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गोवा मुक्ति की डायमंड जुबली पर सेमिनार

'युवा सशस्त्र बल सहित पिछली पीढ़ियों के बलिदान को जानें'

गोवा के राज्यपाल ने की गोवा के इतिहास व विकास पर चर्चा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 15 December 2021 03:37:28 PM

seminar on diamond jubilee of goa liberation

पणजी। गोवा नौसेना क्षेत्र ने गोवा मुक्ति की डायमंड जुबली मनाने केलिए दाबोलिम के राज हंस सभागार में एक सेमिनार का आयोजन किया, जिसमें सेना केसाथ शिक्षा जगत के प्रख्यात वक्ताओं और वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने भाग लिया। गोवा के राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई सेमिनार में मुख्य अतिथि थे। उन्होंने उद्घाटन सत्र में मुख्य भाषण दिया। राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई ने गोवा की मुक्ति के इतिहास की गहराई में लोगों को लेजाने की नौसेना की इस पहल की सराहना की और बतायाकि इस तरह के विचार-विमर्श की आवश्यकता है, ताकि जनता विशेष रूपसे युवाओं में राष्ट्र निर्माण केलिए सशस्त्र बलों सहित पिछली पीढ़ियों के बलिदानों केबारे में जागरुकता बढ़ाई जा सके। गोवा क्षेत्र के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग रियर एडमिरल फिलिपोज जी पिनुमूटिल ने स्वागत भाषण दिया।
फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ पश्चिमी नौसेना कमान वाइस एडमिरल एबी सिंह ने बतायाकि इस क्षेत्र में गोवा और भारतीय नौसेना का विकास एक-दूसरे का पर्यायवाची रहा है। उन्होंने बतायाकि भारतीय नौसेना के पहले विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के नौसेना में शामिल होने केसाथ गोवा की मुक्ति हुई थी, इसी दौरान दाबोलिम हवाई क्षेत्र को पूर्ण विकसित हवाई स्टेशन के रूपमें विकसित किया गया था। सेमिनार के पहले सत्र में रियर एडमिरल एसवाई श्रीखंडे (सेवानिवृत्त) ने गोवा की मुक्ति में समुद्री शक्ति का व्यापक विश्लेषण किया, इसके बाद 2 सिग्नल ट्रेनिंग सेंटर गोवा के ब्रिगेडियर एएस साहनी और कर्नल मानवेंद्र नागाइच ने गोवा मुक्ति में भारतीय सेना की भूमिका के बारे में बताया। दूसरे सत्र में गोवा विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ सीमा एस रिसबड ने गोवा की स्वतंत्रता केलिए संघर्ष: आज़ाद गोमांतक दल और गनपाउडर प्रतिरोध केसाथ एक प्रस्तुति पेश की।
कमोडोर जॉनसन ओडक्कल (सेवानिवृत्त) ने भू-राजनीतिक संदर्भ और गोवा मुक्ति के राष्ट्रीय मंथन पर बात की, जिससे मालाबार कनेक्शन सामने आया। दोनों सत्रों में प्रस्तुत पत्रों में गोवा के इतिहास, मुक्ति और विकास पर चर्चा की गई। सभी चर्चाओं का संचालन मैरीटाइम वारफेयर सेंटर मुंबई के निदेशक कमोडोर श्रीकांत केसनूर ने किया। इस अवसर पर राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई ने गोवा मुक्ति प्रयास के दिग्गजों को भी सम्मानित किया। गोवा विश्वविद्यालय में इतिहास के एसोसिएट प्रोफेसर पराग डी पारोबो के प्रस्तुत औपनिवेशिक काल केबाद के गोवा और बदलाव की इसकी राजनीतिक अर्थव्यवस्था के एक अवलोकन केसाथ सेमिनार का समापन हुआ।

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