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Friday 17 December 2021 05:49:10 PM
ढाका। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा हैकि इस अद्वितीय वर्ष में जब हम मुक्ति संग्राम की स्वर्ण जयंती, बंगबंधु की जन्मशताब्दी और हमारी मित्रता की 50वीं वर्षगांठ के साथ-साथ भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, हमें अपने राष्ट्र निर्माताओं के सपनों को पूरा करने केलिए स्वयं को फिरसे समर्पित करना चाहिए। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि 1971 में रक्त और त्याग से निर्मित बंधन भविष्य में भी हमारे राष्ट्रों को एकसाथ आबद्ध करता रहेगा। राष्ट्रपति अपनी बांग्लादेश यात्रा के अंतिम दिन ढाका में भारतीय समुदाय और भारत के मित्रों के स्वागत समारोह में शामिल हुए। बांग्लादेश में भारत के उच्चायुक्त विक्रम कुमार दुरईस्वामी ने इस कार्यक्रम की मेजबानी की। राष्ट्रपति ने इससे पहले ढाका में नवीनीकृत ऐतिहासिक रमना काली मंदिर का उद्घाटन किया और इस बात का उल्लेख किया कि बांग्लादेश और भारत की सरकार और लोगों ने उस मंदिर को बहाल करने में मदद की, जिसे पाकिस्तानी सेना ने मुक्ति संग्राम के दौरान ध्वस्त कर दिया था। उन्होंने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के योद्धा और बांग्लादेश के राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान को उनके घर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहाकि यह मंदिर भारत और बांग्लादेश के लोगों के बीच आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक बंधन का एक प्रतीक है। राष्ट्रपति ने कहाकि भारतीयों के दिल में बांग्लादेश का एक विशेष स्थान है, हमारे बीच एक अद्वितीय घनिष्ठ संबंध है, जो सदियों पुरानी रिश्तेदारी और साझी भाषा एवं संस्कृति पर आधारित है, हमारे इन संबंधों को दोनों देशों के कुशल नेतृत्व ने आगे बढ़ाया है। राष्ट्रपति ने कहाकि एक प्रगतिशील, समावेशी, लोकतांत्रिक और समरसतापूर्ण समाज के बांग्लादेश के मूलभूत मूल्यों को बनाए रखना प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रमुख योगदानों मेंसे एक रहा है। उन्होंने आश्वासन दियाकि भारत उस बांग्लादेश के समर्थन में खड़ा रहेगा, जो इस देश के मुक्ति आंदोलन से उत्पन्न मूल्यों का प्रतीक है। राष्ट्रपति ने इसपर प्रसन्नता व्यक्त कीकि दोनों देशों में नेतृत्व इस बात को लेकर जागरुक हैकि हमारी प्रगति के रास्ते आपस में जुड़े हुए हैं और संसाधनों एवं अनुभवों को साझा करना, सतत विकास का मंत्र है। उन्होंने कहाकि दोनों पक्षों ने हमारे विकास को समावेशी, टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए मजबूत प्रतिबद्धताएं व्यक्त की हैं।
राष्ट्रपति ने कहाकि उन्हें हरित ऊर्जा और स्वच्छ प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में सहयोग को और अधिक मजबूत करने की अपार संभावनाएं दिख रही हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि एक ऐसे देश के रूपमें जो भूटान और नेपाल के साथ भूमि सीमा को साझा करता है, भारत इस बात को लेकर जागरुक हैकि हमारे लोगों केलिए एक बेहतर जीवनस्तर प्राप्त करने और उनकी उन्नति एवं विकासात्मक आकांक्षाओं को पूरा करने केलिए एक अच्छी तरह से जुड़ा हुआ और बेहतर एकीकृत उप क्षेत्र महत्वपूर्ण है। रामनाथ कोविंद ने कहाकि इस भावना से भारत एक मजबूत अर्थव्यवस्था की दिशा में बांग्लादेश की यात्रा में सहायता करने केलिए प्रतिबद्ध है और बांग्लादेश केसाथ साझेदारी कर रहा है, क्योंकि यह बृहत्तर समृद्धि की राह पर है। उन्होंने दोनों पक्षों के व्यापारिक समुदायों से विशेष रूपसे बांग्लादेश-भारत के उत्तर पूर्वी क्षेत्र के बीच व्यापार व आर्थिक संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने केलिए इस अवसर का लाभ उठाने का आग्रह किया।
बांग्लादेश में भारतीय समुदाय की सराहना करते हुए राष्ट्रपति ने कहाकि उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने बांग्लादेश के आर्थिक और सामाजिक विकास में योगदान देने केसाथ भारत-बांग्लादेश की दीर्घकालिक घनिष्ठ द्विपक्षीय संबंधों को भी मजबूत किया है। राष्ट्रपति ने कहाकि भारतीय समुदाय हमारे क्षेत्र में समृद्धि लाकर भारत को गौरवांवित कर रहा है, हमारे देश के मूल्य और परंपराओं का भी पालन किया है, जो बांग्लादेश के साथ हमारी साझा विरासत के भी हिस्से हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि विश्व के सभी हिस्सों में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा, कल्याण और बेहतरी, हमारी सरकार की एक प्राथमिकता है। उन्होंने कहाकि पिछले डेढ़ वर्ष के दौरान विश्व के हर हिस्से में सरकार ने हमारे नागरिकों को कोविड-19 महामारी के सबसे बुरे दौर में घर लौटने में सक्षम बनाने के विशेष प्रयास किए हैं। उन्होंने कहाकि सरकार विदेशों में हमारे नागरिकों सहित प्रवासी भारतीयों केसाथ हमारे संबंधों को मजबूत करने केलिए सभी जरूरी कदम उठाना जारी रखेगी। राष्ट्रपति को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि ढाका में भारतीय उच्च आयोग हमारे 'वंदे भारत मिशन' और संकट में फंसे भारतीय नागरिकों केलिए कल्याणकारी गतिविधियों में अग्रिम मोर्चे पर तैनात था।