवार केसाथ रह पाए, इसके पीछे उद्देश्य हैकि जो जवान अपने जीवन का स्वर्णमयी समय देश केलिए समर्पित करते हैं, उनके परिजनों, परिवार और उनकी हर प्रकार की चिंता करना सरकार का सर्वप्रथम दायित्व है। उन्होंने बीएसएफ जवानों को संबोधित करते हुए कहाकि भारत हर दिशा और क्षेत्र में प्रगति कर रहा है, उद्योग लग रहे हैं, नई शिक्षा नीति पर अमल हो रहा है, ग़रीब कल्याण केलिए अनेक कार्यक्रमों के माध्यम से ग़रीबों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास कर रहे हैं, युवाओं को स्टार्टअप के माध्यम से ग्लोबल लीडर बनाने का प्रयास कर रहे हैं और ये सारे प्रयास इसीलिए सफल हो रहे हैं, क्योंकि देश की आंतरिक सुरक्षा को आपने सुनिश्चित किया है।
गृहमंत्री ने कहाकि सरकार ने अनेक कल्याणकारी कदम उठाए हैं, प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना चल रही है, एमबीबीएस और बीडीएस की सीटों में आरक्षण किया गया है, भारत के वीर निधि से किसी भी जवान की जान जाती है तो उसके परिवार को सरकार के अलावा भी सहायता देने का काम चल रहा है, अगर कोई जवान विकलांग होता है तो इसके लिए भी ढेर सारी योजनाएं हैं। उन्होंने कहाकि ये सारी योजनाएं चलाकर सरकार ने आपके लिए कुछ किया है ऐसा नहीं है, बल्कि आप जो काम कर रहे हैं, सरकार इसका अनुमोदन करने का एक विनम्र प्रयास कर रही है और यह सरकार का दायित्व है। गृहमंत्री ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हम सबका मार्गदर्शन कियाकि, जहां तक स्वयं नहीं जाते, तबतक कठिनाईयों की जानकारी नहीं मिलती है, इसीलिए मैं भी आया हूं और मुझे भी बहुत अच्छा लगा है। गृहमंत्री केसाथ इस दौरे में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक भी उपस्थित थे।